भोपाल। मध्यप्रदेश के डिजिटल बजट को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार हो गई है. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार द्वारा लाए जा रहे डिजिटल बजट पर अपनी आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को टेबलेट पर बजट दिए जाने का निर्णय लेने से पहले सभी विधायकों का प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए था. उधर बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस एससी, एसटी वर्ग के विधायकों की क्षमताओं पर सवाल उठाकर सदस्यों का अपमान कर रही है.
सभी MLA को टेबलेट पर मिलेगा बजटः दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा इस बार डिजिटल बजट पेश किया जा रहा है. वैसे 2021 में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट टेबलेट पर ही पढ़ा था. बावजूद इसके यह पहला मौका होगा, जब विधायकों को भी पूरा बजट टेबलेट पर ही मिलेगा. इसके लिए सभी विधायकों को टेबलेट दिए जा रहे हैं. उधर सरकार की इस पहल पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को बकवास बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ अपनी कमियां छिपाने के लिए हमेशा नई नौटंकी करती है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सरकार को टेबलेट बांटने से पहले विधायकों का प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए था, ताकि वे उसे अच्छे से समझ पाते. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस पर फिर से विचार करने की मांग की है.
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बीजेपी ने कहा विधायकों का अपमानः उधर कांग्रेस द्वारा टेबलेट पर बजट पर सवाल उठाए जाने पर बीजेपी ने पलटवार किया है. मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस द्वारा यह कहना कि कई विधायक इसे समझ नहीं पाएंगे यह सीधे तौर पर एससी-एसटी वर्ग के विधायकों का अपमान है. कांग्रेस हमेशा निचले वर्ग को नीचा दिखाने का काम करती है, जबकि यह आईटी का दौर है. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सभी क्षेत्र हाईटेक होते जा रहे हैं. ऐसे में बजट यदि टेबलेट पर दिया जा रहा है, तो इसमें कांग्रेस को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा सदन में ई बजट प्रस्तुत होगा. वित्त मंत्री स्वयं भी पढ़ेंगे. यदि नेता प्रतिपक्ष कोई सुझाव देंगे तो उन पर विचार करेंगे. सिर्फ विरोध करना ठीक नहीं है.