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MP के कामचोर कर्मचारी? न्यू ईयर सेलिब्रेशन जरुरी इसलिए नहीं करेंगे ड्यूटी, किसी ने मां को अस्पताल भेजा, तो किसी के बच्चों के मोबाइल से बिगड़ने का खतरा, पढिए अजब-गजब बहाने - madhya pradesh latest news

मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव 2022 में सरकारी कर्मचारी ड्यूटी से बचने के लिए अजब-गजब बहाने बना रहे हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. साथ ही चेताया है कि अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी का छुट्टी का कारण फर्जी पाया गया तो उन पर विभागीय कार्रवाई होगी. लेकिन लगता है किसी को भी सरकार के चाबुक का डर नहीं लिहाजा बहाने ऐसे कि आपकी हंसी छूट जाए. पढ़िए MP के कर्मचारियों के काम से बचने के अजब गजब बहाने.

MP panchayat chunav 2021
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव
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Published : Dec 15, 2021, 7:55 PM IST

भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाला है, जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुट गया है. मतदान से लेकर मतगणना कराने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भोपाल के मॉडल स्कूल और कुक्कुट भवन में किया गया. लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर कर्मचारियों में उत्साह देखने को नहीं मिला.

कर्मचारियों में पंचायत चुनाव को लेकर नहीं देखा गया उत्साह

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने 810 लोगों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया था, लेकिन प्रशासन के आदेश के बावजूद भी पहले दिन से ही 116 से ज्यादा कर्मचारी इस कार्यक्रम से दूर रहे. वहीं कार्यक्रम में कुल 694 लोग शामिल रहे. इसपर जिला पंचायत सीईओ और ट्रेनिंग के नोडल अधिकारी विकास मिश्रा ने भोपाल कलेक्टर को एक प्रस्ताव भेजा, जिसमें उन्होनें लिखा की जो भी कर्मचारी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे उनको निलंबित कर दिया जाए. साथ ही उन्होने ये भी कहा कि जो कर्मचारी पहले दिन इस कार्यक्रम में अनुपस्थित थे अगर वह दूसरे दिन से आ जाते हैं तो उन्हें एक और मौका दिया जाएगा.

कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर लोगों में खौफ है, जिसकी वजह से कर्मचारी चुनाव की ड्यूटी करने से बचना चाहते हैं. ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी एक से बढ़कर एक जुगाड़ लगाने में जुटे हुए हैं. कई कर्मचारियों ने तो अपने परिजनों के जरिेए कलेक्टर और जिला पंचायत कार्यालय में छुट्टी के लिए आवेदन भेजना शुरू कर दिया है.

केस 1

भोपाल के जिला पंचायत कार्यालय में एक व्यक्ति ने अपनी मां की चुनाव ड्यूटी को निरस्त कराने के लिए आवेदन लेकर पहुंचा. जिसमें उस व्यक्ति ने बताया की उसकी मां दिल्ली में भर्ती है और मूल विभाग से छुट्टी पर चल रही हैं. वहीं इस आवेदन के साथ युवक ने दस्तावेज भी जमा किए.

केस 2

दूसरे केस में एक कर्मचारी ने बहाना बनाते हुए कहा की उसका पूरा परिवार बीमार है जिनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है, इसलिए वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएगा.

केस 3

तीसरे केस में एक कर्मचारी ने बच्चों से जुड़े बहाने बनाए और कहा की बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. इसलिए उनके पास रहना जरूरी है, अगर वह नहीं रहेंगी तो बच्चे ऑनलाइन क्लासेस छोड़कर मोबाइल में गेम खेलना शुरू कर देगा.

केस 4

चौथे केस में कर्मचारी ने बताया की उसे अपने परिवार के साथ नए साल में छुट्टी पर बाहर जाना है और इसका पूरा प्रोग्राम पहले से ही फाइनल कर दिया गया है और जाने की बुकिंग भी हो चुकी है.

केस 5

कुछ माता पिता जो शासकीय सेवा में हैं, उन्होंने अपने बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी को निरस्त करने के लिए आवेदन दिया है.

वहीं भोपाल कलेक्ट्रेट में पोस्टेड अपर कलेक्टर संदीप केरकेट्टा ने कहा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी निरस्त कराने के लिए कई लोगों के आवेदन आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन पहले इस आवेदनों में दिए गए तथ्यों की जांच करेगा फिर ही कोई निर्णय इस विषय में लिया जाएगा.

भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाला है, जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुट गया है. मतदान से लेकर मतगणना कराने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भोपाल के मॉडल स्कूल और कुक्कुट भवन में किया गया. लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर कर्मचारियों में उत्साह देखने को नहीं मिला.

कर्मचारियों में पंचायत चुनाव को लेकर नहीं देखा गया उत्साह

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने 810 लोगों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया था, लेकिन प्रशासन के आदेश के बावजूद भी पहले दिन से ही 116 से ज्यादा कर्मचारी इस कार्यक्रम से दूर रहे. वहीं कार्यक्रम में कुल 694 लोग शामिल रहे. इसपर जिला पंचायत सीईओ और ट्रेनिंग के नोडल अधिकारी विकास मिश्रा ने भोपाल कलेक्टर को एक प्रस्ताव भेजा, जिसमें उन्होनें लिखा की जो भी कर्मचारी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे उनको निलंबित कर दिया जाए. साथ ही उन्होने ये भी कहा कि जो कर्मचारी पहले दिन इस कार्यक्रम में अनुपस्थित थे अगर वह दूसरे दिन से आ जाते हैं तो उन्हें एक और मौका दिया जाएगा.

कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर लोगों में खौफ है, जिसकी वजह से कर्मचारी चुनाव की ड्यूटी करने से बचना चाहते हैं. ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी एक से बढ़कर एक जुगाड़ लगाने में जुटे हुए हैं. कई कर्मचारियों ने तो अपने परिजनों के जरिेए कलेक्टर और जिला पंचायत कार्यालय में छुट्टी के लिए आवेदन भेजना शुरू कर दिया है.

केस 1

भोपाल के जिला पंचायत कार्यालय में एक व्यक्ति ने अपनी मां की चुनाव ड्यूटी को निरस्त कराने के लिए आवेदन लेकर पहुंचा. जिसमें उस व्यक्ति ने बताया की उसकी मां दिल्ली में भर्ती है और मूल विभाग से छुट्टी पर चल रही हैं. वहीं इस आवेदन के साथ युवक ने दस्तावेज भी जमा किए.

केस 2

दूसरे केस में एक कर्मचारी ने बहाना बनाते हुए कहा की उसका पूरा परिवार बीमार है जिनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है, इसलिए वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएगा.

केस 3

तीसरे केस में एक कर्मचारी ने बच्चों से जुड़े बहाने बनाए और कहा की बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. इसलिए उनके पास रहना जरूरी है, अगर वह नहीं रहेंगी तो बच्चे ऑनलाइन क्लासेस छोड़कर मोबाइल में गेम खेलना शुरू कर देगा.

केस 4

चौथे केस में कर्मचारी ने बताया की उसे अपने परिवार के साथ नए साल में छुट्टी पर बाहर जाना है और इसका पूरा प्रोग्राम पहले से ही फाइनल कर दिया गया है और जाने की बुकिंग भी हो चुकी है.

केस 5

कुछ माता पिता जो शासकीय सेवा में हैं, उन्होंने अपने बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी को निरस्त करने के लिए आवेदन दिया है.

वहीं भोपाल कलेक्ट्रेट में पोस्टेड अपर कलेक्टर संदीप केरकेट्टा ने कहा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी निरस्त कराने के लिए कई लोगों के आवेदन आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन पहले इस आवेदनों में दिए गए तथ्यों की जांच करेगा फिर ही कोई निर्णय इस विषय में लिया जाएगा.

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