भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का चुनाव अभियान का शुभारंभ सोमवार को प्रियंका गांधी करने जा रही हैं. प्रियंका गांधी अपने चुनाव अभियान की शुरूआत जबलपुर में सुबह नर्मदा पूजा से करेंगी. इसके बाद वे यहां एक बड़ी चुनावी सभा करेंगी. इस दौरान वे महिलाओं को 1500 रुपए महीना सहित 5 गारंटियों का वादा करेंगी. इसके अलावा युवाओं से जुड़ी दो नई योजनाओं का ऐलान कर सकती हैं. प्रियंका गांधी की सभा को ऐतिहासिक बनाने के लिए कांग्रेस तैयारियों में जुटी है. इस सभा में कांग्रेस को लाखों की भीड़ पहुंचने की उम्मीद है.
महाकौशल से शुरू फिर हर संभाग में पहुंचेंगी प्रियंका: प्रियंका गांधी 12 जून को दोपहर 11ः25 पर शहीद स्मारक पर पहुंचेगी. जहां वे एक बड़ी जन सभा को संबोधित करेंगी. इसके पहले वे मां नर्मदा की पूजा-अर्चना भी करेंगी. महाकौशल से कांग्रेस का यह चुनावी आगाज है. इसके बाद प्रियंका गांधी की मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल, मालवा-निमाड़ और विंध्य क्षेत्र भी पहुंचेगी.
अपने गढ़ को और मजबूत करने की रणनीति: कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सबसे पहले अपने गढ़ को और मजबूत करने की रणनीति बनाई है. इसके तहत ही कांग्रेस द्वारा महाकौशल क्षेत्र से चुनाव अभियान की शुरूआत की जा रही है. महाकौशल क्षेत्र से कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिली थी. महाकौशल की 38 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के खाते में करीब 26 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी की झोली में 11 सीटें गई थीं, जबकि एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदों से भरे रिजल्ट आए थे. जबलपुर में करीबन 22 साल बाद बीजेपी हारी, जबकि छिंदवाड़ा में 18 साल कांग्रेस महापौर चुनाव जीती. इसके पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 13 सीटें जीती थीं. यही वजह है कि कांग्रेस यहां अपनी मौजूदगी को और पक्का करने में जुटी है. उधर बीजेपी लगातार इस क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. छिंदवाड़ा जिले की कमान बीजेपी ने अपने भरोसेमंद मंत्री कमल पटेल को सौपी है, जो यहां खूब पसीना बहा रहे हैं.
महाकौशल में यह है सीटों का गणित:
- जबलपुर जिले में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, इसमें 4 कांग्रेस और 4 बीजेपी के पास.
- छिंदवाड़ा जिले में 7 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें सभी कांग्रेस के पास हैं.
- डिंडौरी जिले में 2 विधानसभा सीटें हैं और यह दोनों सीटें कांग्रेस के पास हैं.
- बालाघाट में 6 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से 5 सीटें कांग्रेस के पास हैं, जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी. प्रदीप जायसवाल ने 2018 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
- कटनी जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से तीन बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है.
- मंडला में 3 विधानसभा सीटें हैं, इसमें से एक बीजेपी और 2 कांग्रेस के पास हैं.
- सिवनी जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से दो कांग्रेस और दो बीजेपी के पास हैं.
- नरसिंहपुर जिले में 4 सीटें आती हैं, इसमें से तीन कांग्रेस और एक बीजेपी के पास हैं.