भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने राजधानी भोपाल स्थित बूचड़खाने को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है. जिसके बाद एनजीटी ने भोपाल के एसएसपी को निर्देश दिया है कि वो इस आदेश को लागू करने में जिला प्रशासन को हरसंभव मदद उपलब्ध कराएं. 2014 में विनोद कुमार कोरी ने याचिका दायर की थी कि जिंसी चौराहे के पास संचालित बूचड़खाने को दूसरे जगह शिफ्ट किया जाए. ये बूचड़खाना रिहायशी और वाणिज्यिक इलाके में चल रहा है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 30 सितंबर 2015 को बूचड़खाने को 30 सिंतबर 2016 तक जिंसी से दूसरे जगह शिफ्ट करने का आदेश दिया था, बावजूद इसके आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी. एनजीटी ने पाया कि 30 सितंबर 2015 के उसके आदेश के अनुपालन के लिए राज्य सरकार हमेशा कोई न कोई बहाना बनाती रही है. जिस पर एनजीटी ने राज्य सरकार पर एक करोड़ का जुर्माना लगाते हुए 31 मार्च 2018 तक नए बूचड़खाने के लिए जगह ढूंढ़कर वहां शिफ्ट करने का आदेश दिया था, इसके बावजूद सरकार एनजीटी के आदेश को दरकिनार करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई.
नगर निगम पर 10 हजार रुपए प्रतिदिन लगा जुर्माना
वहीं सरकार की लापरवाही से नाराज एनजीटी ने सरकार पर दो करोड़ रुपये जुर्माना लगाने के साथ नगर निगम पर देरी के लिए हर दिन 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. एनजीटी का कहना था कि दस हजार रुपये प्रतिदिन का जुर्माना काम पूरा होने तक या 30 जून 2019 तक वसूला जाएगा. 30 जून तक जुर्माने की रकम 45 लाख 70 हजार रुपये हो गई, लेकिन सरकार और नगर निगम ने एनजीटी के आदेश के अनुपालन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
अभी तक सरकार नहीं खोज पाई बूचड़खाने के लिए जमीन
बीते 18 जुलाई की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने पाया कि सरकार ने नए स्थान पर बूचड़खाना का निर्माण शुरु नहीं किया था. जिसके चलते 31 दिसंबर तक नए बूचड़खाने में काम शुरु करने का निर्देश देते हुए पांच करोड़ का जुर्माना लगा दिया. हालांकि, मंगलवार को भी इस मामले को लेकर सुनवाई हुई, लेकिन सरकार नए बूचड़खाने के निर्माण को लेकर कोई सूचना नहीं दे पाई.
वहीं नगर निगम आयुक्त का कहना है कि नया बूचड़खाना तय समय तक बन जाएगा, लेकिन एडीएम सतीश कुमार के बयान में ये बात सामने आई कि अभी तक बूचड़खाने के लिए जगह भी नहीं मिला है. इससे ये बात साबित होती है कि सरकार एनजीटी के आदेश को दरकिनार कर रही है. उसके बाद एनजीटी ने जिंसी के बूचड़खाने को बंद करने का आदेश देते हुए भोपाल कलेक्टर को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी.