भोपाल। मध्यप्रदेश में शराब पीकर वाहन चलाते बार-बार पकड़े जाने पर हमेशा के लिए ड्राइविंग लाइसेंस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. प्रदेश में शराब पीकर वाहन चलाने और उससे होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार नियमों को अब और सख्त करने जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पहली बार शराब पीकर वाहन चलाते पकड़े जाने पर 6 माह के लिए लाइसेंस निरस्त किया जाएगा. इसके साथ जुर्माना भी किया जाएगा. बता दें कि शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान अक्सर सड़क हादसे होते हैं.
दूसरी बार के बाद लाइसेंस निरस्त : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने की लत है और नशा कर लिया या शराब पी ली तो खुद पर नियंत्रण नहीं रहता है. इसलिए या तो खुद दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फिर दुर्घटना में दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए तय किया गया है कि शराब के नशे में वाहन चलाने पर पहली बार 6 माह तक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जाएगा. दूसरी बार में 2 साल के लिए लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और यदि इसके बाद भी शराब पीकर वाहन चलाते मिले तो आजीवन प्रतिबंध लाइसेंस पर लगा दिया जाएगा.
नई आबकारी नीति में कई प्रावधान : सीएम शिवराज ने कहा कि नशे में खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट पर लगाम लगाने के लिए सजा को और सख्त किया जा रहा है. मैंने विभाग से कहा है कि इसकी सजा और कैसे कितनी बढ़ाई जा सकती है. प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई नई आबकारी नीति में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं. सीएम ने कहा कि अक्सर शराब की दुकान से लोग शराब लेकर वहीं बैठकर इसे पीते थे. नशे की स्थिति में कई आपराधिक घटनाएं होती हैं, जिसके कारण कानून और व्यवस्था की समस्या और महिला अपराध की घटनाएं भी होती थी, इसलिए अहातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.