भोपाल। राजधानी भोपाल के हाईप्रोफाइल प्यारे मियां यौन शोषण मामले में बुधवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम बालिका संरक्षण गृह पहुंची थी. जो पूछताछ के बाद बीती रात दिल्ली रवाना हो गई है. भोपाल आई टीम ने करीब 4 घंटे 30 मिनट तक पूछताछ की थी. मृतिका के परिजनों से पूछताछ नहीं की गई थी. हालांकि उनको टीम ने आने के लिए बोला था, लेकिन उन्होंने कहा था कि टीम उनके घर पर आए और बयान दर्ज करे. लेकिन टीम उनके घर नहीं पहुंची. वहीं बीती रात आयोग की टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस मामले की जांच करने टीम दिल्ली से भोपाल आई थी, वही टीम मृतका के परिजनों से पूछताछ किए बगैर ही दिल्ली रवाना हो गई.
बच्चों को परिजनों से नहीं मिलने दिया
बुधवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम नाबालिग बच्चों से पूछताछ की. उनके परिजनों को भी बुलाकर पूछताछ की गई. लेकिन परिजन बच्चों से मिलने के लिए इंतजार करते रहे, पर आयोग की टीम चले जाने के बाद भी परिजनों को बच्चों से नहीं मिलने दिया गया. यह आरोप नाबालिग बच्चियों के परिजनों ने लगाया है. टीम को बच्चों ने यह भी बताया है कि उन्हें यहां पर अच्छा खाना नहीं मिल रहा है.
नींद की गोली कैसे पहुंची उलझा हुआ है सवाल
बालिका संरक्षण गृह में बीते दिनों नाबालिग बच्ची की नींद की गोली खाने से मौत हो गई थी. इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है कि नींद की गोली नाबालिग बच्ची के पास कैसे पहुंची. उसने जो गोली कैसे खाई, इसी बात पर पूरी जांच टिकी हुई है. जिसका खुलासा रहस्य बना हुआ है.
पूर्व व वर्तमान अधीक्षकों से की गई पूछताछ
इस मामले में पूर्व अधीक्षक व वर्तमान अधीक्षक से भी पूछताछ कर रही है. इसके अलावा दूसरे काम करने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई है. उनके खाने से लेकर सभी विषयों पर पूछताछ और जांच की गई.
2 दिन बाद जांच सौंपेगी आयोग की टीम
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम राजधानी भोपाल में 14 लोगों से पूछताछ करने के बाद 2 दिन के बाद जांच दल को यह जांच सौंपेगी. जिसमें कुछ खुलासा होने की उम्मीद है. दिल्ली से आई टीम इन 8 घंटों में ऐसी क्या जांच करके गई है. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम के सदस्य मीडिया से दूरी बनाए हुए थे.
मृतिका के परिजनों से कर सकती है टीम ऑनलाइन बात
नाबालिग मृतिका के परिजनों से दिल्ली से आई टीम उनके ना मिलने पर ऑनलाइन बातचीत कर सकती है. हालांकि टीम बीती रात दिल्ली लौट गई है.
अन्य नाबालिगों की भी हुई थी तबीयत खराब
संदिग्ध स्थिति में नाबालिग की मौत के बाद अन्य नाबालिगों की तबीयत खराब हुई थी. जिसमें से एक नाबालिग को हमीदिया और दो को जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दो नाबालिग को छुट्टी दे दी गई है. एक का इलाज जारी है. परिजनों का आरोप है कि उन्हें अच्छा खाना नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ रही है.
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क्या है मामला
दरअसल, प्यारे मियां मामले में नाबालिग की मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई थी. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी. पीड़िता की मां ने बताया था कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया था.
बाल आयोग ने कलेक्टर से मांगा था जवाब
इस मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भोपाल कलेक्टर को पत्र लिखा था, आयोग ने 7 बिंदुओं पर 3 दिन में जवाब मांगा था. वहीं इस मामले की जांच करने दिल्ली से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम बीते दिन भोपाल आई थी, जो पीड़िता के परिजनों से पूछताछ किए बिना ही दिल्ली वापस रवाना हो गई.