भोपाल। भोपाल में आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा 13 साल पुराने एक मामले में केस दर्ज किया गया. मामले की प्राथमिक शिकायत इंदौर में दर्ज की गई थी. इसके अनुसार 1 जून 2010 से 31 दिसंबर 2010 की अवधि में माइक्रो इरिगेशन योजना के अंतर्गत किसान भूरला पिता गुलाब जाती भिलाला के नाम पर अंगूठा लगाकर छलकपट करके षडयंत्रपूर्वक दस्तावेज तैयार किए गए. हितग्राही किसान भूरला की उपस्थिति में उसके खेत पर जाकर ड्रिप सिस्टम लगे होने का भौतिक सत्यापन किया गया.
खेत पर भौतिक सत्यापन : साल 2010-11 में माइक्रो इरिगेशन योजना के अंतर्गत ड्रिप सिस्टम लगाने के नाम पर आवेदक भूरला से साथ ठगी की गई. 9 अक्टूबर 2010 को हितग्राही किसान भूरला की उपस्थिति में उसके खेत पर ड्रिप सिस्टम लगे होने का भौतिक सत्यापन प्रमाण पत्र पर किसान की अंशदान की राशि 32 हजार 441 रुपए की डीडी भारतीय स्टेट बैंक पर, फॉर्म राजबाला इरिगेशन सिस्टम से किसान भुरला को ड्रीप साम्रगी कुल 92 हजार 172 रुपए प्रदान हुई, जिसमें किसान का अंगूठा लगवाया गया.
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इनके खिलाफ केस दर्ज : इसके बाद जब पैसे निकाले गए तो वो निशान किसान के अंगूठे के नहीं पाए गए. EOW ने ग्रामीण विकास अधिकारी सहायक ग्रामीण विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारी पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया. इस मामले में ओमप्रकाश शर्मा वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, राजगढ ब्यावरा, भीमसिंह बास्कले जुलवानिया जिला बडवानी ग्रामिण उद्यान विस्तार अधिकारी, सीहोर कार्यालय सहायक उद्यान विभाग सीहोर, संतोष पिता किशन निवासी ग्राम चितावल जिला बडवानी, सुनील पाटीदार प्रोपराइटर राजबाला लेरीगेशन सिस्टम 77 भैरव नगर बडवानी रोड कुक्षी जिला धार, अंतिम दीक्षित कुक्षी जिला के खिलाफ केस दर्ज किया.