ETV Bharat / state

मानसून आने से पहले बीजेपी में बवंडर! क्या जून के पहले हफ्ते में MP में बड़ा बदलाव - जून में एमपी बीजेपी में बड़े बदलाव की उम्मीद

कर्नाटक से बही चुनावी नतीजों की हवा ने एमपी बीजेपी में मानसून से पहले बवंडर उठने का डर बना दिया है. आलम यह है कि अंदरखाने में तमाम नेता अपनी जड़ों को बचाने के लिए तमाम जुगत कर रहे हैं कयास लगाए जा रहे हैं कि जून में बीजेपी में बड़ा तूफान आ सकता है.

mp chunav 2023
एमपी बीजेपी में बड़े बदलाव की उम्मीद
author img

By

Published : May 27, 2023, 5:32 PM IST

भोपाल। एमपी में मानसून केरल से आता है लेकिन प्रदेश में सियासी बवंडर कर्नाटक के नतीजे आने के बाद से शुरु हुआ और अब माना जा रहा है कि एमपी में मानसून के पहुंचने से पहले प्रदेश में राजनीतिक तूफान पहुंच जाएगा. क्या वाकई जून के पहले हफ्ते में एमपी में बड़ा सियासी बदलाव हो सकता है फिलहाल कयासों की कतार है. गुजरात फार्मूला एमपी में भी लागू हो सकता है या 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले हुए पोखरण विस्फोट भी हो सकता है बीजेपी संगठन में. हिम्मत कोठारी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हम अपनी बात पार्टी फोरम पर कह चुके हैं जो निर्णय लेना होगा पार्टी नेतृत्व लेगा, सब कुछ सामान्य दिखाए जानें की कोशिश के बावजूद बीजेपी में क्या वाकई सबकुछ ठीक चल रहा है.

संगठन से सरकार तक कहां कितनी दरारें: पूर्व विधायक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने भले फटकार के बाद अपने बयान पर यू टर्न ले लिया हो लेकिन जो वो कह गए बीजेपी की नींव हिलाने के लिए काफी था संगठन के रवैये से नाराजों की फेहरिस्त में कुसुम मेहदेले से लेकर रघुनंदन शर्मा अनूप मिश्रा और हाशिए पर पड़े हिम्मत कोठारी से लेकर हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू तक हैं. जिस बीजेपी में पार्टी संगठन का सबसे बडी ड्यूटी कार्यकर्ता की सुनवाई है उस बीजेपी संगठन में पहली बार संवादहीनता के आरोप लगे हैं. कुसुम मेहदेले जैसी पार्टी की दिग्गज नेता ने तो ये आरोप तक लगा दिया कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा उनकी सदस्यता बरकरार रहने नहीं देना चाहते. रघुनंदन शर्मा ने भी पार्टी के पांच पांच प्रभारियों पर आरोप लगाए थे और कहा था कि इनकी मौजूदगी में पार्टी की दशा द्रोपदी की सी हो गई है.

सरकार में क्या थम पाएगा सागर का रार: शिवराज सरकार में भी सागर के तीन कद्दावर मंत्रियों के बीच शीत युद्ध जारी है. संगठन के सीज फायर के बाद भी रह रह कर पार्टी के दूसरे और तीसरे दर्जे के नेता रार छेड़े हुए हैं. सागर जिला मंहामत्री देवेन्द्र फुसकेले का फेसबुक पोस्ट इसकी मिसाल है. जिसमें उन्होने भूपेन्द्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में तानाशाही का आरोप लगाया गया था हांलाकि हाईकमान की समझाईश के बाद नाराज मंत्री भी खामोश हैं लेकिन सबकुछ संभला नहीं है.

उधर सिंधिया के विरोध में उतरे सांसद केपी यादव के मामले में भी फटकार केपी यादव को ही लगी. इमरती देवी के बयानो पर संगठन ने गंभीरता नहीं दिखाई इसे कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा है कि बीजेपी में क्या चीन्ह चीन्ह कर एक्शन होता है अगर सांसद केपी यादव को फटकारा गया तो पार्टी फोरम से बाहर आकर बीजेपी के टिकट तय कर दे रही इमरती देवी पर एक्शन क्यों नही हुआ.

