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सियासी फाइट, विधायकों की लेफ्ट-राइट, सोमवार का दंगल अब पहुंचा 'मंगल', समझिए हर एंगल - oppration anjam

मध्यप्रदेश का सियासी घमासान चरम पर है. हालांकि यह बताना मुश्किल है कि यह सियासी ड्रामा कब खत्म होगा. सोमवार को फ्लोर टेस्ट नहीं होने के चलते एक बार फिर राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है. मध्यप्रदेश का महासंग्राम, जानिए कैसा रहा सियासत का सोमवार...

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मध्यप्रदेश का महासंग्राम
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Published : Mar 16, 2020, 10:45 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति हर रोज नई कहानी लिख रही है. बीजेपी और कांग्रेस सत्ता हथियाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. कोई भी ऐसा दाव खाली नहीं छोड़ रहे हैं, जहां से उम्मीद की एक छोटी सी किरण भी नजर आ रही हो. सियासी ड्रामे को आगे बढ़ाने और सरकार को बचाने के लिए कमलनाथ सरकार ने अब 'कोरोना कार्ड' खेला है. बता दें कि रविवार तक यह तय हुआ था कि सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद फ्लोर टेस्ट होना है. हालांकि, कमलनाथ और उनके मंत्रियों के हावभाव देखकर इस बात को भांपना मुश्किल नहीं था कि उनके मन में कुछ न कुछ तो खिचड़ी पक रही है. हुआ भी यही, रविवार को राज्यपाल ने आदेश दिया था कि अभिभाषण के तुरंत बाद कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना होगा. रविवार रात तक यही खबर थी कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट के बात साफ हो जाएगा कि कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पाती है या नहीं.

लोगों के मन में ये बात जरूर थी कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा तो स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन कहीं न कहीं इस बात की भी आशंका थी कि राजनीति के दिग्गज कहे जाने वाले कमलनाथ और दिग्विजय इतनी आसानी से सत्ता की चाबी किसी और को नहीं सौंपेंगे. इसी कश्मकश में रात गुजर गई, फिर सुबह खबर आई कि विधानसभा सत्र 26 मार्च तक टल गया है. दरअसल राज्यपाल के पास 10 बजकर 50 मिनट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक पत्र पहुंचा, जिसमें लिखा था कि बीजेपी ने कांग्रेस के कई विधायकों को बंधक बनाकर रखा है, उन्हें विभिन्न प्रकार के बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में विधानसभा में किसी तरह के फ्लोर टेस्ट का कोई औचत्य नहीं रहा जाता है. ऐसा करना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक होगा. फ्लोर टेस्ट का तब मतलब है जब सभी बंधक विधायकों को आजाद कराया जाए. मुख्यमंत्री के इस पत्र के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई कि फ्लोर टेस्ट स्थगित कर दिया गया है.

मध्यप्रदेश के इस सियासी दंगल में कैसा रहा सोमवार, जानिए...

  • सुबह आठ बजे से ही सियासी हलचल शुरू होने लग गई थी, क्योंकि आज कमलनाथ सरकार के भविष्य का फैसला होना था. लोगों के मन में सवाल था कि क्या फ्लोर टेस्ट होगा. अगर होगा तो सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी और नहीं तो कमलनाथ सरकार इसे किस तरह से रोकेगी.
  • करीब 8:20 बजे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश कार्यालय गए. जहां पार्टी के नेताओं से सदन की कार्रवाई में किस तरह भाग लेना हैं, इस पर चर्चा की गई. इसके बाद मिश्रा के अलावा शिवराज सिंह चौहान और गोपाल भार्गव किसी गुप्त स्थान पहुंचे, जहां तीनों नेताओं ने आगे की रणनीति बनाई.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • साढ़े 8 बजे प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बेंगलुरू में रखे गए विधायकों को सम्मोहित और आतंकित किया जा रहा है. विधायकों को राज्य में आने की अनुमति नहीं है, उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है.
  • बैठक के बाद सुबह 9.30 बजे गोपाल भार्गव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है, नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. इधर विधायकों से मिलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी पहुंच गए.
