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MP Politics मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का कमलनाथ को जवाब- सिंधिया तोप नहीं, मिसाइल हैं

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सिंधिया पर निशाना साधने के बाद अब बयानों का सिलसिला फिर चल पड़ा है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और शिवराज सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा है कि सिंधिया तोप नहीं बल्कि मिसाइल हैं. इसी मिसाइल से कांग्रेस सरकार का पतन हुआ था और बीजेपी सरकार बनी थी.

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MP Politics मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का कमलनाथ को जवाब
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Published : Jan 21, 2023, 12:08 PM IST

MP Politics मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का कमलनाथ को जवाब

भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्री और सिंधिया के वफादार महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कमलनाथ पर पलटवार किया है. सिसौदिया ने कमलनाथ को याद दिलाया कि सिंधियारूपी मिसाइल के कारण ही कांग्रेस की सरकार बनी थी और जैसे ही मिसाइल ने अपना मुंह मोड़ लिया तो आपकी सरकार टपक गई. मंत्री सिसौदिया ने दावा किया कि 2023 में सिंधियारूपी मिसाइल बीजेपी को भारी बहुमत से फिर जीत दिलाएगी. बता दें कि कमलनाथ के बयान पर सिंधिया भी जवाब दे चुके हैं. सिंधिया ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 15 महीने की तोप सरकार का रिकार्ड है- तबादला उद्योग, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और माफिया.

कमलनाथ ने ये कहा था : बता दें कि कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘अब हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं. वह कोई तोप नहीं. अगर तोप होते तो ग्वालियर और मुरैना का महापौर का चुनाव क्यों हारे.’ यह भी पता होना चाहिए कि सिंधिया के चलते ही कमलनाथ सरकार गिरी थी. सिंधिया और कमलनाथ के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई को कांग्रेस की सरकार गिरने की बड़ी वजह माना गया. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन रही थी.

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कमलनाथ व सिंधिया के बीच ऐसे हुआ तनाव

कमलनाथ व सिंधिया के बीच ऐसे हुआ तनाव : टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य का अतिथि शिक्षकों के समर्थन में दिए बयान ने आग में घी डालने का काम किया. यही विवाद कमलनाथ सरकार गिरने की प्रमुख वजह माना गया. टीकमगढ़ में अतिथि शिक्षकों ने सिंधिया से उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर सवाल किया था. इस पर सिंधिया ने कहा था कि अगर अतिथि शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे. यह पहला मौका था जब सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ कोई बयान दिया था. इस बयान पर सियासी रस्साकसी उस समय और तेज हो गई, जब कमलनाथ ने कह दिया था- उतर जाएं सड़क पर. कमलनाथ की यही बात सिंधिया को चुभ गई थी और उसी दिन कमलनाथ सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई थी.

कमलनाथ का ज्योतिरादित्य पर तंज! सिंधिया तोप नहीं बल्की निरर्थक नेता, MP में बनने जा रही कांग्रेस सरकार

ग्वालियर व मुरैना में क्यों हारी बीजेपी : कुछ माह पहले हुए नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर में कांग्रेस ने 57 साल पुराना बीजेपी का किला ढहा दिया था. वहीं मुरैना केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है, वहां भी बीजेपी हार गई थी. इसके पीछे की वजह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की खींचतान मानी जा रही है. वहीं दोनो नगर निगम बागियों के चलते बीजेपी हार गई. अब ग्वालियर-चंबल में सिंधिया व तोमर के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. सिंधिया ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं वहीं इसी सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर की भी निगाह है.

MP Politics मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का कमलनाथ को जवाब

भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्री और सिंधिया के वफादार महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कमलनाथ पर पलटवार किया है. सिसौदिया ने कमलनाथ को याद दिलाया कि सिंधियारूपी मिसाइल के कारण ही कांग्रेस की सरकार बनी थी और जैसे ही मिसाइल ने अपना मुंह मोड़ लिया तो आपकी सरकार टपक गई. मंत्री सिसौदिया ने दावा किया कि 2023 में सिंधियारूपी मिसाइल बीजेपी को भारी बहुमत से फिर जीत दिलाएगी. बता दें कि कमलनाथ के बयान पर सिंधिया भी जवाब दे चुके हैं. सिंधिया ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 15 महीने की तोप सरकार का रिकार्ड है- तबादला उद्योग, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और माफिया.

कमलनाथ ने ये कहा था : बता दें कि कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘अब हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं. वह कोई तोप नहीं. अगर तोप होते तो ग्वालियर और मुरैना का महापौर का चुनाव क्यों हारे.’ यह भी पता होना चाहिए कि सिंधिया के चलते ही कमलनाथ सरकार गिरी थी. सिंधिया और कमलनाथ के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई को कांग्रेस की सरकार गिरने की बड़ी वजह माना गया. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन रही थी.

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कमलनाथ व सिंधिया के बीच ऐसे हुआ तनाव

कमलनाथ व सिंधिया के बीच ऐसे हुआ तनाव : टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य का अतिथि शिक्षकों के समर्थन में दिए बयान ने आग में घी डालने का काम किया. यही विवाद कमलनाथ सरकार गिरने की प्रमुख वजह माना गया. टीकमगढ़ में अतिथि शिक्षकों ने सिंधिया से उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर सवाल किया था. इस पर सिंधिया ने कहा था कि अगर अतिथि शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे. यह पहला मौका था जब सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ कोई बयान दिया था. इस बयान पर सियासी रस्साकसी उस समय और तेज हो गई, जब कमलनाथ ने कह दिया था- उतर जाएं सड़क पर. कमलनाथ की यही बात सिंधिया को चुभ गई थी और उसी दिन कमलनाथ सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई थी.

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ग्वालियर व मुरैना में क्यों हारी बीजेपी : कुछ माह पहले हुए नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर में कांग्रेस ने 57 साल पुराना बीजेपी का किला ढहा दिया था. वहीं मुरैना केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है, वहां भी बीजेपी हार गई थी. इसके पीछे की वजह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की खींचतान मानी जा रही है. वहीं दोनो नगर निगम बागियों के चलते बीजेपी हार गई. अब ग्वालियर-चंबल में सिंधिया व तोमर के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. सिंधिया ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं वहीं इसी सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर की भी निगाह है.

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