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MP Mission 2023 बेरोजगारों के वोट बैंक पर नजर, शिवराज सरकार बंपर भर्तियां करने की तैयारी मेंं

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Published : Sep 19, 2022, 4:54 PM IST

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं और कर्मचारियों की नाराजगी भारी पड़ सकती है. इसको देखते हुए राज्य सरकार बंपर भर्तियां निकालने की तैयारियों में जुटी हैं, लेकिन इस मामले में कर्मचारी संगठन की मांगें सरकार के लिए परेशानी बनती जा रही है. कर्मचारी संगठन सरकार पर दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का दवाब बना रहे हैं. अपनी मांगों को कर्मचारी संगठनों ने 2 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. BJP Mission 2023, vote bank of unemployed, Shivraj government sharp eye, Bumper recruitments in MP

Bumper recruitments in MP
शिवराज सरकार बंपर भर्तियां करने की तैयारी मेंं

भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को बेरोजगारी की चिंता क्यों सता रही है. इसे हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों से बखूबी समझा जा सकता है. हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सरकार से प्रदेश में बेरोजगारों को लेकर सवाल किया. जवाब में तकनीकी कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे ने बताया कि प्रदेश में 1 अप्रेल 2022 तक प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 25.8 लाख से ज्यादा है. बेरोजगारों में सबसे ज्यादा संख्या ओबीसी वर्ग की है. ओबीसी वर्ग के बाद सबसे ज्यादा बेरोजगार सामान्य वर्ग के युवा हैं

ओबीसी व सामान्य वर्ग के बेरोजगार ज्यादा : इन दोनों वर्ग यानी ओबीसी और सामान्य वर्ग के 70 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. प्रदेश में ओबीसी वर्ग के 10 लाख और सामान्य वर्ग के 8.11 लाख युवा बेरोजगार हैं. रोजगार के मामले में सबसे ज्यादा खराब हालत ग्वालियर की हैं, यहां 1.55 लाख युवा खाली हाथ हैं. इसी तरह भोपाल में 1.31 लाख, रीवा में 1.09 लाख, इंदौर में 1.02 लाख युवा बेरोजगार हैं. वैसे ये आंकड़े रोजगार पंजीयन कार्यालय के आधार पर दिए गए हैं. असल हालात और भी खराब हैं. यही वजह है कि खाली हाथ युवा को रिझाने के लिए बीजेपी की सत्ता वाली सरकार रिझाने में जुट गई है.

बंपर भर्तियां निकालने की तैयारी : प्रदेश में करीबन 1 करोड़ 48 लाख से ज्यादा युवा वोटर 20 से 29 आयु वर्ग का है, जो बेहतर नौकरी की तलाश में हैं. जानकारों की मानें तो युवा वर्ग का झुकाव पार्टी की जीत हार तय करता है. यही वजह है कि बेरोजगार युवाओं को ध्यान में रखकर सरकार रोजगार के साधन उपलब्ध कराने में जुटी है. राज्य सरकार करीब 1 लाख पदों पर भर्तियां निकालने की तैयारियों में जुटी है. इसके लिए सभी विभागों से खाली पदों की सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी मांगी जा रही हैं

स्वरोजगार के माध्यम से भी जोड़ेंगे युवाओं को : उधर, स्वरोजगार के माध्यम से सरकार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटी है. सरकार का दावा है कि जनवरी से लेकर अभी तक करीबन 14 लाख युवाओं को विभिन्न युवाओं को बैंकों के माध्यम से रोजगार के लिए लोन और अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. कोरोना के करण अटकी भर्तियां और रिजल्ट न जारी होने से लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं को राहत देते हुए सरकार ने पीएससी में भर्तियों में एक बार के लिए तीन साल की अधिकतम उम्र में छूट दी गई.

कर्मचारी वर्ग बढ़ाएगा सरकार की मुश्किल : युवा वर्ग को राहत देने के लिए सरकार एक लाख पदों पर भर्तियां निकालने की भले ही तैयारियां कर रही हो, लेकिन कर्मचारी वर्ग इसको लेकर अपनी अलग मांगें कर रहा है. कर्मचारी संगठनों ने खाली पड़े पदों पर भर्तियों के पहले दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों, स्थाईकर्मियों को विभागों में खाली पड़े पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने और बाकी पर सीधी भर्ती करने की मांग की है. मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुभाष शर्मा के मुताबिक कर्मचारी संगठन अपनी एक दर्जन मांगों को लेकर 2 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने जा रहा है. 2 अक्टूबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर उपवास रख इसकी शुरूआत की जाएगी.

