भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 महीने बाद फिर अपने मंत्रियों के साथ टिफिन पार्टी करने वाले हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने साथियों को टिफिन पार्टी दे रहे हैं, इसमें सभी मंत्रियों को अपने घर से रात्रि भोज के लिए घर का खाना बनवा कर लाना है. भोजन से पहले ही विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारियों पर चर्चा होगी, साथ ही कैबिनेट बैठक भी होगी.
दरअसल केंद्र सरकार ने 9 साल पूरे होने पर बीजेपी नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वह कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन पार्टियां करें, जिसमें सांसद और विधायक पिछले महीनों में टिफिन पार्टी कर चुके हैं. इसी के तहत अब शनिवार रात के मुखिया अपने मंत्रियों के साथ टिफिन पार्टी करने वाले हैं.
टिफिन के जरिए होगा संवाद, बढ़ेगा आपसी समन्वय: मुख्यमंत्री निवास से सभी मंत्रियों को फोन जा चुके हैं और कहा गया है कि वह घर से बना हुआ खाना टिफिन में लेकर आएं, जिससे सभी लोग रात्रि भोज साथ करेंगे और इस जरिए एक दूसरे से संवाद भी होगा और आपसी समन्वय भी बढ़ेगा. अभी तक सीएम निवास में मुख्यमंत्री मंत्रियों को बुलाते थे तो सीएम निवास की तरफ से भोजन की व्यवस्था होती थी, लेकिन 11 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है, ऐसे में मानसून सत्र की रणनीति तो बनेगी ही साथ ही टिफिन पार्टी भी हो जाएगी.
एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति: नवंबर में एमपी विधानसभा चुनाव है और ऐसे में माना जा रहा है ये मानसून सत्र आखिरी सत्र होगा. यहां पर विपक्ष हमला करने की तैयारी कर रहा है और कई मुद्दों पर वह सरकार को घेर सकता है, इसी वजह से विपक्ष के संभावित मुद्दों पर सत्ता पक्ष किस तरह से जवाब देगी, इसे लेकर रणनीति बनाई जाएगी. आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार गिरने के कुछ महीनों बाद शिवराज सिंह ने अपने मंत्रियों के साथ टिफिन पार्टी की थी, मुख्यमंत्री निवास में सभी मंत्री अपने-अपने टिफिन लेकर पहुंचे थे, लेकिन फिर उसके बाद टिफिन पार्टी अभी तक नहीं हो सकी. इस बीच संगठन के निर्देश पर जिले की कोर कमेटी के साथ प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और विधायको ने टिफिन पार्टी की थी.
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नड्डा ने की टिफिन पार्टी की शुरुआत: टिफिन पार्टी की शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की है, जिसमें देशभर में बीजेपी ने टिफिन बैठकें करना शुरू किया है. इन बैठकों में पार्टी के सीनियर नेता पार्टी कार्यकर्ता एक साथ अपने घर से बना हुआ टिफिन लाते हैं और फिर भोजन करते हैं. पार्टी के मुताबिक इस जरिए सभी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया जाता है कि बीजेपी में नेता और कार्यकर्ताओं के बीच कोई अंतर नहीं है.