  • वहीं एक बार फिर पीसी शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि हमारे सीएम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन फ्लोर ही रेडी नहीं है. हमारे 16 विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. करीब 10 बजे खबर आई कि मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा के लिए सीएम हाउस से निकल चुके हैं. 10 बजकर 10 मिनट पर सीएम कमलनाथ विधानसभा पहुंच चुके थे.
  • इसी बीच प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे विधायकों को किडनैप किया गया है, सबको बुलाने के बाद ही फ्लोर टेस्ट कराया जाए. देश में नरेन्द्र मोदी मॉडल चल रहा है कि विधायकों को दवाब में रखो और उनको पैसों का लालच दो. बीजेपी के विधायक और नेता गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. सियासी संकट खत्म होने के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि कमलनाथ सरकार सौ फीसदी पांच साल तक चलेगी.
  • वहीं 10 बजकर 17 मिनट पर होटल से बीजेपी विधायकों को भी तीन बसों में विधानसभा ले जाया जा रहा था. बस में विधायकों के साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी मौजूद थे.
  • इधर विधानसभा जाते समय प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने गोपाल भार्गव के बहुमत वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि समय आने पर सबको पता चल जाएगा कि सरकार कितने बहुमत में है. प्रदेश की जनता ने हमें 2023 तक के लिए चुना है.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • 10 बजकर 43 मिनट पर बीजेपी के सभी विधायक विधानसभ पहुंच चुके थे. विधायकों के साथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस के विधायकों का भी विधानसभा पहुंचने का सिससिला जारी था.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • 10 बजकर 50 मिनट पर खबर आई कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि बीजेपी द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. जिसके चलते इस समय फ्लोर टेस्ट करवाना उचित नहीं होगा. ये पूर्ण रूप से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक होगा. इस फ्लोर टेस्ट का तब मतलब है जब सभी बंधक विधायकों को आजाद कराया जाए.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • जिसके बाद करीब 11 बजकर 5 मिनट पर राज्यपाल विधानसभा पहुंचे और 11 बजकर 17 मिनट पर राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखें. सभी अपना दायित्व शांतिपूर्ण तरीके से निभाएं और मध्यप्रदेश में गौरव की रक्षा हो.
  • राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. हालांकि कार्रवाई शुरू होते ही विधानसभा में हंगामा हो गया. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए विधयकों के इस्तीफे स्वीकार करने की भी मांग की.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • विधानसभा में जोरदार हंगामें के बाद 26 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. विधानसभा की कार्रवाई स्थगित होने के चलते बीजेपी के सभी विधायक धरने पर बैठ गए, वहीं खबर आने लगी कि बीजेपी के सभी विधायक पैदल मार्च करते हुए राज भवन जा सकते हैं. हालांकि बाद में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी विधायक बस में बैठकर राज भवन पहुंचे.
  • इसी दौरान दिग्विजय सिंह भी राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंच गए.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • इधर फ्लोर टेस्ट और विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के चलते पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग कराने की मांग की. बीजेपी द्वारा दाखिल की गई याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • वहीं राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं राज्यपाल के साथ बहुत अच्छे संबंध साझा करता हूं. ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी और हमने राजनीति पर चर्चा नहीं की.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • करीब डेढ बजे अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपा. वहीं राजभवन से निकलकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ की सरकार अल्पमत में है, बहुमत खो चुकी है. राज्यपाल ने सरकार को आदेश दिया था कि उनके अभिभाषण के बाद सरकार फ्लोर टेस्ट करवा ले, लेकिन सीएम डर रहे हैं कि बहुमत नहीं है तो फ्लोर टेस्ट कैसे होगा. कांग्रेस के 92 विधायक बचे हैं, बहुमत अब बीजेपी का है. कांग्रेस रणछोड़ दास है जो रण छोड़ कर भाग गई है. कांग्रेस ने राज्यपाल के आदेशों का पालन नहीं किया.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • इसी बीच 2.45 पर खबर आई कि बीजेपी के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी सीएम हाउस पहुंचे हैं. वहीं करीब 3.15 बजे उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी सीएम हाउस पहुंच गए. इसके बाद खबर आई की शाम 7 बजे सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें सीएम कमलनाथ विधायकों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.
