भोपाल। ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने एक नोटिस जारी कर चुनाव के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी है. आयोग ने अपने नोटिस में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ जारी इस नोटिस में निर्वाचन के बाद नतीजे घोषित करने की प्रक्रिया को रोक दिया है.
अब क्या होगा
राज्य निर्वाचन आयोग के नोटिस का मतलब यह है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिन सामान्य सीटों पर चुनाव होने वहां निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक ही चुनाव समपन्न कराए जाएंगे. सिर्फ ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद होगा. इस तरह सामान्य और ओबीसी सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे एक साथ ही घोषित किए जा सकते हैं. उससे पहले पंचायत चुनाव का कोई भी परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा.
OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने सरकार से पूछा था सवाल पूछा था ?
प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सदन के नेता शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj and kamalnath face to face on reservation) ने गत दिवस सदन में आश्वासन दिया था कि चुनाव आरक्षण के साथ ही होंगे। मुख्यमंत्री को सदन में बताना चाहिए कि पिछले 24 घंटे में इसको लेकर क्या किया गया. इस मामले में क्या कानूनी कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री सदन को इसकी जानकारी दें. ताकि प्रदेश की पंचायतों को यह सूचना मिल जाए कि आगे क्या होने वाला है. प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है. फॉर्म भरे जा रहे हैं, लेकिन उम्मीदवारों में यह असमंजस की स्थिति है कि वह अपना नामांकन वापस लें या फिर चुनाव लड़ें. इसको लेकर शासन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
नरोत्तम मिश्रा ने साफ किया सरकार का रुख
कमलनाथ के आरक्षण वाले सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra on obc reservation in bhopal) ने कहा कि कांग्रेस कह रही है कि हमारी मांग स्वीकार की गई, यह अर्ध सत्य है. गुनहगार जिन्होंने पिछड़ों के साथ अन्याय किया. वह खुद पूछ रहा है यह आपका गुनाह था जो पिछड़ों के साथ अन्याय हुआ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार फैसले के रिवीजन को लेकर कोर्ट जा रही है.
(mp election commission big decision on panchayat election)