भोपाल। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बाद शिवराज सरकार ने निगम व मंडल के साथ ही सत्ता और संगठन में खाली पदों पर नियुक्तियां फिर से शुरू कर दी हैं. इन नियुक्तियों को लेकर विवाद बढ़ने लगा है. शनिवार को सरकार ने एक दर्जन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा दिया. इसके बाद सियासी पुनर्वास का इंतजार कर रहे पुराने नेताओं में निराशा बढ़ गई. सरकार ने इसके पहले 42 नेताओं को मंत्री दर्जा देकर निगम मंडल, प्राधिकरण, आयोग, कमेटी या फिर अन्य जगह नियुक्तियां की हैं. कुल मिलाकर 61 लोगों की नियुक्तियां हो चुकी हैं.
बीजेपी के मूल नेताओं में असंतोष : पहले की सूचियों में 25 प्रतिशत से ज्यादा नियुक्तियां दूसरे दलों से आये नेताओं की गई हैं. चूंकि बीजेपी ने कांग्रेस से बागी हुए नेताओं के बलबूते फिर से सरकार बनाई थी. ऐसे में शर्त के मुताबिक 25 फ़ीसदी ऐसे नेताओं को शामिल किया गया, जो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं. इसी को लेकर अब बीजेपी के मूल नेताओ में असंतोष बढ़ रहा है. हालांकि शनिवार रात जिन्हें राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया, उनमें ज्यादातर बीजेपी के पुराने नेता हैं. पहले की गईं नियुक्तियों से सत्ता संगठन के प्रति उन नेताओं में नाराजगी दिखाई दी थी, जिन्हें नियुक्तियां नहीं मिलीं. हालांकि ऐसे नेताओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा सहित संगठन के लोगों ने आश्वासन दिया था कि पुराने नेताओं को पार्टी में तवज्जो दी जाएगी.
प्राधिकरण, मंडलों में कई जगह पद खाली : सबसे पहले सिंधिया समर्थकों को निगम, मंडल, प्राधिकरण में जगह दी गई और उसके बाद नियुक्तियां नहीं होने से इन पदों के दावेदारों ने पार्टी की बैठकों में कई बार मुद्दा उठाया. अभी प्राधिकरण में जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर सहित विंध्य में पद खाली हैं. इसके साथ आयोग में महिला, युवा और पिछड़ा वर्ग भी खाली हैं, जिनमे नियुक्तियां होनी हैं. अभी कई और निगम, मंडल खाली हैं जिनमें नियुक्तियां की जानी हैं. कुछ बीजेपी नेताओं ने हाल ही में दिल्ली जाकर हाईकमान से सियासी नियुक्तियों में देरी को लेकर शिकायत भी की थी. नेताओं की शिकायत की कि रिटायर्ड आईएएस अफसरों और अधिकारियों के पुनर्वास में सरकार देर नहीं करती लेकिन पार्टी का डंडा व झंडा लेकर चलने वालों पर पार्टी कोई ध्यान नहीं दे रही. रिटाययर्ड आईएएस अशोक शाह और केसरी के पुनर्वास पर हाईकमान से शिकायत की गई है.अशोक शाह हाल ही में रिटायर हुए और उसके तुरंत बाद उन्हें गुणवत्ता परिषद में डीजी के पद पर नियुक्ति दे दी. इसी तरह एक अन्य अधिकारी केसरी को रिटायरमेंट के बाद पुनर्वास देते हुए दिल्ली में मीडिया सलाहकार पद पर नियुक्ति दे दी गई.
इन अध्यक्षों को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा :
- प्रवासी श्रमिक आयोग के अध्यक्ष भागचंन्द्र उईके
- हज कमेटी के अध्यक्ष रफत वारसी
- श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष भगवानदास गौराने
- माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष रामदयाल प्रजापति
- भोपाल विकास प्राधीकरण BDA अध्यक्ष कृष्णमोहन सोनी
- योग आयोग के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा
- बांस विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष धनश्याम पुरोनिया
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इन उपाध्यक्षों को मिला राज्यमंत्री का दर्जा :
- कुक्कुट विकास निगम उपाध्यक्ष नंदराम कुश्वाहा
- भोपाल विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल 'लिल्ली'
- इंदौर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश 'गोलू' शुक्ला