भोपाल। गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन इस बार दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में मध्यप्रदेश के आदिवासियों की आत्मनिर्भरता पर केंद्रित झांकी नहीं दिखेगी. केंद्र सरकार की चयन समिति ने मध्यप्रदेश की झांकी को खारिज कर दिया है. इस मामले में कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए भेदभाव के आरोप लगाए हैं.
आदिवासियों का हुआ अपमान
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्यों से आत्मनिर्भर भारत की थीम पर अपने राज्य की झांकी बनाने के लिये प्रस्ताव मांगे थे. मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस थीम पर केंद्रित झांकी का माडल केंद्र को भेजा था, लेकिन सरकार की चयन समिति ने इसे खारिज कर दिया है.
मुख्यमंत्री करें केंद्र सरकार से बात
गुप्ता ने इसे मध्यप्रदेश का अपमान बताया और कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि विगत 17 सालों में कई बार मध्यप्रदेश की झांकियां क्यों खारिज हुईं. सरकार ने इतने झटके खाने के बाद क्या सबक सीखा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को चाहिये था कि वे इस मामले पर केन्द्र सरकार से बात करते, लेकिन उनके इस रवैये से स्पष्ट होता है कि उन्होंने आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये कुछ नहीं किया, केवल घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें वोटों की खातिर आदिवासी हितों का ढिंढोरा पीटती रहीं हैं, लेकिन जब बात आदिवासी जीवन के प्रस्तुति की आती है तो मुंह फेर लेती हैं.
केन्द्र सरकार कर रही भेदभाव
केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये की आलोचना करते हुए गुप्ता ने कहा कि इससे पहले पश्चिम बंगाल और दिल्ली की झांकियां भी बाहर कर दी गई थीं. जिस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र को चिठ्ठयां लिखी थी और दिल्ली सरकार ने भी आवाज उठाई थी. लेकिन मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों को अपना नहीं मानती केवल उनका हितैषी बनने का नाटक करती है.
(Republic Day 2022) (MP tableau will not be seen on Rajpath )