भोपाल। करणी सेना ने एक बार फिर राजधानी भोपाल में शंखनाद कर दिया है. भोपाल में सैकड़ों की संख्या में जुटे करणी सेना के लोगों ने रैली निकाली और महाराणा प्रताप की मूर्ति के सामने पुष्पांजलि अर्पित की. उनका कहना था कि सरकार अपना किया हुआ वादा निभाए, अन्यथा एक बार फिर भोपाल में बड़ा आयोजन होगा. 8 जनवरी को भोपाल में विशाल आंदोलन कर चुके करणी सेना के लोग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. सरकार ने इनको 2 महीने का आश्वासन दिया था. जिसकी समय सीमा से अधिक का समय होने के बाद उन्होंने एक बार फिर राजधानी भोपाल में हुंकार भरने की तैयारी कर ली है. इसी को लेकर इन्होंने एक विशाल रैली निकाली.
करणी सेना रैली निकाली तो कर दिया शंखनाद: महाराणा प्रताप की जयंती को राजपूत समाज महोत्सव के रूप में मना रहा है. तभी से प्रदेश भर में जगह-जगह रैलियां निकाली जा रही हैं. भोपाल में यह रैली एमपी नगर से शुरू हुई जो तमाम रास्तों से होती हुई. ज्योति टॉकीज चौराहे पर पहुंची. यहां करणी सेना के लोगों ने महाराणा प्रताप की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की. करणी सेना परिवार के शैलेंद्र सिंह झाला ने सरकार को एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि "8 जनवरी को इन्होंने अपना आंदोलन भोपाल में किया था. उस समय सरकार ने उनकी मांगों के निराकरण की बात कही थी और तब 2 से 3 महीने में इन मांगों को पूरा करने की बात हुई थी. लेकिन जब से अब तक मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी है और ना ही कोई निर्णय निकल कर आया है. वहीं दूसरी ओर समय सीमा भी पूरी हो चुकी है, ऐसे में यह एक बार फिर भोपाल में आकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने आज रैली निकालकर शंखनाद कर दिया है.''
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करणी सेना की चेतावनी: करणी सेना के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर इनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ, तो चुनावी साल में एक यह बीजेपी को वोट नहीं देंगे और इसका पूरा का पूरा खामियाजा प्रदेश सरकार के मुखिया को उठाना पड़ेगा. यह अपनी मांगों को लेकर पहले ही अपने मंसूबे साफ कर चुके हैं. ऐसे में इनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो एक बार फिर ये आंदोलन भोपाल में जल्द ही शुरू किया जाएगा. करणी सेना की इस रैली में राजपूताना समाज की महिलाएं हाथों में शस्त्र लेकर चल रही थीं. इस दौरान उन्होंने तलवारबाजी का प्रदर्शन भी किया. इनका कहना है कि ''क्षत्राणी देश की रक्षा के लिए जब अपने हाथों में अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठा सकती है, तो वह भी खुद के और परिवार के अधिकारों के लिए वह भी सड़कों पर उतर सकती हैं. वह भी किसी से पीछे नहीं हैं.''