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MP : सरकारी खर्च पर BEd करने वाले टीचर्स को ट्रेनिंग के दौरान अब ग्रामीण इलाके में करनी होगी ड्यूटी - अब पूरे प्रदेश में व्यवस्था होगी लागू

मध्यप्रदेश में सरकारी खर्च पर बीएड (BEd) करने वाले (Teachers BEd at government expense) टीचर्स को ट्रेनिंग के दौरान अब ग्रामीण इलाके के शिक्षकविहीन स्कूल में अपनी सेवाएं देनी होंगी. भोपाल में किए गए इस प्रयोग को अब राज्य सरकार प्रदेश भर में लागू करने जा रही है. इन स्कूलों में पढ़ाने के दौरान टीचर्स की पढ़ाई का मूल्यांकन भी किया जाएगा.राजधानी भोपाल में ग्रामीण इलाकों के ऐसे 98 स्कूलों की सूची तैयारी की गई है, जहां टीचर्स को पदस्थ किया जाएगा.

MP School education Teachers BEd
BEd टीचर्स को ट्रेनिंग के दौरान अब ग्रामीण इलाके में करनी होगी ड्यूटी
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Published : Nov 11, 2022, 7:14 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 5:14 PM IST

भोपाल। टीचर्स के लिए बीएड अनिवार्य किया गया है. इसको देखते हुए ऐसे सरकारी टीचर, जो बीएड क्वालिफाई नहीं हैं, उन्हें सरकारी खर्चे पर पीजीबीटी कॉलेज से बीएड कराया जाता है. राजधानी भोपाल के पीजीबीटी कॉलेज और प्रगत शैक्षिक संस्थान द्वारा तय किया गया है कि ट्रेनिंग के दौरान टीचर्स को अपनी सेवाएं टीचरविहीन स्कूलों में ही देनी होंगी. राजधानी भोपाल में इसके लिए 98 स्कूलों की सूची तैयारी की गई है.

अब पूरे प्रदेश में व्यवस्था होगी लागू : भोपाल के इस प्रयोग को स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी सराहा है. इसके चलते अब इस प्रयोग को प्रदेश भर में लागू किया जा रहा है. लोक शिक्षण संचालनालय ने इसको लेकर सभी संभागों के संभागीय अधिकारियों को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि बीएड और एमएड करने वाले टीचर्स को प्रशिक्षिण के लिए ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में भेजा जाए. दरअसल, देखा जाए तो बीएड और एमएड के प्रशिक्षण के दौरान क्लोसेस के लिए टीचर्स स्कूलों में पहुंचते ही नहीं थे. इसे वे सिर्फ कागजों पर ही दर्शा देते थे.

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कर्मचारी नेता ने किया स्वागत : कर्मचारी नेता मुरारीलाल सोनी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि अभी तक प्रशिक्षण के नाम पर ऐसे नजदीकी स्कूलों में टीचर्स को भेजा जाता था, जहां टीचर्स की जरूरत ही नहीं होती है. उनके मुताबिक पीजीबीटी कॉलेज में बीएड एमएड में कई बार टीचर्स प्रभाव के दम पर प्रवेश ले लेते हैं और फिर दो साल प्रशिक्षण के नाम पर निकाल देते हैं, इसे बंद होना चाहिए.

भोपाल। टीचर्स के लिए बीएड अनिवार्य किया गया है. इसको देखते हुए ऐसे सरकारी टीचर, जो बीएड क्वालिफाई नहीं हैं, उन्हें सरकारी खर्चे पर पीजीबीटी कॉलेज से बीएड कराया जाता है. राजधानी भोपाल के पीजीबीटी कॉलेज और प्रगत शैक्षिक संस्थान द्वारा तय किया गया है कि ट्रेनिंग के दौरान टीचर्स को अपनी सेवाएं टीचरविहीन स्कूलों में ही देनी होंगी. राजधानी भोपाल में इसके लिए 98 स्कूलों की सूची तैयारी की गई है.

अब पूरे प्रदेश में व्यवस्था होगी लागू : भोपाल के इस प्रयोग को स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी सराहा है. इसके चलते अब इस प्रयोग को प्रदेश भर में लागू किया जा रहा है. लोक शिक्षण संचालनालय ने इसको लेकर सभी संभागों के संभागीय अधिकारियों को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि बीएड और एमएड करने वाले टीचर्स को प्रशिक्षिण के लिए ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में भेजा जाए. दरअसल, देखा जाए तो बीएड और एमएड के प्रशिक्षण के दौरान क्लोसेस के लिए टीचर्स स्कूलों में पहुंचते ही नहीं थे. इसे वे सिर्फ कागजों पर ही दर्शा देते थे.

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कर्मचारी नेता ने किया स्वागत : कर्मचारी नेता मुरारीलाल सोनी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि अभी तक प्रशिक्षण के नाम पर ऐसे नजदीकी स्कूलों में टीचर्स को भेजा जाता था, जहां टीचर्स की जरूरत ही नहीं होती है. उनके मुताबिक पीजीबीटी कॉलेज में बीएड एमएड में कई बार टीचर्स प्रभाव के दम पर प्रवेश ले लेते हैं और फिर दो साल प्रशिक्षण के नाम पर निकाल देते हैं, इसे बंद होना चाहिए.

Last Updated : Nov 17, 2022, 5:14 PM IST
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