भोपाल। मध्यप्रदेश में चाहे चुनाव हों, पोलियो अभियान या अन्य गतिविधियां इन सभी में शिक्षकों की ड्यूटी भी लगा दी जाती है. ऐसे में शिक्षक पढ़ाने की बजाय इन कामों में ही व्यस्त रहते हैं. जबकि कई शिक्षक इन कामों का बहाना बनाकर पढ़ाने ही शालाओं में नहीं आते. इसी को देखते हुए जो शिक्षक बीएलओ हैं और पढ़ाने शालाओं में नहीं आते उसको लेकर भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है की विभाग को लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही थी कि जो टीचर्स बूथ लेवल ऑफिसर का काम कर रहे है, वह स्कूल नहीं आ रहे. जबकि निर्वाचन काम करने के लिए टीचर्स को अलग से मानदेय दिया जाता है। ऐसे में टीचर स्कूल आने से इंकार नहीं कर सकते
नए आदेश से टीचर्स खफा : आदेश में कहा गया है कि अगर वह निरीक्षण के दौरान स्कूलों में अनुपस्थित रहे तो प्राचार्य पर भी इसको लेकर कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश के बाद शिक्षक खासे खफा हो गए हैं. इस आदेश का टीचर्स संगठन विरोध भी कर रहे हैं. टीचर्स का कहना है कि मप्र में 25 हजार टीचर्स BLO की ड्यूटी कर रहे हैं. पर टीचर्स दोनों काम एक साथ नहीं कर सकते. स्कूल शिक्षा विभाग को टीचर्स को BLO की ड्यूटी से मुक्त कर बच्चों को पढाने का काम करने देना चाहिए.
स्कूली शित्रा मंत्री यह बोले : विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि शिक्षक का मूल कार्य शिक्षा देना है ,स्कूलों में उनको उपस्थित रहना जरूरी है. विभाग की कोशिश है कि टीचर्स को गैर शैक्षणिक कामों से धीरे-धीरे दूर किया जाए. इसके लिए यह आदेश निकाला गया है. हम व्यवस्था करने में लगे हुए है. बता दें कि फिलहाल यह मामला इतना सरल नहीं है, जितना दिख रहा है. क्योंकि हर बार चुनाव और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों में कर्मचारियों की कमी होने के कारण स्कूल टीचर्स की ही ड्यूटी लगाई जाती है. इसके लिए अलग से कोई कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे में विभाग टीचर्स पर कितना अंकुश लगा पाता है, यह देखने वाली बात होगी. (Teachers teaching school with BLO) (MP School eduaction departmet order) (School eduaction minister statement)