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Narottam Mishra PC: दिग्विजय सिंह बाबर के हिमायती, पाठ पढ़ा रहे सावरकार का

गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर करारा वार किया है. गृह मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह बाबर के हिमायती हैं और बात करते हैं सावरकर की. इसके साथ ही नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि वह खुद को भावी सीएम बताने का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं. जबकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बार-बार इसका विरोध करते हैं.

Narottam Mishra PC Bhopal
दिग्विजय सिंह बाबर के हिमायती, पाठ पढ़ा रहे सावरकार का
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Published : Mar 28, 2023, 12:18 PM IST

दिग्विजय सिंह बाबर के हिमायती, पाठ पढ़ा रहे सावरकार का

भोपाल। भाजपा के नए कार्यालय के भूमिपूजन समारोह को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निशाना साधा तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जोरदार पलटवार किया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे लोग बाबर के हिमायती हैं और बात करते हैं सावरकर की. हिंदू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद जैसे आपत्तिजनक शब्द बोलने वाले बोलने वाले अब हमको संस्कृति समझा रहे हैं. जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राम पर सवाल उठाते रहे, राम जन्मभूमि के शिलान्यास पर सवाल उठाते रहे, वह हमको संस्कृति समझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाले हमें सभ्यता का पाठ पढ़ा रहे हैं. साधुओं पर गोली चलाने वाले हमें संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाएंगे.

क्यों नहीं मान रहे कमलनाथ : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर भी निशाना साधा. कमलनाथ को दिल्ली वालों ने और प्रदेश प्रभारी ने कभी नहीं कहा कि वह भावी सीएम हैं. कमलनाथ ने खुद के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगवा दिए. अरुण यादव और राहुल भैया ने भी हमेशा से यही कहा है कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो मुख्यमंत्री पद का फैसला आलाकमान करेगा. इसके बाद भी कमलनाथ के मन से कभी स्वयंभू सीएम पद का मोह छूट नहीं रहा. दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह भी कह चुके हैं कि सीएम हाईकमान तय करेगा. लेकिन कमलनाथ मानने को तैयार नहीं हैं.

  • सावरकर के पढ़ाये हिंदुत्व के यही संस्कार हैं यजमान ऊंचे आसन पर, यज्ञाचार्य और हवन कुंड यजमान से नीचे। इसीलिए मैं हमेशा कहता हूँ हिन्दू सनातन धर्म और सावरकर का हिंदुत्व बिल्कुल अलग अलग है। @JPNadda जी आप तो मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के दामाद हैं आपने ये गलती कैसे कर दी? https://t.co/ltGhysAwq1

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) March 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कमलनाथ की बात कोई सुनता नहीं : नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल भी जानते हैं कि प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की बनेगी. इसलिए मुख्यमंत्री पद की बात करना फिजूल है. कांग्रेस अब रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने घर-घर मुहिम चलाने जा रही है, इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसे कमलनाथ दिल्ली वालों की कोई बात नहीं मानते. वैसे ही कमलनाथ की जिले में कोई बात नहीं मानता. बाल कांग्रेस बनाने से लेकर हाथ जोड़ो अभियान का जो हाल हुआ, वही हाल इस अभियान का भी होगा. मनाएंगे किसे क्योंकि कार्यकर्ता बचे ही नहीं.

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उद्धव ठाकरे पर भी तंज कसा : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उद्धव ठाकरे को लेकर कहा कि सत्ता जाते ही उन्हें वीर सावरकर की याद आ गई. ये वही ठाकरे हैं, जो राहुल गांधी के साथ सरकार बनाकर सत्ता के लोभ में सावरकर का अपमान करते थे. वैसे भी राहुल गांधी की तुलना सावरकर से नहीं कर सकते. सावरकर 14 साल जेल में रहे और राहुल गांधी शुरू से ही बेल पर रहे. 2 अप्रैल को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो रही है, इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ सिर्फ बैठक ही बुला सकते हैं. पिछले 3 साल में बैठक के अलावा कमलनाथ ने क्या किया है. उम्र का तकाजा है कि वह बैठक ही बुला सकते हैं. प्रदर्शन थोड़ी ना कर सकते हैं. प्रदर्शन में चले भी गए तो चल नहीं पाएंगे. संसद में विपक्ष के काले कपड़े पहनने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संसदीय मान्यताओं और परंपराओं का कभी कांग्रेस ने सम्मान नहीं किया.

