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MP Assembly Election 2023: बीजेपी को एंटी इनकम्बेंसी की आशंका ! दिग्गजों के जारी हैं लगातार दौरे

मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होने वाले हैं. इसी के चलते भाजपा ने कमर कस ली है. पार्टी के दिग्गज नेता लगातार एमपी के दौरे कर रहे हैं. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और संघ प्रमुख मोहन भागवत मध्यप्रदेश के दौरे के जरिए बीजेपी को ताकतवर बनाने की तैयारी है. खास बात यह है कि पीएम मोदी अप्रैल महीने में 2 बार एमपी के दौरे पर आएंगे. यानि पूरा महिना सियासी गतिविधियों का केंद्र रहेगा.

Modi Amit Shah Mohan Bhagwat on MP tour
बीजेपी को एंटी इनकम्बेंसी की है आशंका
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Published : Mar 25, 2023, 9:54 PM IST

Updated : Mar 25, 2023, 10:13 PM IST

भोपाल। क्या वजह है कि बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं ने अचानक एमपी के दौरे तेज़ कर दिए हैं. क्या केंद्रीय नेतृत्व को एमपी में एंटी इन्कमबेंसी की आशंका है. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में 25 मार्च को आदिवासियों को साधने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा. 31 मार्च को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी. 1 अप्रैल को पीएम मोदी का सैन्य अधिकारियों की राष्ट्रीय बैठक में शामिल होना और फिर उसके बाद 24 अप्रैल को पीएम मोदी का एमपी दौरा. जिसमें पंचायती राज दिवस पर वो प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और उत्कृष्ट पंचायतों को पुरस्कृत भी करेंगे.

कांग्रेस के गढ़ में शाह की हुंकार: एमपी में शुरुआत से पेसा एक्ट के साथ आदिवासी नायकों को पुर्नजीवित कर रही बीजेपी का फोकस 2023 के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों पर है. पार्टी नो स्टोन अनटर्न्ड के अंदाज में काम कर रही है. लिहाजा आदिवासी पर फोकस करते हुए छिंदवाड़ा यानि कमलनाथ के गढ़ को भी नहीं छोड़ा जा रहा. 25 मार्च को एक तरीके से बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत छिंदवाड़ा से हो गई है. अमित शाह ने जनसभा में चुनावी बिगुल फूंकने के साथ कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया. उनका ये दौरा कार्यक्रम कमलनाथ को उनके गढ़ में चुनौती देने जैसा है. जाहिर है अगर बीजेपी छिंदवाड़ा को कांग्रेस के लिए कमजोर करने में सफल रही तो एमपी में 2023 की जंग आसान हो जाएगी.

1 महीने में पीएम के एमपी के 2 दौरे: पीएम मोदी के एक महीने के भीतर दो बार एमपी के दौरे पर आएंगे. एक अप्रैल को पहला दौरा सेना के सम्मेलन को लेकर है. जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल होंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सममेलन में हिस्सा लेने 31 मार्च को भोपाल आ सकते हैं. सेना के सम्मेलन का आयोजन स्थल मध्यप्रदेश को बनाए जाने से भी एक बड़ा संदेश जाएगा. पीएम मोदी का एमपी आना भी अपने आप में शिवराज सरकार और बीजेपी को ताकत देता है. अप्रैल महीने में ही दूसरी बार पीएम मोदी 24 अप्रैल को मध्यप्रदेश के दौरे पर आएंगे. ये दौरा चुनावी दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है कि क्योंकि पंचायती राज दिवस पर पीएम मोदी प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों से बात करेंगे. उत्कृष्ट कार्य कर रही पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा. भोपाल के जंबूरी मैदान में फिलहाल ये कार्यक्रम प्रस्तावित है. जिसमें प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से करीब 170 सीटें ग्रामीण वोटर की हैं. इस लिहाज से चुनाव के पहले पंचायत प्रतिनिधियों का ये सम्मेलन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मजबूत करने के लिहाज से अहम होगा.

