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E vivechna App: मध्य प्रदेश पुलिस हुई तकनीकी रूप से दक्ष, थानों का कार्य हुआ डिजिटल - MPSCRB

एमपी पुलिस लगातार तकनीकी रूप से दक्ष हो रही है. खासकर ई-विवेचना ऐप पुलिस के लिए क्रांतिकारी कदम साबित हुआ. अब मौके पर ही विवेचना के महत्वपूर्ण बिंदु दर्ज हो जाते हैं. यह कहना है स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के एडीजी चंचल शेखर का.

MP Police Cronfrence
एमपी पुलिस कांफ्रेंस
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Published : Mar 7, 2023, 7:51 AM IST

भोपाल। पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर थाने तक स्मार्ट हो गई है. विवेचना में तेजी आई है. इससे केस का निपटारा जल्दी हो जाता है. यह बड़ी जानकारी सामने निकलकर आई भोपाल में चल रही दो दिनी कांफ्रेंस से. भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से भोपाल में 6-7 मार्च को 'सुशासन प्रथाओं' पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सोमवार से यह कार्यक्रम शुरू हुआ.

MP Police Cronfrence
एमपी पुलिस कांफ्रेंस

थानों का कार्य डिजिटल: इस कार्यक्रम में पूरे देश के लगभग 200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पहले दिन मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के एडीजी चंचल शेखर ने 'ई-विवेचना ऐप' पर प्रेजेन्टेशन दिया. एडीजी शेखर ने बताया कि, सीसीटीएनएस के माध्यम से थानों का कार्य डिजिटल हुआ है. स्मार्ट (सेंसिटिव, मोबाइल, अलर्ट, रिलायबल और टेक सेवी) पुलिसिंग की अवधारणा को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मैदानी स्तर पर पुलिसकर्मियों को डिजिटल टूल के रूप में ई-विवेचना ऐप विकसित कर उपलब्ध कराया गया है.

क्लालिटी विवेचना हुई शुरू: एडीजी चंचल शेखर ने बताया कि ई-विवेचना एप के उपयोग से मध्य प्रदेश पुलिस की तकनीकी दक्षता बढ़ी है. विवेचक टैबलेट की सहायता से मौके पर ही वास्तविक समय में विवेचना कर सकते हैं. जिससे पारदर्शिता एवं गुणवत्ता आई है. इस ऐप की मदद से विवेचक घटनास्थल का विवरण जैसे फोटो, वीडियो, गवाहों के बयान, घटनास्थल के वास्तविक निर्देशांक और केस डायरी की जानकारी सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक को मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की पुलिस ने भी सराहा है. इस तरह की तकनीक पर कार्य करने की इच्छा भी जताई है. भारत सरकार ने भी इस डिजिटल नागरिक सुविधा की प्रशंसा की है.

नई पीढ़ी को नवीन प्रौद्याेगिकी का लाभ: यह सम्मेलन केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सरकार और नागरिकों को समीप लाने की एक कोशिश है. इसमें 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' के नीतिगत उद्देश्य के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों और नवाचारों को आगे बढ़ाने वाली डिजिटल प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है. जिसमें री-इंजीनियरिंग की सरकारी प्रक्रिया, ई-सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच, जिला स्तर पर डिजिटल पहलों में उत्कृष्टता और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और आईसीटी प्रबंधन के उपयोग में उत्कृष्टता शामिल है.

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जमीनी स्तर पर डिजिटल पहल: 'जमीनी स्तर पर डिजिटल पहल' विषय पर आयोजित इस सत्र की अध्यक्षता मध्य प्रदेश शासन में विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी विभाग के प्रमुख सचिव, निकुंज श्रीवास्तव ने की. इस कार्यक्रम में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा भी शामिल हुए. इनके अलावा वी श्रीनिवास, डीएआरपीजी सचिव, इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव, उपस्थित रहे.

भोपाल। पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर थाने तक स्मार्ट हो गई है. विवेचना में तेजी आई है. इससे केस का निपटारा जल्दी हो जाता है. यह बड़ी जानकारी सामने निकलकर आई भोपाल में चल रही दो दिनी कांफ्रेंस से. भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से भोपाल में 6-7 मार्च को 'सुशासन प्रथाओं' पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सोमवार से यह कार्यक्रम शुरू हुआ.

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थानों का कार्य डिजिटल: इस कार्यक्रम में पूरे देश के लगभग 200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पहले दिन मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के एडीजी चंचल शेखर ने 'ई-विवेचना ऐप' पर प्रेजेन्टेशन दिया. एडीजी शेखर ने बताया कि, सीसीटीएनएस के माध्यम से थानों का कार्य डिजिटल हुआ है. स्मार्ट (सेंसिटिव, मोबाइल, अलर्ट, रिलायबल और टेक सेवी) पुलिसिंग की अवधारणा को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मैदानी स्तर पर पुलिसकर्मियों को डिजिटल टूल के रूप में ई-विवेचना ऐप विकसित कर उपलब्ध कराया गया है.

क्लालिटी विवेचना हुई शुरू: एडीजी चंचल शेखर ने बताया कि ई-विवेचना एप के उपयोग से मध्य प्रदेश पुलिस की तकनीकी दक्षता बढ़ी है. विवेचक टैबलेट की सहायता से मौके पर ही वास्तविक समय में विवेचना कर सकते हैं. जिससे पारदर्शिता एवं गुणवत्ता आई है. इस ऐप की मदद से विवेचक घटनास्थल का विवरण जैसे फोटो, वीडियो, गवाहों के बयान, घटनास्थल के वास्तविक निर्देशांक और केस डायरी की जानकारी सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक को मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की पुलिस ने भी सराहा है. इस तरह की तकनीक पर कार्य करने की इच्छा भी जताई है. भारत सरकार ने भी इस डिजिटल नागरिक सुविधा की प्रशंसा की है.

नई पीढ़ी को नवीन प्रौद्याेगिकी का लाभ: यह सम्मेलन केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सरकार और नागरिकों को समीप लाने की एक कोशिश है. इसमें 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' के नीतिगत उद्देश्य के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों और नवाचारों को आगे बढ़ाने वाली डिजिटल प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है. जिसमें री-इंजीनियरिंग की सरकारी प्रक्रिया, ई-सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच, जिला स्तर पर डिजिटल पहलों में उत्कृष्टता और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और आईसीटी प्रबंधन के उपयोग में उत्कृष्टता शामिल है.

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जमीनी स्तर पर डिजिटल पहल: 'जमीनी स्तर पर डिजिटल पहल' विषय पर आयोजित इस सत्र की अध्यक्षता मध्य प्रदेश शासन में विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी विभाग के प्रमुख सचिव, निकुंज श्रीवास्तव ने की. इस कार्यक्रम में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा भी शामिल हुए. इनके अलावा वी श्रीनिवास, डीएआरपीजी सचिव, इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव, उपस्थित रहे.

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