भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने प्रदेश में घटित हुई 5 घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों से मांगा है. भोपाल में अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिये सिर्फ एक डॉक्टर को तैनात किया गया है. मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिये यात्रियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अभी करीब 13 हजार से ज्यादा लोगों का रजिस्टेशन होना संभावित है. इन यात्रियों को मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिये जय प्रकाश अस्पताल, भोपाल में चार डॉक्टर अधिकृत हैं, परंतु फिलहाल एक डॉक्टर ही काम कर रहा है. तीन डॉक्टर छुट्टी या किसी अन्य ड्यूटी पर हैं, एक का तबादला हो गया है. इस वजह से अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं. इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर सीएमएचओ, भोपाल एवं अधीक्षक जेपी अस्पताल से मामले की जांच कराकर यथाशीघ्र समस्या का समाधान कर एक सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.
दमोह जिले में शवगृह में नहीं फ्रीजर : जिला अस्पताल दमोह में बीते सोमवार की रात को भारी अव्यवस्था का मामला सामने आया. यहां शवगृह में फ्रीजर न होने के कारण मृतक के परिजनों को 800 रुपये में बर्फ की सिल्ली बाजार से खरीदकर लानी पड़ी. तब शव को बर्फ पर रखकर शवगृह में रखा गया. बताया गया कि इस जिला चिकित्सालय में तीन फ्रीजर हैं, जिनमें से दो खराब हैं. मृतक के परिजनों का कहना था कि वे शाम को जिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां कोई व्यवस्था नहीं मिली. शव को बर्फ पर रखा, फिर लखन पटेल ने रात दस बजे फ्रीजर उपलब्ध कराया. इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर सीएमएचओ, दमोह से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.
नदी तैरकर जाते हैं स्कूल : विदिशा जिले की बरोदिया के ग्राम पंचायत में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है. यहां के बच्चे स्कूल पहुंचने के लिए नदी को तैरकर पार करते हैं. यदि गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाये तो उसे इलाज कराने के लिये 20 किलोमीटर दूर शमशाबाद अस्पताल तक ले जाने के लिये मरीज को खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ता है. कलेक्टर विदिशा का कहना है कि इस गांव की समस्या का निदान कर विकास कार्य करायेंगे. नदी पर पुल बनाने के लिये इंजीनियर्स से परीक्षण करायेंगे. मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर से मामले की जांच कराने को कहा है.
ये खबरें बी पढ़ें... |
मजदूरी की राशि हड़पी : गुना जिले की आरोन जनपद पंचायत के अंतर्गत भ्रष्टाचार का जमकर खेल खेला जा रहा है, ग्राम पंचायत झितिया के सचिव ने तो कुछ ज्यादा ही अति कर दी. वह प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का पैसा हड़प कर लेता है. गांव के लोगों ने कलेक्टर गुना को जनसुनवाई में यह शिकायत दर्ज कराई है. ग्राम पंचायत झितिया के सचिव गजेन्द्र सिंह यादव ने हितग्राहियों की कुटीर के 30-30 हजार रुपये हड़प लिये. वह हितग्राहियों को मिलने वाली आवास की राशि किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करा लेता है. मानव अधिकार आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर से जांच करने को कहा है.