भोपाल। मध्यप्रदेश में नई खनिज नीति जारी होने के बाद राज्य सरकार रेत खदान की सीमाएं भी नए सिरे से निर्धारित करेगी. इसके अलावा खनिज विभाग पहले से चल रही रेत खदानों के अलावा रेत खनन के लिए नए स्थान भी खोज रहा है, ताकि इनकी नीलामी से ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाया जा सके. नई रेत नीति अक्टूबर माह से प्रदेश में प्रभावी होगी.
रेत नीति में बदलाव के साथ ही खनिज विभाग अवैध रूप से जारी रेत खनन पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिश कर रहा है. ये अलग बात है कि विभाग के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश में अवैध खनन जारी है. हालांकि, सरकार की कोशिश है कि अवैध खनन पर रोक लगाकर और रेत की नई खदानों की नीलामी से राजस्व को ज्यादा से ज्यादा जुटाया जाये. इसके लिए विभाग रेत खदानों को नए सिरे से चिह्नित कर रही है.
स्थानीय सार्वजनिक निर्माण के लिये रॉयल्टी फ्री रेत
विभाग ने आदेश दिया है कि प्रदेश में पहले से संचालित रेत खदानों के नए नक्शे तैयार किए जाएं और यह भी निर्धारित किया जाए कि रेत की उपलब्धता क्या है. मुख्य पहुंच मार्ग से रेत खदान की दूरी कितनी है, बंद हो चुकी रेत खदानों की जानकारी भी जुटा रहा है. सरकार ने तय किया है कि रेत खदान वाले गांव के ग्रामीणों को घर बनाने में उपयोगी रेत और सार्वजनिक कार्य के लिए उपयोग में आने वाली रेत को बिना रॉयल्टी के उपलब्ध कराई जाएगी. विभागीय मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार की कोशिश है कि नई रेत नीति से प्रदेश का राजस्व बढ़े, साथ ही स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.