भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. आज आरिफ मसूद के कॉलेज पर निगम का बुलडोजर चल गया है. खानूगांव एक्सप्रेस इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के एक हिस्से को निगम के अमले ने धारा शाही किया है. कार्रवाई के लिए निगम अमले ने कुल आधा दर्जन से भी ज्यादा जेसीबी मशीनों को लगाया था. इसके अलावा ट्रक और निगम के सैकड़ों कर्मचारी भी मौके पर मौजूद रहे. तो वहीं दूसरी तरफ आरिफ मसूद के समर्थक काली पट्टी बांधकर कॉलेज परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं.
कैचमेंट एरिया में है कुछ हिस्सा
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज का एक हिस्सा केचमेंट एरिया में है. जिसको लेकर ही यह पूरी कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा कॉलेज परिसर में स्पोर्ट्स क्लब के नाम पर छोटे-छोटे शेड बनाए गए हैं. इनको भी निगम के अमले ने तोड़ने की कार्रवाई की है. तो वहीं कॉलेज बिल्डिंग का एक हिस्सा भी तोड़ा गया है.
भारी पुलिस बल तैनात
अतिक्रमण की कार्रवाई के चलते खानू गांव में भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है इलाके के एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि, निगम अवैध रूप से किए गए निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है और किसी भी हंगामे या अप्रिय घटना की आशंका को लेकर यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है उन्होंने कहा कि किसी भी तरीके से इस कार्रवाई में कल नहीं पड़ने दिया जाएगा और हंगामा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
समर्थक धरने पर बैठे
कॉलेज परिसर में ही इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरिफ मसूद के समर्थक धरने पर बैठ गए हैं. सभी समर्थकों ने सिर पर काली पट्टी बांधी हुई है और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. समर्थकों का कहना है कि बदले की नियत से प्रशासन यह पूरी कार्रवाई कर रहा है. इस कार्रवाई को लेकर पूर्व में कोई भी नोटिस निगम ने जारी नहीं किया था.
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद एवं अन्य के खिलाफ गुरुवार को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में धारा 153 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. उनके खिलाफ यह मामला धर्म संस्कृति समिति की शिकायत पर भोपाल के तलैया पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है.
आरिफ मसूद पर दो FIR पहले से दर्ज
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर हाल ही में इकबाल मैदान में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है. आरिफ के साथ- साथ इस मामले में कुल दो हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वहीं बुधवार को आरिफ समेत 6 लोगों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धाराओं के तहत दूसरा मामला दर्ज किया गया.
...इसलिए हुई थी FIR
30 अक्टूबर को राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में विधायक आरिफ मसूद की अगुवाई में हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे और फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन किया था. साथ ही उनसे माफी मांगने की अपील की थी. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन भी हुआ था.
ये भी पढ़ें: FIR दर्ज होने के बाद ETV भारत पर बोले आरिफ मसूद, हम आतंकवाद के समर्थक नहीं, जाएंगे कोर्ट
कौन हैं आरिफ मसूद
2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं. विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने कह दिया था कि, 'मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा'. इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
ये भी पढ़ें:फ्रांस राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में आरिफ मसूद समेत 50 गिरफ्तार, मिली जमानत
दबंग छवि के हैं आरिफ मसूद
आरिफ मसूद ने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ पूरे भोपाल में प्रदर्शन किए थे. मॉब लिंचिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों के साथ वे सड़कों पर उतरे थे, साल 2001 में 'गदर- एक प्रेम कथा' फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ भोपाल के लिली टॉकीज में भी कार्यकर्ताओं के साथ इन पर तोड़फोड़ का आरोप है. इसका नेतृत्व भी मसूद ने ही किया था. उस समय मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्विजय सिंह ने मसूद को पार्टी से निकाल दिया था. कुछ समय समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और 2010 में पार्टी के अल्पसंख्क मोर्चा के संयोजक बने.