भोपाल। मध्य प्रदेश में सभी जिलों में अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में पटवारी पिछले 28 अगस्त से कलमबंद हड़ताल पर हैं. इसके चलते बहुत सारे शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग तहसीलों में जाकर अपने कार्यों के लिए परेशान हो रहे हैं. हालांकि सरकार ने पहले भी पटवारियों से कहा था कि आप लोगों की मांगों पर विचार किया जा रहा है और वापस काम पर आ जाएं. पिछली कैबिनेट में पटवारी के लिए वेतन में ₹4 हजार स्वीकृत किए गए हैं. उसके बाद भी पटवारी हड़ताल पर लौटने को तैयार नहीं हैं.
सभी कलेक्टर्स को निर्देश : इसके चलते आयुक्त भू-अभिलेख मध्य प्रदेश ने सभी जिलों के कलेक्टरों को कल एक पत्र जारी किया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि विभिन्न जिलों के बड़ी संख्या में जो पटवारी हड़ताल पर गए हैं और अपने सौंपे गए दायित्वों का निर्वाहन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल धरना और सामूहिक अवकाश की वजह से काफी काम प्रभावित हो रहा है. इसके चलते सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार अपने कार्य से अनुपस्थित पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
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पटवारी आज लेंगे निर्णय : इसके तहत प्रत्येक दिन 12:00 बजे तक कार्य से अनुपस्थित पटवारी की जानकारी भी आयुक्त द्वारा मांगी गई है. इसके अलावा जिले में परिवीक्षा अवधि में पदस्थ पटवारी की सूची भी मांगी गई है. इधर, मध्य प्रदेश पटवारी संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में विचार किया जा रहा है. पटवारी संघ इस पत्र के आने के बाद आज दोपहर तक अपनी हड़ताल के संबंध में निर्णय ले सकता है कि क्या हड़ताल जारी रखना है या वापस काम पर लौटना है.