भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी आज बुधवार को कुछ बड़े निर्णय ले सकती है. मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई गई है. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्रीय चुनाव समिति के सभी सदस्य शामिल होंगे. इस बैठक में बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. मध्य प्रदेश से इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा सहित अन्य प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे.
कमजोर सीटों को लेकर बनेगी रणनीति: बताया जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव की उन सीटों को लेकर खासतौर से चर्चा होगी, जहां पार्टी कमजोर रही है. बैठक में ऐसी तमाम कमजोर सीटों को लेकर चर्चा की जाएगी, साथ ही ऐसी सीटों को लेकर अलग से रणनीति बनाई जाएगी. बैठक में ऐसी तमाम सीटों की अलग से सूची तैयार कर पेश किया जाएगा और प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी चर्चा की जाएगी. उम्मीदवार की सूची तय करने और प्रचार की रणनीति पर भी चर्चा होने की संभावना है. आमतौर पर भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा तभी करती है, जब आचार संहिता लागू हो जाती है और चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाता है.
वेलफेयर स्कीम्स को लेकर होगी चर्चा: बैठक में केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने सहित जमीन स्तर पर किए जा रहे कामों की जानकारी भी राज्यों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी. गौरतलब है कि पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव को लेकर सभी राज्यों में भाजपा ने अभी से तैयारियों शुरु कर दी हैं.
क्यों इस मीटिंग पर होगी कांग्रेस की निगाहें: दिल्ली में बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों की निगाहें होंगी. माना जा रहा है कि एमपी समेत छत्तीसगढ़ के उन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगेगी जहां पार्टी की हालत पतली है. विरोधी दल के प्रत्याशी सत्ताधारी दल को बड़ा डेंट दे सकते हैं. हालांकि नाम फाइनल किए जाने के बावजूद उनकी सार्वजनिक घोषणा नहीं होगी. इसके पीछे विपक्ष की रणनीति को फेल करना मकसद होगा. साथ ही पार्टी के भीतर अभी से टिकट को लेकर मचने वाले घमासान को भी रोकना.
कांग्रेस इस चुनाव में बीजेपी के सामने कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है, इसलिए इस मीटिंग में तय मुद्दों पर उसकी निगाहें भी टिकी हैं. इसके जरिए कांग्रेस को अपने प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाने में मदद मिलेगी. पार्टी बीजेपी के प्रत्याशी के आधार पर मजबूत और जनाधार वाले नेताओं को मैदान में उतार सकेगी.