युवाओं ने बढ़ाई शिवराज की परेशानी, पूछा- कब मिलेगा रोजगार

कांग्रेस ने साधा निशाना : उधर, बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव के मुताबिक बीजेपी ने प्रदेश में युवाओं के लिए कुछ किया होता तो प्रदेश में आज लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार नहीं घूम रहे होते। अब सरकार सिर्फ रोजगार के सपनें दिखाकर एक बार फिर ठगने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार इसमें कामयाब नहीं होगी. Mission 2023, vote bank of unemployed, Shivraj government sharp eye, Bumper recruitments in MP

भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को बेरोजगारी की चिंता क्यों सता रही है. इसे हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों से बखूबी समझा जा सकता है. हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सरकार से प्रदेश में बेरोजगारों को लेकर सवाल किया. जवाब में तकनीकी कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे ने बताया कि प्रदेश में 1 अप्रेल 2022 तक प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 25.8 लाख से ज्यादा है. बेरोजगारों में सबसे ज्यादा संख्या ओबीसी वर्ग की है. ओबीसी वर्ग के बाद सबसे ज्यादा बेरोजगार सामान्य वर्ग के युवा हैं

ओबीसी व सामान्य वर्ग के बेरोजगार ज्यादा : इन दोनों वर्ग यानी ओबीसी और सामान्य वर्ग के 70 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. प्रदेश में ओबीसी वर्ग के 10 लाख और सामान्य वर्ग के 8.11 लाख युवा बेरोजगार हैं. रोजगार के मामले में सबसे ज्यादा खराब हालत ग्वालियर की हैं, यहां 1.55 लाख युवा खाली हाथ हैं. इसी तरह भोपाल में 1.31 लाख, रीवा में 1.09 लाख, इंदौर में 1.02 लाख युवा बेरोजगार हैं. वैसे ये आंकड़े रोजगार पंजीयन कार्यालय के आधार पर दिए गए हैं. असल हालात और भी खराब हैं. यही वजह है कि खाली हाथ युवा को रिझाने के लिए बीजेपी की सत्ता वाली सरकार रिझाने में जुट गई है.

बंपर भर्तियां निकालने की तैयारी : प्रदेश में करीबन 1 करोड़ 48 लाख से ज्यादा युवा वोटर 20 से 29 आयु वर्ग का है, जो बेहतर नौकरी की तलाश में हैं. जानकारों की मानें तो युवा वर्ग का झुकाव पार्टी की जीत हार तय करता है. यही वजह है कि बेरोजगार युवाओं को ध्यान में रखकर सरकार रोजगार के साधन उपलब्ध कराने में जुटी है. राज्य सरकार करीब 1 लाख पदों पर भर्तियां निकालने की तैयारियों में जुटी है. इसके लिए सभी विभागों से खाली पदों की सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी मांगी जा रही हैं

स्वरोजगार के माध्यम से भी जोड़ेंगे युवाओं को : उधर, स्वरोजगार के माध्यम से सरकार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटी है. सरकार का दावा है कि जनवरी से लेकर अभी तक करीबन 14 लाख युवाओं को विभिन्न युवाओं को बैंकों के माध्यम से रोजगार के लिए लोन और अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. कोरोना के करण अटकी भर्तियां और रिजल्ट न जारी होने से लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं को राहत देते हुए सरकार ने पीएससी में भर्तियों में एक बार के लिए तीन साल की अधिकतम उम्र में छूट दी गई.

कर्मचारी वर्ग बढ़ाएगा सरकार की मुश्किल : युवा वर्ग को राहत देने के लिए सरकार एक लाख पदों पर भर्तियां निकालने की भले ही तैयारियां कर रही हो, लेकिन कर्मचारी वर्ग इसको लेकर अपनी अलग मांगें कर रहा है. कर्मचारी संगठनों ने खाली पड़े पदों पर भर्तियों के पहले दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों, स्थाईकर्मियों को विभागों में खाली पड़े पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने और बाकी पर सीधी भर्ती करने की मांग की है. मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुभाष शर्मा के मुताबिक कर्मचारी संगठन अपनी एक दर्जन मांगों को लेकर 2 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने जा रहा है. 2 अक्टूबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर उपवास रख इसकी शुरूआत की जाएगी.

युवाओं ने बढ़ाई शिवराज की परेशानी, पूछा- कब मिलेगा रोजगार

कांग्रेस ने साधा निशाना : उधर, बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव के मुताबिक बीजेपी ने प्रदेश में युवाओं के लिए कुछ किया होता तो प्रदेश में आज लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार नहीं घूम रहे होते। अब सरकार सिर्फ रोजगार के सपनें दिखाकर एक बार फिर ठगने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार इसमें कामयाब नहीं होगी. Mission 2023, vote bank of unemployed, Shivraj government sharp eye, Bumper recruitments in MP

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