  • इधर करीब 4.45 मिनट पर बीजेपी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिल्ली रवाना हो गए, जिसमें राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, मंत्री जीतू पटवारी और उमंग सिंघार महाधिवक्ता के साथ दिल्ली रवाना हो गए.
  • वहीं शाम 5 बजकर 20 मिनट में प्रदेश की सियासत में एक नया मोड आ गया. राज्यपाल लालजी टंडन ने एक बार फिर सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि यदि 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट नहीं कराया गया तो यह मान लिया जाएगा कि सरकार अल्पमत में है.
  • वहीं राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के पत्र पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राज्यपाल का पत्र हैरान कर देना वाला है, लगता है राज्यपाल दबाव में हैं.
  • करीब 7 बजे एक बार फिर खबर आई की बीजेपी के सभी विधायक एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से सभी विधायक दिल्ली रवाना होंगे. कयास लगाए जाने लगे कि विधायक मानेसर जा सकते हैं. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत बीजेपी के दिग्गज नेता एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. वहीं विधायकों को छोड़ने के लिए परिजन भी पहुंचे थे.
  • इधर सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक को लेकर विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. बैठक में पूर्व सीएम दिग्विजय सीएम हाउस पहुंचे. बैठक में मौजूदा सियासी हालातों पर चर्चा होगी.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • इसी बीच 7 बजकर 35 मिनट पर खबर आई कि बीजेपी के विधायक जो कि दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे, उनका जाना कैंसिल हो गया. कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है, इसी को लेकर विधायकों का जाना कैंसिल हुआ है.
  • वहीं साढ़े 8 बजे सीएम हाउस में चल रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है. जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे. फ्लोर टेस्ट को लेकर चर्चा होगी. वहीं बैठक से निकलने के बाद मंत्री तरुण भनोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • करीब 9 बजे बीजेपी के सभी विधायक सीहोर के होटल क्रीसेंट पहुंच गए. सभी विधायकों के ठहरने की व्यवस्था यहां की गई थी.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • 9 बजकर 17 मिनट पर मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात खत्म हो गई. इसके बाद सीएम ने कहा कि हमारे पास बहुमत है, हम क्यों कराएं फ्लोर टेस्ट. विपक्ष के नियमों को मुताबिक बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाए. साथ ही कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस के कुछ विधायकों को बेंगलुरू में बंधक बनाकर रखा है.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति हर रोज नई कहानी लिख रही है. बीजेपी और कांग्रेस सत्ता हथियाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. कोई भी ऐसा दाव खाली नहीं छोड़ रहे हैं, जहां से उम्मीद की एक छोटी सी किरण भी नजर आ रही हो. सियासी ड्रामे को आगे बढ़ाने और सरकार को बचाने के लिए कमलनाथ सरकार ने अब 'कोरोना कार्ड' खेला है. बता दें कि रविवार तक यह तय हुआ था कि सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद फ्लोर टेस्ट होना है. हालांकि, कमलनाथ और उनके मंत्रियों के हावभाव देखकर इस बात को भांपना मुश्किल नहीं था कि उनके मन में कुछ न कुछ तो खिचड़ी पक रही है. हुआ भी यही, रविवार को राज्यपाल ने आदेश दिया था कि अभिभाषण के तुरंत बाद कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना होगा. रविवार रात तक यही खबर थी कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट के बात साफ हो जाएगा कि कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पाती है या नहीं.

लोगों के मन में ये बात जरूर थी कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा तो स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन कहीं न कहीं इस बात की भी आशंका थी कि राजनीति के दिग्गज कहे जाने वाले कमलनाथ और दिग्विजय इतनी आसानी से सत्ता की चाबी किसी और को नहीं सौंपेंगे. इसी कश्मकश में रात गुजर गई, फिर सुबह खबर आई कि विधानसभा सत्र 26 मार्च तक टल गया है. दरअसल राज्यपाल के पास 10 बजकर 50 मिनट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक पत्र पहुंचा, जिसमें लिखा था कि बीजेपी ने कांग्रेस के कई विधायकों को बंधक बनाकर रखा है, उन्हें विभिन्न प्रकार के बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में विधानसभा में किसी तरह के फ्लोर टेस्ट का कोई औचत्य नहीं रहा जाता है. ऐसा करना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक होगा. फ्लोर टेस्ट का तब मतलब है जब सभी बंधक विधायकों को आजाद कराया जाए. मुख्यमंत्री के इस पत्र के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई कि फ्लोर टेस्ट स्थगित कर दिया गया है.

