भोपाल। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की. राजधानी के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के कान्हा सईया गांव से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान करीब 5 एकड़ सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण जमीदोंज कर दिए गए. अधिकारियों के अनुसार यह सरकारी जमीन का क्रय-विक्रय करना अपराध है. लेकिन लोग सस्ते के चक्कर में यह जमीन खरीदकर मकान बना लेते हैं. यह बात भी सामने आई है कि ज्यादातर मकान लॉकडाउन के दौरान ही बनाए गए हैं. हैरान करने वाली बात यह भी है कि कई सरकारी नौकरी करने वालों ने भी सरकारी जमीन पर अपने मकान ताने हुए थे. जिनके खिलाफ एसडीएम ने कार्रवाई करने की भी बात कही है.
सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने भी ताने मकान
बताया जा रहा है कि कान्हा सईया गांव में सरकारी जमीन पर तेजी से मकानों का अवैध निर्माण हो रहा है. अधिकतर मकान लॉकडाउन के समय बनाए गए हैं. जिसमें से कुछ मकानों में किसी के पिलर खड़े हैं, किसी की छत डली है. ऐसे लगभग 15 मकानों को चिन्हित कर उन्हें गिराने की कार्रवाई की जा रही है. इसमें काफी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भी मकान बनाने की बात सामने आ रही है. एसडीएम आकाश श्रीवास्तव ने बताया कि, पीडब्ल्यूडी विभाग के एक अधिकारी का लगभग 5 हजार स्क्वायर फिट का मकान कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया गया. मकान बनाने वालों का सरकारी रिकॉर्ड तलाश कर उन पर कार्रवाई करने की बात भी एसडीएम आकाश श्रीवास्तव ने कही है. नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन की पूरी टीम ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा.
प्रशासन पर गंभीर आरोप
प्रशासन की अतिक्रमण हटाओं कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बिना नोटिस दिए ही कई नगर निगम कार्रवाई करने पहुंच गया. लोगों ने कहा कि यह ग्राम पंचायत का क्षेत्र है, इसमें भोपाल नगर निगम का क्या दखल. बिना किसी तरह का नोटिस जारी किए इस तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं है. प्रशासन पर कई लोगों ने अलग-अलग आरोप भी लगाए है.
कुछ घंटों में गुम जाएगा ये गांव ! जमींदोज होंगे 10 हजार मकान
फिलहाल मौके पर 50 से अधिक मकानों का निर्माण हो चुका है और लोग रहने भी लगे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने केवल उन्हीं मकानों को चिन्हित कर कार्रवाई की है, जिनमें लोग नहीं रह रहे हैं या जो विगत दो-तीन माह के अंतर्गत निर्माणाधीन हुए हैं. बारिश के चलते जिन घरों में परिवार रह रहे हैं उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, उन्हें नोटिस देकर भूमि पर कब्जा खाली करने की बात कही गई है.