भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को किसान सम्मान निधि के नाम पर ₹2000 की अतिरिक्त राशि दिए जाने का ऐलान किया है. राजगढ़ जिले के मोहनपुरा में आयोजित किसान कल्याण महाकुंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में किसानों के खाते में कुल ₹10000 की राशि डाली जाती है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार अब इस राशि में ₹2000 की और बढ़ोतरी कर रही है. अब मध्य प्रदेश के किसानों को 10 हजार रुपए के स्थान पर 12 हजार रुपए मिलेंगे. कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे.
ब्याज माफी फसल बीमा के 6423 करोड़ बांटे: राजगढ़ के मोहनपुरा भीम पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में किसानों को 6423 करोड़ रुपए की सौगात दी. इसमें मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना के तहत डिफाल्टर हुए 11 लाख से ज्यादा किसानों की कर्ज की ब्याज राशि का 2123 करोड़ रुपए संबंधित सहकारी बैंकों को ट्रांसफर किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 44.99 लाख किसानों के खातों में 2900 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों के खातों में 14 सौ करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. इस दौरान 11378 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण भी किया गया.
कांग्रेस ने लगाया आरोप: उधर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने एक बार फिर झूठी घोषणाएं कर सरकार को ठगने का काम किया है. सरकार ने पहले कहा था कि ₹50000 का कर्ज माफ होगा, लेकिन यह आज तक नहीं हुआ. आज फिर किसानों की ब्याज माफी की बात कही गई है, लेकिन सवाल यह है कि किसानों पर यह कर्ज बढ़ा कैसे. 2018 में 28 लाख किसानों के कर्ज माफ हो चुके हैं. सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की राशि जारी करने में देरी की. सरकार को डिफाल्टर हुए एक एक किसान का रिकॉर्ड बताना चाहिए कि कौन सा किसान किस तारीख को डिफाल्टर हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज ने आज फिर ऐलान किया है कि किसान सम्मान निधि के नाम पर ₹4000 से बढ़ाकर ₹6000 राशि की जा रही है, लेकिन सवाल यह है कि जो ₹4000 की राशि है, वह कैसे मिले. कहीं ऐसा तो नहीं कि जैसे मोहल्ले की राशि दूसरों के खातों में गई. यह राशि भी दूसरों के खाते में जाएगी.