मध्यप्रदेश के इस सियासी दंगल में कैसा रहा सोमवार, जानिए...

  • सुबह आठ बजे से ही सियासी हलचल शुरू होने लग गई थी, क्योंकि आज कमलनाथ सरकार के भविष्य का फैसला होना था. लोगों के मन में सवाल था कि क्या फ्लोर टेस्ट होगा. अगर होगा तो सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी और नहीं तो कमलनाथ सरकार इसे किस तरह से रोकेगी.
  • करीब 8:20 बजे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश कार्यालय गए. जहां पार्टी के नेताओं से सदन की कार्रवाई में किस तरह भाग लेना हैं, इस पर चर्चा की गई. इसके बाद मिश्रा के अलावा शिवराज सिंह चौहान और गोपाल भार्गव किसी गुप्त स्थान पहुंचे, जहां तीनों नेताओं ने आगे की रणनीति बनाई.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • साढ़े 8 बजे प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बेंगलुरू में रखे गए विधायकों को सम्मोहित और आतंकित किया जा रहा है. विधायकों को राज्य में आने की अनुमति नहीं है, उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है.
  • बैठक के बाद सुबह 9.30 बजे गोपाल भार्गव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है, नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. इधर विधायकों से मिलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी पहुंच गए.
  • वहीं एक बार फिर पीसी शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि हमारे सीएम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन फ्लोर ही रेडी नहीं है. हमारे 16 विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. करीब 10 बजे खबर आई कि मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा के लिए सीएम हाउस से निकल चुके हैं. 10 बजकर 10 मिनट पर सीएम कमलनाथ विधानसभा पहुंच चुके थे.
  • इसी बीच प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे विधायकों को किडनैप किया गया है, सबको बुलाने के बाद ही फ्लोर टेस्ट कराया जाए. देश में नरेन्द्र मोदी मॉडल चल रहा है कि विधायकों को दवाब में रखो और उनको पैसों का लालच दो. बीजेपी के विधायक और नेता गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. सियासी संकट खत्म होने के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि कमलनाथ सरकार सौ फीसदी पांच साल तक चलेगी.
  • वहीं 10 बजकर 17 मिनट पर होटल से बीजेपी विधायकों को भी तीन बसों में विधानसभा ले जाया जा रहा था. बस में विधायकों के साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी मौजूद थे.
  • इधर विधानसभा जाते समय प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने गोपाल भार्गव के बहुमत वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि समय आने पर सबको पता चल जाएगा कि सरकार कितने बहुमत में है. प्रदेश की जनता ने हमें 2023 तक के लिए चुना है.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • 10 बजकर 43 मिनट पर बीजेपी के सभी विधायक विधानसभ पहुंच चुके थे. विधायकों के साथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस के विधायकों का भी विधानसभा पहुंचने का सिससिला जारी था.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • 10 बजकर 50 मिनट पर खबर आई कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि बीजेपी द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. जिसके चलते इस समय फ्लोर टेस्ट करवाना उचित नहीं होगा. ये पूर्ण रूप से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक होगा. इस फ्लोर टेस्ट का तब मतलब है जब सभी बंधक विधायकों को आजाद कराया जाए.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • जिसके बाद करीब 11 बजकर 5 मिनट पर राज्यपाल विधानसभा पहुंचे और 11 बजकर 17 मिनट पर राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखें. सभी अपना दायित्व शांतिपूर्ण तरीके से निभाएं और मध्यप्रदेश में गौरव की रक्षा हो.
  • राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. हालांकि कार्रवाई शुरू होते ही विधानसभा में हंगामा हो गया. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए विधयकों के इस्तीफे स्वीकार करने की भी मांग की.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • विधानसभा में जोरदार हंगामें के बाद 26 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. विधानसभा की कार्रवाई स्थगित होने के चलते बीजेपी के सभी विधायक धरने पर बैठ गए, वहीं खबर आने लगी कि बीजेपी के सभी विधायक पैदल मार्च करते हुए राज भवन जा सकते हैं. हालांकि बाद में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी विधायक बस में बैठकर राज भवन पहुंचे.
