भोपाल। कहते है स्वस्थ्य शरीर मे ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का निवास होता है और काया भी सुंदर बनी रहती है. यदि हम एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर की बात करें तो उसके स्वास्थ्य का पैमाना एक सही वजन और ऊंचाई से नापा जाता है. यदि व्यक्ति का सही उम्र में सही वजन हो तो वह स्वस्थ माना जाता है, क्योंकि सही वजन होने से वह कई सारी बीमारियों से दूर रहता है. इसके उलट यदि व्यक्ति का वजन कम हो तो उसे कुपोषण के दायरे में आ जाते हैं, और यदि अत्यधिक वजन हो तो डायबिटीज, दिल की बीमारी, कैलेस्ट्रोल, बीपी जैसी बीमारियों के खतरा बढ़ जाता है.
राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने बदले पोषण के पैमाने
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के तहत आने वाली संस्था NIN (राष्ट्रीय पोषण संस्थान) इस बात पर लगातार रिसर्च करता रहता है कि देश की जनता के स्वास्थ्य के लिए क्या पैमाने होने चाहिए. देश भर में लगातार किए गए अध्ययन के बाद राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने स्वस्थ व्यक्ति के उम्र के अनुसार हाइट, वजन के पैमानों में कुछ बदलाव किए है.
क्या होना चाहिए वजन ?
संशोधित वजन के मुताबिक दोनों लिंग के औसत वजन में 5 किलो की बढ़ोतरी की गई है. नई गाइडलाइन्स में कहा गया है, अब पुरुषों के लिए आदर्श वजन 65 किलो जबकि महिलाओं के लिए 55 किलो आदर्श वजन रहेगा. इससे पहले भारतीय पुरुषों और महिलाओं का 2010 में औसत वजन 60 किलो और 50 किलो रखा गया था. NIN ने पुरुषों और महिलाओं के लिए औसत ऊंचाई में भी बदलाव किया है.
औसत ऊंचाई में बढ़ोतरी
शोध संस्थान ने पुरुषों की ऊंचाई में 2 इंच का इजाफा किया है. इस तरह अब औसत ऊंचाई बढ़कर 5 फीट 8 इंच हो गई है. जबकि महिलाओं की औसत ऊंचाई 5 फीट से बढ़ाकर 5 फीट 3 इंच कर दी गई है. इसकी वजह बताते हुए NIN के वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारतीय लोगों का बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा पौष्टिक तत्वों के सेवन से बढ़ गया है.
इस नई परिभाषा को समझाते हुए न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर अमिता सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने भले ही बजन बढ़ा दिया हो, इसका मतलब नहीं है कि सभी को वजन बढ़ा लेना चाहिए. यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि हमें शरीर को मिलने वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा निश्चित करना चाहिए.
कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा हो निर्धारित
डॉक्टर अमिता सिंह ने बताया कि पहली बार हमारे खाने में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा कितनी होनी चाहिए यह तय किया गया है. क्योंकि यह देखा गया है कि भारत में जिस तेजी से मोटापा बढ़ रहा है उसके कारण ब्लड प्रेशर, शुगर, डायबिटीज, दिल की बीमारी के रोगी बढ़ रहे है.
कैसे बचे डायबिटीज और दिल की बीमारी से
डॉक्टर अमिता सिंह ने कहा कि आपका वजन 55 किग्रा हो, लेकिन हमें इस बात का खयाल रखना है कि हमारी कमर का साइज हमारी हाइट से आदा ही होना चाहिए. क्योंकि अगर आपका वजन नियंत्रित है पर पेट बढ़ा हुआ है, तो डाइबिटीज और दिल की बीमारी होने की आशंका ज्यादा होती है.
क्या हो डाइट
हमारे यहां यह चलन है कि रोटी-चावल की मात्रा खाने ने ज्यादा ली जाती है. पर इसमें बदलवा की जरूरत है. हमें रोटी- चावल के जगह प्रोटीन पर ध्यान देना चाहिए. दालें, दूध, दही, अंडा, मूंगफली, चना का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए. बैठ कर काम करने वाली महिलाओं को दिन में एक बार एक ही रोटी या 1 कटोरी चावल ले और पुरुषों को दो रोटी या एक कटोरी चावल लेना चाहिए.
फिट रहने के कुछ आसान उपाय
- अपने रोजाना डाइट में अलग-अलग ताजा सब्जियों और फल को शामिल करें. ये फैट और कैलोरी में कम होते हैं जबकि फाइबर की ज्यादा मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा वजन और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अन्य पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होती है.
- अपने सभी आहार में प्रोटीन का सेवन करें. प्रोटीन की मदद से वजन कम करने में मदद मिलती है.
- ब्रेकफास्ट दिन का सबसे अहम आहार होता है. इसलिए इसको खाना न भूलें. कई शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि नियमित ब्रेकफास्ट से कम कर वजन को बहाल रखा जा सकता है.
- अपने मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखें. इससे आपके शरीर से टॉक्सीन बाहर निकलेगा. शोध से साबित हो चुका है कि खाने से पहले एक ग्लास पानी का इस्तेमाल भूख के एहसास में कमी लाता है. जिससे बेहतर वजन घटाने में मददगार साबित होता है.
- नियमित व्यायाम भी वजन कम करने और फिट रखने में अहम भूमिका निभाता है. इसके अलावा एक्टिव होने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है. ब्लड शुगर लेवल संतुलित और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है.