भोपाल। नगरपालिका, नगर परिषद अध्यक्षों और नगर निगम सभापति के निर्वाचन में बीजेपी मध्य प्रदेश में जातीय समीकरण साधने मे जुटी है. जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष अपने समर्थित बनाने के बाद भाजपा अब नगरपालिका, नगर परिषद अध्यक्षों और नगर निगम सभापति के निर्वाचन में जातीय समीकरण साधने की कोशिश में जुटी है. संगठन की कोशिश है कि एक ही जिले में सभी वर्गों के लोगों को राजनीतिक पद सौंपकर राजेनताओं के बीच जातीय संतुलन बनाया रखा जा सके. (cast factor politics madhya pradesh)
क्या है रणनीति: पार्टी ने इसी के तहत जिलों और निकायों के प्रभारी बनाए गए पार्टी पदाधिकारियों को जातीय संतुलन का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. नगरीय निकायों में चुने जाने वाले पार्षद के लिए यह रणनीति अधिकांश जिलों में अपनाई जा सकती है. संगठन ने जिलों और निकायों के प्रभारी बनाए गए पार्टी पदाधिकारियों को जातीय संतुलन का ध्यान रखने के संकेत दिए हैं. (MP BJP Cast Politics)
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जानें पूरा फॉर्मूला: नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के जो चुनाव होने हैं, उसमें यह देखा जाएगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष और महापौर किस जाति वर्ग से निर्वाचित हुए हैं. इसके बाद जो जाति वर्ग शेष बचता है उस वर्ग से निर्वाचित होकर सामने आए नेताओं को मौका दिया जाएगा. नगर निगम में ओबीसी का महापौर और एसटी कोटे का जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ठाकुर जाति से निर्वाचित हुआ है वहां नगर निगम परिषद अध्यक्ष ब्राह्मण या अन्य हो, इसे ध्यान में रखकर कैंडिडेट सेट किए जा रहे हैं. इससे जातीय संतुलन बना रह सकेगा. इसी तरह नगरपालिका अध्यक्ष के मामले में भी यही रणनीति होगी.