जबलपुर। पत्नी के साथ मारपीट किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने 29 अगस्त 2020 को स्पेशल डीजी पद से पुरुषोत्तम शर्मा को निलंबित कर दिया था. सरकार द्वारा निलंबन अवधि को बार-बार बढ़ाये जाने के खिलाफ उन्होंने कैग में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार द्वारा उनके निलंबन को लगातार बढ़ाया जा रहा. नियम के अनुसार निलंबन की प्रथम अवधि 6 माह की होती है. इसके बाद निलंबन अवधि को बढ़ाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी की सिफारिश आवश्यक होती है.
याचिका में ये तथ्य दिए : याचिका में यह भी कहा गया कि कमेटी में प्रमुख सचिव, गृह सचिव तथा डीजीपी सदस्य होते हैं. सरकार द्वारा कमेटी की सिफारिश के बिना निलंबन अवधि में 5 बार बढ़ोतरी की गई, जो अवैधानिक है. कैग ने 5 मई 2022 को निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने के कारण निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया था. जिसके खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
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कैग के आदेश को उचित ठहराया : युगलपीठ ने 26 जुलाई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये थे. युगलपीठ ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि नियम अनुसार निर्धारित अवधि में कार्रवाई करने की बजाय सरकार मनमाने तरीके से निलंबन अवधि में बढोत्तरी कर रही है. युगलपीठ ने कैग के आदेश को उचित ठहराते हुए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पैरवी की.