भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संघ के कई लोगों ने मदद की थी, जोकि सही है, वह सही है, सच कहने से कोई गुरेज नहीं है, पर मैं आज भी संघ की विचारधारा का विरोधी हूं. दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा पर आधारित उनके निजी सचिव ओपी शर्मा ने नर्मदा के पथिक नाम से किताब लिखी है, जिसके विमोचन के बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान ये बातें कही. सिंह ने कहा कि संघ में कर्मठता है, उनके प्रचारकों में कर्मठता है, पर देश में कभी भी लोगों को बांटकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हालांकि, मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक है तो फिर इस प्रकार का जो देश में हो रहा है, वह नहीं होना चाहिए.
दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा पर लिखी पुस्तक 'नर्मदा के पथिक' का गुरुवार को होगा विमोचन
हमने तो सभी को बुलाया पर कोई नहीं आया
वहीं कार्यक्रम में बीजेपी के किसी नेता के नहीं शामिल होने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और मंत्री विश्वास सारंग सहित अन्य भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई भी नेता इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. हमने तो सभी को बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए तो कोई बात नहीं. इससे पहले मंच से उन्होंने कहा कि हमने गाड़ी, हवाई जहाज से परिक्रमा नहीं की थी, यात्रा के दौरान हजारों लोगों का साथ मिला. उनके घरों में खाना नहीं था, लेकिन हमें भूखा नहीं रहने दिया. गुजरात यात्रा पहुंची तो अमित शाह ने कुछ लोगों को पहुंचाया और नर्मदा परिक्रमा करने में पूरी मदद की. यात्रा के दौरान संघ के लोग भी मिलने आते थे.
पर्यावरण को संजोना है: अमृता सिंह
दिग्विजय सिंह के कारण 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी, सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि दिग्विजय सिंह मेरे आदर्श हैं, उनकी वजह से ही कांग्रेस 2018 का चुनाव जीती थी. वहीं दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय ने कहा कि हमें अपने पर्यावरण को संजो कर रखना चाहिए, जिससे आने वाले समय में नर्मदा का हम बेहतर उपयोग कर सकें.
410 पेज में लिखा है नर्मदा परिक्रमा का संस्मरण
विमोचन कार्यक्रम में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी की शिष्य लक्ष्मी मणि दीदी, गुजरात मंडलेश्वर से आई ज्योति दीदी और करुणाधाम आश्रम के सुदेश शांडिल्य के साथ ही दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा, रामेश्वर नीखरा, कांतिलाल भूरिया, पीसी शर्मा, नर्मदा प्रसाद प्रजापति मौजूद रहे, नर्मदा के पथिक पुस्तक लेखक दिग्विजय सिंह के निजी सचिव और यात्रा में 6 महीने तक उनके सहयात्री रहे ओपी शर्मा द्वारा लिखी गई है, जोकि 410 पेज की है. लगभग 3000 किलोमीटर की यात्रा वृतांत को नर्मदा किनारे की लोक संस्कृति को पेश किया गया है, जिसमें नर्मदा किनारे रहने वाले लोगों के खानपान बोली, रहन सहन को वर्णित किया गया है, इस पुस्तक की प्रस्तावना दिग्विजय सिंह और भूमिका उनकी पत्नी अमृता राय ने लिखी है.
किताब में नर्मदा की संस्कृति-पीड़ा का है चित्रण: शर्मा
किताब के लेखक ओपी शर्मा से ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान दिग्विजय सिंह का अलग ही व्यक्तित्व दिखा, नर्मदा परिक्रमा के 4 साल पूरे होने के दौरान उनकी यात्रा पर लिखी गई पुस्तक नर्मदा के पथिक लांच की गई है, जिसमें नर्मदा की संस्कृति के साथ ही नर्मदा की पीड़ा को भी दर्शाया गया है. ओपी शर्मा ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान दिग्विजय सिंह का जो व्यक्तित्व नजर आया, वह अद्भुत और कल्पना से परे है. वह बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के और संवेदनशील इंसान नजर आते हैं. नेता होने के बाद भी पूरी तरह से नर्मदा पथिक रहे. गुजरात के पास एक जंगल में नर्मदा परिक्रमा के दौरान करीब 28 किलोमीटर रास्ता भटक गए थे और आगे चले गए थे. तब दोनों एक बबूल के पेड़ के नीचे बैठ गए और समय बिताया, दिन भर खाना नहीं मिला था.