भोपाल। मानसून आने वाला है, लेकिन उससे पहले ही राजधानी में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुट गया है. बारिश से पहले नालों की साफ सफाई का अभियान शुरू हो गया है. इसको लेकर पूरे शहर में छोटे बड़े सभी नालों में सफाई का काम हो रहा है. वहीं दूसरी ओर इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के पूर्व पार्षद आरोप लगाते हैं कि जो कर्मचारी सफाई करने में लगे हैं, उनको पर्याप्त सुविधाएं नहीं दी गई. न किसी के पास हाथों के लिए दस्ताने हैं, न ही चेहरे के लिए मास्क. पूर्व महापौर कृष्णा गौर ने अपने क्षेत्र में चल रही नालों की सफाई का निरीक्षण किया और कई खामियां मिलने पर अधिकारियों को फटकार लगाई.
बारिश से पहले सफाई अभियान
हर साल बारिश से पहले नगर निगम भोपाल में बने नालों की सफाई का अभियान चलाया जाता है. यह अभियान 15 जून तक चलाया जा रहा है. जिसके चलते शहरभर में नालों की साफ सफाई की जा रही है. भोपाल की बात करें, तो शहर में कुल 778 बड़े नाले हैं, जबकि छोटे नालों की संख्या इससे भी ज्यादा है. नगर निगम कोरोना काल में भी बेहतर साफ-सफाई के दावे कर रहा है. निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना है कि निगम के पास पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हैं और संसाधन भी.
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सफाई अभियान पर राजनीति
वहीं नगर निगम के सफाई अभियान को लेकर शहर में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के पूर्व पार्षद ने आरोप लगाया है कि एक ओर कोरोना महामारी का डर और भय है. तो वहीं दूसरी ओर नालों की सफाई में लगे कर्मचारियों के पास न तो दस्ताने हैं और न ही मास्क. ऐसे में उनकी जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. इधर, पूर्व महापौर कृष्णा गौर ने भी अपने क्षेत्र में हो रहे नालों की सफाई का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें भी कई खामियां नजर आईं. जिसको लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी अधिकारियों पर जताई और नालों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर उन्हें हटाने के निर्देश दिए.