भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र जहां पांच दिन चलना था, वह 2 दिन में ही हंगामे की भेंट चढ़ा और सत्र को अनिश्चितकालीन समय के लिए समाप्त कर दिया गया है. विधानसभा का कार्यवाही के दौरान कांग्रेस सीधी कांड से लेकर आदिवासी अत्याचार और महाकाल घोटाले को लेकर आक्रामक नजर आई. एक तरफ जहां कांग्रेस ने इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष से जवाब मांग रही थी तो वहीं सरकार विधिवत कार्रवाई की बात कहकर बात नहीं करना चाह रही थी. इस दौरान एक कांग्रेस विधायक महाकाल की तस्वीर लेकर विधानसभा पहुंचे.
महाकाल की तस्वीर लेकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक: तराना से विधायक महेश परमार महाकाल की तस्वीर लेकर विधानसभा सदन पहुंचे. भगवान महाकाल की फोटो सदन के अंदर दिखाते हुए कांग्रेस विधायक बोले कि "भगवान बीजेपी को कभी माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में महाकाल लोक निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. जरा सी आंधी में महाकाल लोक में लगी सप्तऋषियों की मूर्ति गिर गई. करोड़ों रुपए पानी में बहा दिए गए और अब जब मैंने विधानसभा में इसका जवाब मांगा तो सत्ता पक्ष ने जवाब ना देते हुए हंगामा शुरू कर दिया." सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस काफी आक्रमक नजर आई. सीधे तौर पर कहा जाए तो महाकाल मंदिर में हुए भ्रष्टाचार को लेकर चाहे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा हों, या फिर अन्य विधायक, सभी ने एक स्वर में सरकार पर आरोप लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी तो भगवान को भी नहीं छोड़ती.
मंत्री मोहन यादव का कांग्रेस पर हमला: वहीं सदन से बाहर निकलकर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा "हम तो पूरे 15 जुलाई तक सत्र चलाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस जनता की आवाज को सदन में नहीं उठाना चाहती और मुद्दे से बचना चाहती है. कैबिनेट मंत्री ने कहा चाहे वह आदिवासी मामला हो या फिर किसी भी तरह का कोई सवाल, हम सब में चर्चा के लिए तैयार थे. मंत्री मोहन यादव ने ये भी कहा कि महाकाल लोक में कोई भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. जो मूर्तियां गिरी, उसकी जगह पर नई मूर्तियां बनवाकर लगाई जाएंगी. वहीं आदिवासी अत्याचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अत्याचार का तो कोई मुद्दा ही नहीं है."