भोपाल। एमपी स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी की गाड़ी के सामने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन के बाद जेल भेजने के मामले में अब कांग्रेस उनके समर्थन में आ गई है. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा है कि कांग्रेस संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हैं, वहीं स्वास्थ्य मंत्री से इस मामले में शर्म करने की बात भी उन्होंने कही है.
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हमारे कोरोना योद्धाओं को अहिंसात्मक तरीके से अपनी मांगे मांगना क्या भाजपा सरकार में अपराध है?
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स्वास्थ्य मंत्री की गाड़ी के पास जाकर अपनी मांगे प्रभु राम जी को बताना क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अधिकार नही?
जो 10 कर्मचारियों खिलाफ केस दर्ज किए और 8 को जेल भेज दिया गया।
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— Sangeeta Sharma (@SangeetaCongres) December 25, 2022
स्वास्थ्य मंत्री की गाड़ी के पास जाकर अपनी मांगे प्रभु राम जी को बताना क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अधिकार नही?
जो 10 कर्मचारियों खिलाफ केस दर्ज किए और 8 को जेल भेज दिया गया।हमारे कोरोना योद्धाओं को अहिंसात्मक तरीके से अपनी मांगे मांगना क्या भाजपा सरकार में अपराध है?
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स्वास्थ्य मंत्री की गाड़ी के पास जाकर अपनी मांगे प्रभु राम जी को बताना क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अधिकार नही?
जो 10 कर्मचारियों खिलाफ केस दर्ज किए और 8 को जेल भेज दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्री में नहीं बचा संयम: 10 दिन से हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने गिरफ्तारी के दिन को बताया काला दिन बताया. उन्होंने कहा कि, "यह गांधी का देश नहीं बचा, अब गोड़से वादियों के राज में अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठा रहे कोरोना योद्धाओं को भी जेल भेजा जा रहा है. शर्म की बात है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी में इतना संयम भी नहीं बचा है कि अपनी परेशानी सुना रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की पीड़ा को सुन सकें, मैं संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के साथ खड़ा हूं." (congress supports contract workers strike)
हक मांगना भाजपा सरकार में अपराध: इसी के साथ कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने भी इस मामले में स्वास्थ्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी का विरोध किया है. संगीता का कहना है कि, "एक और रस्सी से बांधकर पुलिसकर्मी अपराधियों की तरह संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को ले जा रहे हैं, वहीं दूसरी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जबकि वह अपना हक ही मांग रहे हैं. हमारे कोरोना योद्धाओं को अहिंसात्मक तरीके से अपनी मांगे मांगना क्या भाजपा सरकार में अपराध है? स्वास्थ्य मंत्री की गाड़ी के पास जाकर अपनी मांगे प्रभु राम जी को बताना क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अधिकार नही? जो 10 कर्मचारियों खिलाफ केस दर्ज किए और 8 को जेल भेज दिया गया."
MP में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदा कर्मी, कहीं कराया मुंडन तो कहीं खून से लिखा पत्र
क्या है मामला: आपको बता दें कि शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी जेपी अस्पताल में निरीक्षण के लिए गए थे, इस दौरान वहां 10 दिनों से बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण की मांगों को लेकर उन्हें घेर लिया था. इस बात से नाराज प्रभु राम चौधरी के जाते ही भारी पुलिस बल वहां पहुंचा और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को खदेड़ता हुए थाने ले गया. थाने ले जाते समय इन कर्मचारियों को रस्सी से बांधकर अपराधियों की तरह ले जाया गया, जिस पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं 10 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. (contract workers strike)