भोपाल। प्रदेश में रहवासी अपनी खाली पड़ी भूमि को पार्किंग के रूप में डेवलप कर उससे शुल्क वसूल सकेंगे (residents charge vacant land by parking). प्रदेश के बड़े शहरों में पार्किंग की समस्या को निपटने के लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश अर्बन पार्किंग मैनेजमेंट रूल्स 2022 में इस तरह के प्रावधान करने जा रही है. इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. पार्किंग रूल्स में प्रावधान में वाहन पार्किंग के लिए शुल्क का निर्धारण भी किया जाएगा.
खाली जमीन पर करा सकेंगे पार्किंग: प्रदेश के बड़े शहरों में पार्किंग समस्या से निपटने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश अर्बन पार्किंग मैनेजमेंट रूल्स में कई महत्वपूर्ण प्रावधान करने जा रहा है (mp government new provision in parking). बड़े शहरों में पार्किंग की समस्या न हो, इसके लिए आम लोगों को भी अपनी खाली पड़ी जमीन पर निजी पार्किंग चलाने की अनुमति देने की तैयारी की जा रही है. इसमें प्रावधान किया जा रहा है निजी भूमि पर पब्लिक पार्किंग डेवलप कर रात भर के लिए वाहन खड़े किए जा सकेंगे. इसके लिए स्थानीय नगरीय निकाय एक साल के लिए परमिट जारी करेगा. यह परमिट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के लिए होंगे. इसमें कार के लिए एक महीने के लिए 600 रुपए की दर निर्धारित की जाएगी. पब्लिक पार्किंग को लोकेशन के हिसाब से बढ़ाने और घटाने का प्रावधान भी होगा. पब्लिक पार्किंग के लिए कोऑपरेटिव सोसायटी बनाना होगा.
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अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड बनाया जाएगा: निकायों में पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए निकायों में अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड भी बनाया जाएगा. पार्किंग चार्ज, परमिट फीस और पैनाल्टी से प्राप्त होने वाली राशि का 25 फीसदी हिस्सा इस फंड में डाला जाएगा. पार्किंग में वाहन खड़े करने वालों को ऑनलाइन पेमेंट के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ऑनलाइन पेमेंट करने पर लोगों को इंसेंटिव दिए जाने का भी विचार किया जा रहा है, जिससे कैश पेमेंट के नाम पर होने वाली गड़बड़ियों को खत्म किया जा सके.
प्रदेश की पार्किंग व्यवस्था दुरूस्त करने की कोशिश: नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तैयार किए गए नियम को जल्द ही कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा (rules prepared by urban administration department). विभाग के आयुक्त भरत यादव के मुताबिक पार्किंग रूल्स को तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे प्रदेश भर में लागू किया जाएगा. विभाग की कोशिश है कि बड़े शहरों में पार्किंग की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके.