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नई खनन नीति से राजस्व जुटायेगी कर्ज में डूबी MP सरकार, युवाओं को दिलाएगी रोजगार - मप्र समाचार

मध्यप्रदेश सरकार नई खनन नीति अक्टूबर में लागू करने जा रही है. ये नीति राजस्व बढ़ाने और अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर केंद्रित है.

अक्टूबर से प्रदेश में लागू होगी नई खनन नीति
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Published : Jun 23, 2019, 5:50 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में नई खनिज नीति जारी होने के बाद राज्य सरकार रेत खदान की सीमाएं भी नए सिरे से निर्धारित करेगी. इसके अलावा खनिज विभाग पहले से चल रही रेत खदानों के अलावा रेत खनन के लिए नए स्थान भी खोज रहा है, ताकि इनकी नीलामी से ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाया जा सके. नई रेत नीति अक्टूबर माह से प्रदेश में प्रभावी होगी.
रेत नीति में बदलाव के साथ ही खनिज विभाग अवैध रूप से जारी रेत खनन पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिश कर रहा है. ये अलग बात है कि विभाग के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश में अवैध खनन जारी है. हालांकि, सरकार की कोशिश है कि अवैध खनन पर रोक लगाकर और रेत की नई खदानों की नीलामी से राजस्व को ज्यादा से ज्यादा जुटाया जाये. इसके लिए विभाग रेत खदानों को नए सिरे से चिह्नित कर रही है.

अक्टूबर से प्रदेश में लागू होगी नई खनन नीति


स्थानीय सार्वजनिक निर्माण के लिये रॉयल्टी फ्री रेत
विभाग ने आदेश दिया है कि प्रदेश में पहले से संचालित रेत खदानों के नए नक्शे तैयार किए जाएं और यह भी निर्धारित किया जाए कि रेत की उपलब्धता क्या है. मुख्य पहुंच मार्ग से रेत खदान की दूरी कितनी है, बंद हो चुकी रेत खदानों की जानकारी भी जुटा रहा है. सरकार ने तय किया है कि रेत खदान वाले गांव के ग्रामीणों को घर बनाने में उपयोगी रेत और सार्वजनिक कार्य के लिए उपयोग में आने वाली रेत को बिना रॉयल्टी के उपलब्ध कराई जाएगी. विभागीय मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार की कोशिश है कि नई रेत नीति से प्रदेश का राजस्व बढ़े, साथ ही स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.

भोपाल। मध्यप्रदेश में नई खनिज नीति जारी होने के बाद राज्य सरकार रेत खदान की सीमाएं भी नए सिरे से निर्धारित करेगी. इसके अलावा खनिज विभाग पहले से चल रही रेत खदानों के अलावा रेत खनन के लिए नए स्थान भी खोज रहा है, ताकि इनकी नीलामी से ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाया जा सके. नई रेत नीति अक्टूबर माह से प्रदेश में प्रभावी होगी.
रेत नीति में बदलाव के साथ ही खनिज विभाग अवैध रूप से जारी रेत खनन पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिश कर रहा है. ये अलग बात है कि विभाग के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश में अवैध खनन जारी है. हालांकि, सरकार की कोशिश है कि अवैध खनन पर रोक लगाकर और रेत की नई खदानों की नीलामी से राजस्व को ज्यादा से ज्यादा जुटाया जाये. इसके लिए विभाग रेत खदानों को नए सिरे से चिह्नित कर रही है.

अक्टूबर से प्रदेश में लागू होगी नई खनन नीति


स्थानीय सार्वजनिक निर्माण के लिये रॉयल्टी फ्री रेत
विभाग ने आदेश दिया है कि प्रदेश में पहले से संचालित रेत खदानों के नए नक्शे तैयार किए जाएं और यह भी निर्धारित किया जाए कि रेत की उपलब्धता क्या है. मुख्य पहुंच मार्ग से रेत खदान की दूरी कितनी है, बंद हो चुकी रेत खदानों की जानकारी भी जुटा रहा है. सरकार ने तय किया है कि रेत खदान वाले गांव के ग्रामीणों को घर बनाने में उपयोगी रेत और सार्वजनिक कार्य के लिए उपयोग में आने वाली रेत को बिना रॉयल्टी के उपलब्ध कराई जाएगी. विभागीय मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार की कोशिश है कि नई रेत नीति से प्रदेश का राजस्व बढ़े, साथ ही स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.

Intro:मध्य प्रदेश में नई खनिज नीति जारी होने के बाद राज्य सरकार आप रेत खदान की सीमाएं भी नए सिरे से तैयार करने जा रही है। इसके अलावा खनिज विभाग पहले से चल रही रेत खदानों के अलावा रेत खनन के लिए नए स्थान भी खोज रहा है। ताकि इनकी नीलामी से ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाया जा सके। नई रेत नीति अक्टूबर माह से प्रदेश में लागू होगी।


Body:रेत नीति में बदलाव के साथ ही खनिज विभाग अवैध रूप से जारी रेत खनन पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिश कर रही है यह अलग बात है कि विभाग के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश में अवैध खनन जमकर चल रहा है। अला की सरकार की कोशिश है की अवैध खनन पर रोक लगाकर और रेत की नई खदानों की नीलामी से राजस्व को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके इसके लिए विभाग रेत खदानों को नए सिरे से जिन्नत कर रही है वहीं इन खदानों की सीमाएं भी फिर से तय की जा रही है। इसके लिए विभाग ने आदेश दिया है कि प्रदेश में पहले से संचालित रेत खदानों के नए नक्शे तैयार किए जाएं साथ ही यह भी निर्धारित किया जाए की रेत की उपलब्धता क्या है मुख्य पहुंच मार्ग से रेत खदान की दूरी कितनी है। इसके अलावा विभाग बंद हो चुकी रेत खदानों की जानकारी भी जुटा रहा है। सरकार ने तय किया रेत खदान स्थित गांव के लोगों द्वारा बनाए जाने वाले घरों के उपयोग, कारीगरों और ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक कार्य के लिए उपयोग में आने वाली रेत को रॉयल्टी फ्री उपलब्ध कराई जाएगी। विभागीय मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार की कोशिश है की नई रेत नीति से प्रदेश का राजस्व बड़े साथ ही स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।


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