भोपाल। एमपी में मंत्रीमण्डल विस्तार की अटकलों के बीच पूर्व मंत्री और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने मंत्रीपद की शपथ की अटकलों के बीच कहा है कि "उनके पास अब भी चालीस दिन का समय है. चालीस दिन में तो भूचाल आ सकता है. गौरीशंकर बिसेन ने ये बात ईटीवी भारत से खास बातचीत में कही. मंत्री बन जाने की बधाईयां ले रहे बिसेन ये खुलकर बताने से बचते रहे कि उन्हें शपथ ग्रहण के लिए भोपाल में रुकने कहा गया है.
क्या शपथ की सूचना मिल गई है ?: गौरीशंकर बिसेन से सवाल था क्या मुख्यमंत्री का फोन आ चुका है. इस पर उन्होंने कहा कि मैं भोपाल में हूं, ये हमारे प्रदेश संगठन और सरकार की जानकारी में राज्यपाल राजभवन में शपथ दिलाएंगे. इलेक्ट्रानिंक प्रिंट मीडिया में जो खबरें चल रही हैं. उतनी ही जानकारी मुझे भी है कि मेरा नाम चल रहा है. क्या आपको भोपाल में रुकने का फोन आ गया है. इस पर बिसेन बोले देखिए सामान्यत होता यही है कि मंत्रीपरिषद का जब विस्तार होता है तो सीनियर लोगों को कहा जाए ना कहा जाए वो रुकते ही हैं.
गौरीशंकर बिसेन जरुरी हैं या मजबूरी: मंत्रिमंण्डल विस्तार की अटकलों में गौरीशंकर बिसेन का नाम सबसे तेजी से उठा है. बिसेन क्यों जरुरी हैं. इस सवाल के जवाब पर गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि पार्टी जो निर्णय ले वो सर्वोपरि होता है, जन कल्याणकारी होता है. किसी से छिपा नहीं है कि नवंबर दिसंबर में वोट डाले जाएंगे. उसके पूर्व जो हमारी संवैधानिक व्यवस्था है. उसके हिसाब से तीन चार पद खाली हैं, कैबिनेट में उस संवैधानिक व्यवस्था के हिसाब से तीन चार मंत्री बनाए जा सकते हैं. दूसरी बात ये है कि महाकौशल में 38 सीटें हैं, इनमें से 13 सीटें हमारे पास है. जब महाकौशल को प्रतिनिधित्व मिलेगा, तो उसका संदेश जाएगा.
डेढ़ महीने का कार्यकाल, ये केवल मन रखना नहीं हुआ क्या: मंत्रिमंडल का विस्तार बहुत देर से और कम समय के लिए नहीं है क्या, ये केवल मन रखने की बात हो जैसे...इस सवाल पर गौरीशंकर बिसेन कहते हैं, हम लोग ऐसे विद्यार्थी हैं, जो चुनाव जीतने के साथ ही अगले चुनाव की तैयारी में जुट जाते हैं. शिवराज सिंह चौहान चुनाव है, इसलिए दौरा नहीं कर रहे हैं. वो तो पूरे पांच साल इसी सजगता में रहते हैं. मैं चुनाव में अपने क्षेत्र में बमुश्किल डेढ़ दिन का समय देता है. हमारा कार्यकर्ता लड़ता है चुनाव. हमारे यहां सरकार नहीं परिवार होता है. अकेले कोई कुछ नहीं कार्यकर्ताओं की ताकत और सबके सहयोग से बनती है पार्टी.
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लेकिन आपके पास कुल डेढ महीने का समय है: गौरीशंकर बिसेन जो अभी तक शपथ लेने की सूचना से भी इंकार कर रहे थे, कहते हैं, हमारे पास चालीस दिन तो फिर भी होंगे. चार अक्टूबर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. चालीस दिन तो बचे हैं. चालीस दिन में क्या नहीं हो सकता है. भूचाल आ सकता है. सर्जिकल स्ट्राइक होने में कितना समय लगा था.