दिग्विजय सिंह बाबर के हिमायती, पाठ पढ़ा रहे सावरकार का

भोपाल। भाजपा के नए कार्यालय के भूमिपूजन समारोह को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निशाना साधा तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जोरदार पलटवार किया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे लोग बाबर के हिमायती हैं और बात करते हैं सावरकर की. हिंदू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद जैसे आपत्तिजनक शब्द बोलने वाले बोलने वाले अब हमको संस्कृति समझा रहे हैं. जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राम पर सवाल उठाते रहे, राम जन्मभूमि के शिलान्यास पर सवाल उठाते रहे, वह हमको संस्कृति समझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाले हमें सभ्यता का पाठ पढ़ा रहे हैं. साधुओं पर गोली चलाने वाले हमें संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाएंगे.

क्यों नहीं मान रहे कमलनाथ : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर भी निशाना साधा. कमलनाथ को दिल्ली वालों ने और प्रदेश प्रभारी ने कभी नहीं कहा कि वह भावी सीएम हैं. कमलनाथ ने खुद के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगवा दिए. अरुण यादव और राहुल भैया ने भी हमेशा से यही कहा है कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो मुख्यमंत्री पद का फैसला आलाकमान करेगा. इसके बाद भी कमलनाथ के मन से कभी स्वयंभू सीएम पद का मोह छूट नहीं रहा. दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह भी कह चुके हैं कि सीएम हाईकमान तय करेगा. लेकिन कमलनाथ मानने को तैयार नहीं हैं.

  • सावरकर के पढ़ाये हिंदुत्व के यही संस्कार हैं यजमान ऊंचे आसन पर, यज्ञाचार्य और हवन कुंड यजमान से नीचे। इसीलिए मैं हमेशा कहता हूँ हिन्दू सनातन धर्म और सावरकर का हिंदुत्व बिल्कुल अलग अलग है। @JPNadda जी आप तो मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के दामाद हैं आपने ये गलती कैसे कर दी? https://t.co/ltGhysAwq1

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) March 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कमलनाथ की बात कोई सुनता नहीं : नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल भी जानते हैं कि प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की बनेगी. इसलिए मुख्यमंत्री पद की बात करना फिजूल है. कांग्रेस अब रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने घर-घर मुहिम चलाने जा रही है, इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसे कमलनाथ दिल्ली वालों की कोई बात नहीं मानते. वैसे ही कमलनाथ की जिले में कोई बात नहीं मानता. बाल कांग्रेस बनाने से लेकर हाथ जोड़ो अभियान का जो हाल हुआ, वही हाल इस अभियान का भी होगा. मनाएंगे किसे क्योंकि कार्यकर्ता बचे ही नहीं.

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उद्धव ठाकरे पर भी तंज कसा : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उद्धव ठाकरे को लेकर कहा कि सत्ता जाते ही उन्हें वीर सावरकर की याद आ गई. ये वही ठाकरे हैं, जो राहुल गांधी के साथ सरकार बनाकर सत्ता के लोभ में सावरकर का अपमान करते थे. वैसे भी राहुल गांधी की तुलना सावरकर से नहीं कर सकते. सावरकर 14 साल जेल में रहे और राहुल गांधी शुरू से ही बेल पर रहे. 2 अप्रैल को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो रही है, इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ सिर्फ बैठक ही बुला सकते हैं. पिछले 3 साल में बैठक के अलावा कमलनाथ ने क्या किया है. उम्र का तकाजा है कि वह बैठक ही बुला सकते हैं. प्रदर्शन थोड़ी ना कर सकते हैं. प्रदर्शन में चले भी गए तो चल नहीं पाएंगे. संसद में विपक्ष के काले कपड़े पहनने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संसदीय मान्यताओं और परंपराओं का कभी कांग्रेस ने सम्मान नहीं किया.

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