भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार बनने पर कृषक न्याय योजना लागू करने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए 5 हॉर्स पावर तक के पंप पर निःशुल्क बिजली दी जाएगी. साथ ही कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि को माफ किया जाएगा. किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कि कहा कि किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे. कांग्रेस ने पिछली सरकार के दौरान किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था, उसे जारी रखा जाएगा.
किसानों पर बहुत कर्ज: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हमारी 70% अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है लेकिन जब कृषि क्षेत्र कमजोर होता है तो आर्थिक गतिविधि भी कमजोर होती है. नीति आयोग ने भी इसके आंकड़े दिए हैं कि प्रदेश के किसान कर्जदार हो गए हैं. किसान का कर्जा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश का किसान कमजोर हो रहा है. किसानों पर बढ़ता हुआ कर्ज चिंता का विषय है. कमलनाथ ने कहा कि हमने सरकार आने पर किसानों का कर्ज माफ करने की नीति बनाई थी लेकिन बीजेपी कहती है कि हम ब्याज माफ कर रहे हैं. लेकिन मूल कर्ज का आखिर क्या हुआ.
योजना का खाका तैयार : किसान कर्जदार बना रहा तो ब्याज फिर भी चलता रहेगा. इसलिए अब कांग्रेस कृषक न्याय योजना लेकर आएगी. पत्रकार वार्ता के दौरान जब मध्य प्रदेश की माली हालत को लेकर सवाल किया गया तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस जो भी योजनाएं लेकर आ रही है, उसका हमने पहले ही पूरा खाका तैयार कर लिया है. हमें पता है कि जो योजनाएं अनाउंस की गई हैं, उस पर कितना खर्च होगा.
कमलनाथ ने वचन पत्र में किए ये पांच वायदे :
- किसानों को सिंचाई के लिए 5 हॉर्स पावर तक के पंप पर बिजली निःशुल्क दी जाएगी.
- किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
- किसानों पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे.
- किसानों की कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जाएगी.
- किसानों को 12 घंटे पर्याप्त एवं निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाएगी.
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सीएम शिवराज पर साधा निशाना : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकार वार्ता के दौरान बीजेपी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बहनें और संविदा कर्मचारी याद आने लगे हैं. आखिर 18 सालों के दौरान मुख्यमंत्री को इनकी याद क्यों नहीं आई. उन्हें पता है कि 4 माह बाद प्रदेश की जनता उन्हें विदा करने वाली है. इसलिए अब वह कुछ भी घोषणाएं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 5 साल में कितनी घोषणा की और उन घोषणाओं पर कितना अमल हुआ, इसका उन्हें हिसाब देना चाहिए.