भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने हारी हुई जिन 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से एक दर्जन सीटों पर बगावत तेज हो गई है. सोनकच्छ से पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा बड़ी संख्या में अपने समर्थको और 2 सौ वाहनों के काफिले के साथ प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे और जमकर हंगामा किया. हाथों में बैनर व पोस्टर्स के साथ कार्यकर्ताओं ने घोषित प्रत्याशी का विरोध किया. इस दौरान बीजेपी कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ. दरअसल, टिकट वितरण के बाद बीजेपी में विरोध का सिलसिला लगातार जारी है.
सैकड़ों कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय में घुसे : कुक्षी के बाद अब सोनकच्छ विधानसभा सीट के सैकड़ों कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय में घुस गए. भाजपा कार्यकर्ता सोनकच्छ से राजेंद्र वर्मा के लिए टिकट की मांग कर रहे थे. भाजपा प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा के साथ गुस्साए कार्यकर्ताओं की झूमाझटकी भी हुई. विधानसभा चुनाव 2018 में बागियों ने ही भाजपा के समीकरण बिगाड़ दिए थे. लिहाजा, इस बार वरिष्ठ नेताओं को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया है. गुस्साए कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की गाड़ी रोक ली. गुस्साए समर्थकों ने टिकट बदलने की मांग की. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री और प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव की गाड़ी भी रोककर जमकर नारेबाजी की.
सोनकच्छ पर कांग्रेस का कब्जा : सोनकच्छ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने लगातार तीन चुनावों में यहां पर जीत दर्ज की थी. अब ये सीट कांग्रेस के कब्जे में है. सोनकच्छ विधानसभा सीट देवास जिले में आती है. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस क्षेत्र में 40 फीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति के वोटर्स हैं. वहीं 30 फीसदी ठाकुर वोटर्स भी हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर 1998, 2003 और 2008 में लगातार जीत दर्ज की थी. लेकिन 2013 के चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा. चुनाव में बीजेपी के राजेंद्र वर्मा को जीत मिली थी. 2018 में सज्जन सिंह ने चुनाव जीता था. इस आरक्षण वाली सीट पर देवास के कई नेताओं ने जोर आजमाइश की, जिन्हें निराशा हाथ लगी. इस सीट पर कांग्रेस के दावेदार सज्जन सिंह वर्मा अब भाजपा के राजेश सोनकर को टक्कर देंगे