Also Read



क्या जून के पहले हफ्ते में होगा बदलाव: हांलाकि बीजेपी में जब जो कहा जाता है तब तब वो होता नहीं है लेकिन बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस इस बदलाव को भांप रही है. कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा है कि बीजेपी में सत्ता परिवर्तन की जर्बदस्त हलचल के बीच सबसे ज्यादा परेशान वो लोग हैं जो दल बदल कर आए थे बीजेपी में सत्ता परिवर्तन हुआ तो उनक कटिया कनेक्शन भी कट जाएगा.

भोपाल। एमपी में मानसून केरल से आता है लेकिन प्रदेश में सियासी बवंडर कर्नाटक के नतीजे आने के बाद से शुरु हुआ और अब माना जा रहा है कि एमपी में मानसून के पहुंचने से पहले प्रदेश में राजनीतिक तूफान पहुंच जाएगा. क्या वाकई जून के पहले हफ्ते में एमपी में बड़ा सियासी बदलाव हो सकता है फिलहाल कयासों की कतार है. गुजरात फार्मूला एमपी में भी लागू हो सकता है या 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले हुए पोखरण विस्फोट भी हो सकता है बीजेपी संगठन में. हिम्मत कोठारी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हम अपनी बात पार्टी फोरम पर कह चुके हैं जो निर्णय लेना होगा पार्टी नेतृत्व लेगा, सब कुछ सामान्य दिखाए जानें की कोशिश के बावजूद बीजेपी में क्या वाकई सबकुछ ठीक चल रहा है.

संगठन से सरकार तक कहां कितनी दरारें: पूर्व विधायक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने भले फटकार के बाद अपने बयान पर यू टर्न ले लिया हो लेकिन जो वो कह गए बीजेपी की नींव हिलाने के लिए काफी था संगठन के रवैये से नाराजों की फेहरिस्त में कुसुम मेहदेले से लेकर रघुनंदन शर्मा अनूप मिश्रा और हाशिए पर पड़े हिम्मत कोठारी से लेकर हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू तक हैं. जिस बीजेपी में पार्टी संगठन का सबसे बडी ड्यूटी कार्यकर्ता की सुनवाई है उस बीजेपी संगठन में पहली बार संवादहीनता के आरोप लगे हैं. कुसुम मेहदेले जैसी पार्टी की दिग्गज नेता ने तो ये आरोप तक लगा दिया कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा उनकी सदस्यता बरकरार रहने नहीं देना चाहते. रघुनंदन शर्मा ने भी पार्टी के पांच पांच प्रभारियों पर आरोप लगाए थे और कहा था कि इनकी मौजूदगी में पार्टी की दशा द्रोपदी की सी हो गई है.

सरकार में क्या थम पाएगा सागर का रार: शिवराज सरकार में भी सागर के तीन कद्दावर मंत्रियों के बीच शीत युद्ध जारी है. संगठन के सीज फायर के बाद भी रह रह कर पार्टी के दूसरे और तीसरे दर्जे के नेता रार छेड़े हुए हैं. सागर जिला मंहामत्री देवेन्द्र फुसकेले का फेसबुक पोस्ट इसकी मिसाल है. जिसमें उन्होने भूपेन्द्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में तानाशाही का आरोप लगाया गया था हांलाकि हाईकमान की समझाईश के बाद नाराज मंत्री भी खामोश हैं लेकिन सबकुछ संभला नहीं है.

उधर सिंधिया के विरोध में उतरे सांसद केपी यादव के मामले में भी फटकार केपी यादव को ही लगी. इमरती देवी के बयानो पर संगठन ने गंभीरता नहीं दिखाई इसे कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा है कि बीजेपी में क्या चीन्ह चीन्ह कर एक्शन होता है अगर सांसद केपी यादव को फटकारा गया तो पार्टी फोरम से बाहर आकर बीजेपी के टिकट तय कर दे रही इमरती देवी पर एक्शन क्यों नही हुआ.

Also Read



क्या जून के पहले हफ्ते में होगा बदलाव: हांलाकि बीजेपी में जब जो कहा जाता है तब तब वो होता नहीं है लेकिन बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस इस बदलाव को भांप रही है. कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा है कि बीजेपी में सत्ता परिवर्तन की जर्बदस्त हलचल के बीच सबसे ज्यादा परेशान वो लोग हैं जो दल बदल कर आए थे बीजेपी में सत्ता परिवर्तन हुआ तो उनक कटिया कनेक्शन भी कट जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.