भोपाल। राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की आज दोपहर 12 बजे विधायक दल की बैठक होगी. बैठक पूर्व सीएम कमलनाथ के आवास पर होगी. इसमें सभी कांग्रेस विधायकों के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, फूल सिंह बरैया, सुरेश पचौरी सहित मध्य प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव को लेकर विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ विधायक के पी सिंह, लक्ष्मण सिंह, वीर सिंह भूरिया, बाल सिंह मेडा सहित 6 विधायक शामिल नहीं हुए थे. 16 जून को हुई बैठक में दोनों दलों ने पार्टी विधायकों की गिनती के साथ निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों को अपने खेमे में दिखाने की कोशिश की, जिसमें भाजपा काफी हद तक सफल हुई.
बैठक में निर्दलीय विधायक के अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह पहले ही बीजेपी के भोज में शामिल होकर अपना पक्ष साफ कर चुके हैं.
कांग्रेस की बैठक में दिखे डाबर
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में 87 विधायक पहुंचे. केपी सिंह, रवि जोशी, लक्ष्मण सिंह और हिना कांवरे नहीं पहुंचे. हालांकि इन्होंने कमलनाथ को सूचित किया था. ये सभी गुरुवार को पहुंचेंगे. इस बैठक में निर्दलीय केदार डाबर भी नजर आए, लेकिन वे किसके साथ हैं, ये स्पष्ट नहीं है.
राज्यसभा चुनावों का गणित, संभावना और बैठक
भाजपा
1. भोजन में पहुंचे 106 विधायक, यशोधरा नहीं गईं, भोपाल पहुंचीं.
2. दो निर्दलीय, दो बसपा, एक सपा विधायक पहुंचे. दो अन्य निर्दलीय संपर्क में.
3. सिंधिया 19 जून को नहीं आएंगे, राज्यवर्धन दत्तीगांव होंगे प्रतिनिधि.
4. वोटिंग की निगरानी उमाशंकर गुप्ता और बंशीलाल गुर्जर को दी गई.
5. मतगणना स्थल पर यशपाल सिंह सिसोदिया, गिरीश गौतम और एजेंट अरविंद भदौरिया और विश्नोई रहेंगे.
कांग्रेस
1. बैठक में 87 विधायक के अलावा निर्दलीय केदार भी पहुंचे.
2. केपी, लक्ष्मण, रवि जोशी और हिना कांवरे नहीं आए. गुरुवार को आएंगे.
3. पहले प्रत्याशी दिग्विजय रहेंगे, दूसरे फूल सिंह बरैया होंगे.
4. वोटिंग के दिन कमलनाथ के घर से एक साथ जाएंगे सभी विधायक.
5. पहले 54 विधायकों को निर्देश-दिग्विजय का नाम पहले नंबर पर लिखें, कमलनाथ का वोट भी दिग्विजय को ही जाएगा.
ताजा समीकरण के हिसाब से सीटों का रूख
भाजपा के पास पार्टी के 107 विधायकों का साथ है जिनमें दो निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का भी समर्थन है. यानि संख्या होगी 112 विधायक. इस लिहाज से दो सीटें पक्की हैं.
वहीं अगर बात कांग्रेस की करें तो पार्टी के 92 विधायक हैं. निर्दलीय काे समर्थन लेने की कोशिश जारी रहेगी. लेकिन संभावना बहुत ही कम है.