भोपाल: हिन्दूवादी नेता और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है. शर्मा ने कहा कि जिन्ना से ज्यादा खतरनाक दिग्विजय सिंह हैं. उनका काम और व्यवहार जिन्ना से ज्यादा खतरनाक है. शर्मा यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह 1947 की तरह विभाजन कराना चाहते हैं. रामेश्वर शर्मा ने अपना ये बयान भोपाल के गांधीनगर क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह में दिया है.
हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चंदा उगाही वाले बयान पर पलटवार किया था. रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि मेरी दिग्विजय सिंह से प्रार्थना है कि वह 1947 का जिन्ना बनने की कोशिश ना करें. बनना है, तो 2021 का हिंदुस्तानी बने और जय श्री राम बोले.
1947 के जिन्ना नहीं 2021 के हिंदुस्तानी बनो
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि दिग्विजय सिंह की नजर में ऐसा लग रहा होगा. सरकार अल्पसंख्यक बाहुल्य को नहीं अपराधियों को टारगेट कर रही है. प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि अगर कोई माफिया, कोई ड्रग माफिया या कोई अफीम और कोकीन बेचता है, जिससे हमारी नौजवान पीढ़ी बर्बाद होती है. कोई मकान और जमीन पर कब्जा करता है, सरकारी संपत्ति बेचता है, बहन बेटियों की इज्जत लूटता है और कोई जुलूस पर पथराव करता है, तो ऐसे माफिया को कुचला जाएगा. उसकी जमीन तोड़ी जाएगी, भूमि राजसात की जाएगी.
रामेश्वर शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जो चाहे कर लें, उनसे एक ही प्रार्थना है कि 1947 का जिन्ना बनने की कोशिश मत करो, बनना है तो 2021 का हिंदुस्तानी बनो और जय श्री राम बोलो.
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राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा को लेकर दिया था बयान
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने वाली रैलियों के दौरान मध्य प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों को निशाना बनाया गया है. उन्होंने हिंसा की इन घटनाओं की जांच किसी सेवानिवृत्त मुख्य सचिव या पुलिस महानिदेशक से कराने और मुआवजा देने की मांग की थी.
मालवा अंचल में रैलियों में हुआ पथराव
पिछले दिनों राम मंदिर निर्माण को लेकर मालवा अंचल के उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, नीमच और खरगोन में निकाली गई रैलियों के दौरान पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थी. इन घटनाओं के बाद सरकार ने पत्थरबाजी को लेकर सख्त कानून बनाने का ऐलान किया था.
पत्थरबाज के खिलाफ कानून बनाने के मसौदे पर हुई चर्चा
प्रदेश में पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू की जा चुकी है. शुक्रवार को मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में इस नए कानून के मसौदे पर चर्चा की गई थी. बताया जा रहा है कि हड़ताल या दंगों में निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर भी वसूली करने का प्रावधान इस कानून में होगा.