  • इसी दौरान दिग्विजय सिंह भी राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंच गए.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • इधर फ्लोर टेस्ट और विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के चलते पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग कराने की मांग की. बीजेपी द्वारा दाखिल की गई याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • वहीं राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं राज्यपाल के साथ बहुत अच्छे संबंध साझा करता हूं. ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी और हमने राजनीति पर चर्चा नहीं की.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • करीब डेढ बजे अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपा. वहीं राजभवन से निकलकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ की सरकार अल्पमत में है, बहुमत खो चुकी है. राज्यपाल ने सरकार को आदेश दिया था कि उनके अभिभाषण के बाद सरकार फ्लोर टेस्ट करवा ले, लेकिन सीएम डर रहे हैं कि बहुमत नहीं है तो फ्लोर टेस्ट कैसे होगा. कांग्रेस के 92 विधायक बचे हैं, बहुमत अब बीजेपी का है. कांग्रेस रणछोड़ दास है जो रण छोड़ कर भाग गई है. कांग्रेस ने राज्यपाल के आदेशों का पालन नहीं किया.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • इसी बीच 2.45 पर खबर आई कि बीजेपी के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी सीएम हाउस पहुंचे हैं. वहीं करीब 3.15 बजे उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी सीएम हाउस पहुंच गए. इसके बाद खबर आई की शाम 7 बजे सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें सीएम कमलनाथ विधायकों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.
  • इधर करीब 4.45 मिनट पर बीजेपी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिल्ली रवाना हो गए, जिसमें राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, मंत्री जीतू पटवारी और उमंग सिंघार महाधिवक्ता के साथ दिल्ली रवाना हो गए.
  • वहीं शाम 5 बजकर 20 मिनट में प्रदेश की सियासत में एक नया मोड आ गया. राज्यपाल लालजी टंडन ने एक बार फिर सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि यदि 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट नहीं कराया गया तो यह मान लिया जाएगा कि सरकार अल्पमत में है.
  • वहीं राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के पत्र पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राज्यपाल का पत्र हैरान कर देना वाला है, लगता है राज्यपाल दबाव में हैं.
  • करीब 7 बजे एक बार फिर खबर आई की बीजेपी के सभी विधायक एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से सभी विधायक दिल्ली रवाना होंगे. कयास लगाए जाने लगे कि विधायक मानेसर जा सकते हैं. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत बीजेपी के दिग्गज नेता एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. वहीं विधायकों को छोड़ने के लिए परिजन भी पहुंचे थे.
  • इधर सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक को लेकर विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. बैठक में पूर्व सीएम दिग्विजय सीएम हाउस पहुंचे. बैठक में मौजूदा सियासी हालातों पर चर्चा होगी.
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  • इसी बीच 7 बजकर 35 मिनट पर खबर आई कि बीजेपी के विधायक जो कि दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे, उनका जाना कैंसिल हो गया. कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है, इसी को लेकर विधायकों का जाना कैंसिल हुआ है.
  • वहीं साढ़े 8 बजे सीएम हाउस में चल रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है. जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे. फ्लोर टेस्ट को लेकर चर्चा होगी. वहीं बैठक से निकलने के बाद मंत्री तरुण भनोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे.
    मध्यप्रदेश का महासंग्राम
  • करीब 9 बजे बीजेपी के सभी विधायक सीहोर के होटल क्रीसेंट पहुंच गए. सभी विधायकों के ठहरने की व्यवस्था यहां की गई थी.
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  • 9 बजकर 17 मिनट पर मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात खत्म हो गई. इसके बाद सीएम ने कहा कि हमारे पास बहुमत है, हम क्यों कराएं फ्लोर टेस्ट. विपक्ष के नियमों को मुताबिक बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाए. साथ ही कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस के कुछ विधायकों को बेंगलुरू में बंधक बनाकर रखा है.
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