भोपाल। इस साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है. जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों में अब होड़ शुरू हो चुकी है. विधानसभा चुनाव में टिकर पाने के लिए हर नेता कोशिश में जुट गया है. वहीं ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन नया ऐलान किया है. गोरी शंकर बिसेन ने कहा कि वे छिंदवाड़ा से कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी बेटी मौसम बिसेन के भी चुनाव लड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा की मेरी बेटी बालाघाट से चुनाव लड़ेगी और मैं कमलनाथ के गढ़ को भेदने के लिए तैयार हूं. हालांकि बाद में ये भी जोड़ दिया कि पार्टी चाहेगी तभी वे चुनाव लड़ेंगी.
कमलनाथ के गढ़ में क्यों जा रहे बिसेन: गौरीशंकर बिसेन बालाघाट से प्रतिनिधत्व करते आए हैं, उनकी पकड़ यहां पर बहुत अच्छी है. बालाघाट भी आदिवासी बाहुल्य है और छिंदवाड़ा से लगा हुआ है. आदिवासियों के बीच अच्छी पकड़ होने के चलते बिसेन ये दांव खेल सकते हैं. हालांकि कमलनाथ के लिए चुनौती उतनी बड़ी दिखाई नहीं देती, लेकिन ये सियासी बयान देकर बिसेन ने कांग्रेस में हलचल जरूर पैदा कर दी है. बिसेन के इस ऐलान पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा की बिसेन साहब अब पार्टी ने आपको मार्गदर्शक मंडल में शामिल करने का मन बना लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि यदि पार्टी को इतनी चिंता ओबीसी वर्ग की होती तो ओबीसी के नाते आपको मंत्री बनाते.
निकाय चुनाव में कमलनाथ के गढ़ को बीजेपी ने भेदा: मध्य प्रदेश में कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. जिले के तीन नगरीय निकायों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के गृह क्षेत्र में पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.
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40 साल से छिंदवाड़ा जिला अभेद्य किला रहा है: छिंदवाड़ा जिला पिछले 40 साल से कमलनाथ का गढ़ है. लंबे समय तक सांसद रहे और अब विधायक हैं. उनके बेटे नकुलनाथ सांसद हैं. जिले की सभी सात विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं. नगर निगम में महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस का ही है, लेकिन हाल ही में छह नगरीय निकायों के चुनाव में भाजपा ने कमलनाथ के इस गढ़ में सेंध लगाने में सफलता हासिल की है.
अपने बयान और अपशब्दों पर माफी मांगी: गौरीशंकर बिसेन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे अधिकारियों को गाली देते हुए दिखाई दिए थे. उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली है और कहा की पूरे प्रकरण में नाराजगी इसलिए थी की, कई अधिकारी नहीं पहुंचे थे. जनता आक्रोश में थी और थाने के सामने शव रखकर प्रदर्शन कर थे. मेरे कहने पर वो लोग मान गए थे, मैंने इसलिए अधिकारियों पर गुस्सा किया.