भोपाल। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय उद्यान में केवल एक गेस्टहाउस था और इसलिए वीआईपी को समायोजित करने के लिए तंबू लगाए गए. इसमें बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने की आवश्यकता थी. ये भी कहा गया कि हेलीपैड बनाने के लिए पेड़ों को काटा गया. रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कुनो में हेलीपैड बनाने के लिए कोई पेड़ नहीं काटा गया. इस तरह से चुनी गई साइट पेड़ों से रहित थी. पेड़ों की कटाई के बारे में खबर बिल्कुल झूठी है. न तो 300 मेहमान थे और न ही उनके लिए कोई टेंट आवास बनाया गया था. (Report of trees cuts Kuno) (Cheetah reintroduction event) (MP forest department clarification) (trees cut for pm modi event kuno)
ये कहा स्पष्टीकरण में : दरअसल, टेंट आवास का इस्तेमाल ससाईपुरा रिसॉर्ट में किया जाता था, जहां गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों को रखा जाता था. कुनो नेशनल पार्क में टेंट हाउस बनाने की खबर निराधार है. एक ट्वीट में प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तथ्य-जांच विंग ने भी कहा है कि मीडिया रिपोर्टों में सच्चाई नहीं है. बता दें कि मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आठ चीतों के पहले जत्थे को नामीबिया से केएनपी में एक संगरोध बाड़े में छोड़ा. चीता प्रजाति के विलुप्त घोषित होने के 70 साल बाद भारत वापस आ गया है. (Report of trees cuts Kuno) (Cheetah reintroduction event) (MP forest department clarification) (trees cut for pm modi event kuno)
विशेषज्ञों की निगरानी में चीते: नामीबिया से लाए गए आठ चीते मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नए वातावरण के अनुकूल ढलने की कोशिश कर रहे हैं. विशेषज्ञ की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है. विशेषज्ञ की टीम ने बताया कि सभी चीते पांच मादा और तीन नर स्वस्थ्य हैं. कूनो पार्क में छह बाड़ों में इन आठ चीतों को रखा गया है. दो बाड़ों में दो-दो चीते हैं, जबकि चार बाड़ों में एक-एक चीते को रखा गया है. 30 मीटर गुणा 25 मीटर के इन बाड़ों में चीतों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं. नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ ही वन विभाग के कर्मचारी भी इन पर नजर रख रहे हैं. दो-दो वनकर्मी एक समय पर इन चीतों पर नजर रख रहे हैं. यानी हर समय कम से कम दो वनकर्मी इनकी निगरानी कर रहे हैं.
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चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क रहने के अनुकूल है: कूनो नेशनल पार्क करीब 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है जो चीतों के रहने के लिए अनुकूल है. इस अभ्यारण में इंसानों की किसी भी तरह की बसाहट भी नहीं है. देश के यहां चीतों के लिए अच्छा शिकार भी मौजूद है, क्योंकि यहां पर चौसिंगा हिरण, चिंकारा, नीलगाय, सांभर एवं चीतल बड़ी तादाद में पाए जाते हैं. नामीबिया से ही टीम अपने साथ हेल्थ किट लेकर भी आई है. वहीं उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित करने से पहले और बाद में एक-एक महीने के लिए अलग रखा जाना चाहिए. चीतों कों विशेषज्ञों की राय के अनुसार भैंस का मांस खिलाया, अफ्रीकी देश से भारत आने के बाद पहली बार रविवार शाम को उन्हें भोजन परोसा गया था. (Report of trees cuts Kuno) (Cheetah reintroduction event) (MP forest department clarification) (trees cut for pm modi event kuno)