भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए इस बार के टिकट वितरण की कमान गृह मंत्री अमित शाह ने खुद संभाल रखी थी. केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी मैदान में उतारा. लेकिन कुछ सांसद हार गए. जो जीत गए, अब उन्हें लेकर पार्टी क्या करने वाली है. इस पर फिलहाल सस्पेंस है. ग्वालियर-चंबल से आने वाले नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री हैं. वह विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में इन्हें लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बड़े कद के नाते उन्हें शिवराज कैबिनेट में जगह मिलेगी, क्या यह शिवराज सिंह की मार्गदर्शन नेतृत्व में काम कर सकेंगे. इसी बात को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चा है.
मालवा से कौन-कौन बनेगा मंत्री : कैलाश विजयवर्गीय मालवा का बड़ा चेहरा हैं. उन्हें पार्टी ने दोबारा एमपी में भेजा, चुनाव लड़वाया. वह जीत भी गए. हालांकि यह शिवराज के नेतृत्व में कैबिनेट में वह काम कर चुके हैं तो हो सकता है बड़ा विभाग देकर मंत्री बना दिया जाए, लेकिन पिछले कुछ सालों से केंद्र में राजनीति कर रहे कैलाश विजयवर्गीय क्या इस पर राजी होते हैं, यह देखने वाली बात होगी. प्रहलाद पटेल केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं. पार्टी ने अलग-अलग सीटों पर चुनाव के दौरान भेजा और जीत के समीकरण बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी. अटकलें है ये भी हैं कि ओबीसी के नाते वह सीएम पद का चेहरा हो सकते हैं. लेकिन यदि इन्हें कैबिनेट में शामिल किया जाएगा तो इन्हें इनके कद के लिहाज से कौन सा विभाग दिया जाएगा, इस पर सबकी निगाहें हैं.
मंत्री पद की दौड़ में कई नेता : बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. इसके चलते अब जब कैबिनेट विस्तार होगा तो किसको शामिल किया जाए और किसे नहीं. इसे लेकर लगातार खींचतान मची रहेगी. मालवा निमाड़ से कैलाश विजयवर्गीय संकेत दे चुके हैं कि जनता ने भरपूर सहयोग किया है और इस क्षेत्र से मंत्रिमंडल में यहां के लोगों को पर्याप्त जगह मिलनी चाहिए. महाकौशल से भी बीजेपी को बड़ी जीत मिली है. ऐसे में यहां के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में आस है. सांसद राकेश सिंह चुनाव जीत चुके हैं. उनकी दावेदारी भी बन रही हैं. अजय बिश्नोई के साथ 3 बार के सांसद और 2 बार के विधायक राव उदय प्रताप भी मंत्रीपद के दावेदार माने जा रहे हैं.
विंध्य से किसे मिलेगा मौका : विंध्य में भी बंपर सीटें मिली हैं. यहां से भी मंत्री पद दिए जाने को लेकर पार्टी पर दबाव होगा. पार्टी में 70 की उम्र के विधायक दमोह से जयंत मलैया 76, चंदेरी के जगन्नाथ सिंह रघुवंशी 75, नर्मदापुरम के होशंगाबाद से सीताशरण शर्मा 73, और अनुपपुर से बिसाहूलाल सिंह 73 भी चुनाव जीते हैं. इनमें से कई चेहरे मंत्री पद की दौड़ में हैं. वहीं महिलाओं में सांसद रीति पाठक विंध्य के लिहाज से मंत्री पद की दावेदारी कर सकती हैं. राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सतीश एलिया का कहना है कि इस बार बीजेपी को बंपर सीटें मिली हैं. ऐसे में हाईकमान के सामने भी मंत्रिमंडल को लेकर काफी खींचतान का सामना करना पड़ेगा.
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जातिगत समीकरण साधने होंगे : पत्रकार सतीश एलिया कहते हैं कि एक तरफ जातिगत समीकरण तो दूसरी तरफ भौगोलिक समीकरण भी साधने होंगे. इस बार नए चेहरे तो रहेंगे ही लेकिन साथ में पुराने चेहरों को भी खासतौर से उम्रदराज चेहरे भी कैबिनेट में देखने को मिल सकते हैं. दूसरी तरफ, जीते हुए सांसदों को 14 दिन में लेना होगा फैसला. विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव ईश्वर दास रोहानी के मुताबिक जीते हुए सांसदों को 14 दिन के अंदर फैसला लेना होगा कि वे सांसद रहेंगे या फिर विधायक. किसी एक पर से इन्हें इस्तीफा देना होगा.