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सिंधी समाज के सम्मेलन में 31 को आएंगे भागवत: केवल बीजेपी ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियां भी एमपी में तेज हुई हैं. 31 मार्च को संघ प्रमुख मोहन भागवत सिंधी समाज के सम्मेलन में शामिल होने भोपाल पहुंच रहे हैं. सिंधु सभा इस कार्यक्रम का आयोजक है. जिसमें माना जा रहा है पूरे देश से सिंधी समाज के लोग भागीदारी करेंगे. एमपी में इस आयोजन की जवाबदारी बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी को सौपी गई है. सिंधी समाज से जुड़ें संतों के साथ इस आयोजन में समाज के स्वतंत्रता सेनानियों की प्रदर्शनी भी होगी. इनमें हेमू कालाणी जैसे वीर खासतौर पर उल्लेखनीय हैं. इनका जीवन दर्शन भी इस आयोजन में होगा, जिन्होंने 19 वर्ष की छोटी उम्र में देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था. देश में सिंधी समाज के योगदान को रेखांकित किया जाएगा. वैसे तो सिंधी समाज लंबे वक्त से बीजेपी का ही मजबूत वोट बैंक कहा जाता है. लेकिन इस तरह के आयोजन उसे और मजबूती देने की कोशिश होंगे.

भोपाल। क्या वजह है कि बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं ने अचानक एमपी के दौरे तेज़ कर दिए हैं. क्या केंद्रीय नेतृत्व को एमपी में एंटी इन्कमबेंसी की आशंका है. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में 25 मार्च को आदिवासियों को साधने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा. 31 मार्च को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी. 1 अप्रैल को पीएम मोदी का सैन्य अधिकारियों की राष्ट्रीय बैठक में शामिल होना और फिर उसके बाद 24 अप्रैल को पीएम मोदी का एमपी दौरा. जिसमें पंचायती राज दिवस पर वो प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और उत्कृष्ट पंचायतों को पुरस्कृत भी करेंगे.

कांग्रेस के गढ़ में शाह की हुंकार: एमपी में शुरुआत से पेसा एक्ट के साथ आदिवासी नायकों को पुर्नजीवित कर रही बीजेपी का फोकस 2023 के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों पर है. पार्टी नो स्टोन अनटर्न्ड के अंदाज में काम कर रही है. लिहाजा आदिवासी पर फोकस करते हुए छिंदवाड़ा यानि कमलनाथ के गढ़ को भी नहीं छोड़ा जा रहा. 25 मार्च को एक तरीके से बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत छिंदवाड़ा से हो गई है. अमित शाह ने जनसभा में चुनावी बिगुल फूंकने के साथ कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया. उनका ये दौरा कार्यक्रम कमलनाथ को उनके गढ़ में चुनौती देने जैसा है. जाहिर है अगर बीजेपी छिंदवाड़ा को कांग्रेस के लिए कमजोर करने में सफल रही तो एमपी में 2023 की जंग आसान हो जाएगी.

1 महीने में पीएम के एमपी के 2 दौरे: पीएम मोदी के एक महीने के भीतर दो बार एमपी के दौरे पर आएंगे. एक अप्रैल को पहला दौरा सेना के सम्मेलन को लेकर है. जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल होंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सममेलन में हिस्सा लेने 31 मार्च को भोपाल आ सकते हैं. सेना के सम्मेलन का आयोजन स्थल मध्यप्रदेश को बनाए जाने से भी एक बड़ा संदेश जाएगा. पीएम मोदी का एमपी आना भी अपने आप में शिवराज सरकार और बीजेपी को ताकत देता है. अप्रैल महीने में ही दूसरी बार पीएम मोदी 24 अप्रैल को मध्यप्रदेश के दौरे पर आएंगे. ये दौरा चुनावी दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है कि क्योंकि पंचायती राज दिवस पर पीएम मोदी प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों से बात करेंगे. उत्कृष्ट कार्य कर रही पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा. भोपाल के जंबूरी मैदान में फिलहाल ये कार्यक्रम प्रस्तावित है. जिसमें प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से करीब 170 सीटें ग्रामीण वोटर की हैं. इस लिहाज से चुनाव के पहले पंचायत प्रतिनिधियों का ये सम्मेलन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मजबूत करने के लिहाज से अहम होगा.

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सिंधी समाज के सम्मेलन में 31 को आएंगे भागवत: केवल बीजेपी ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियां भी एमपी में तेज हुई हैं. 31 मार्च को संघ प्रमुख मोहन भागवत सिंधी समाज के सम्मेलन में शामिल होने भोपाल पहुंच रहे हैं. सिंधु सभा इस कार्यक्रम का आयोजक है. जिसमें माना जा रहा है पूरे देश से सिंधी समाज के लोग भागीदारी करेंगे. एमपी में इस आयोजन की जवाबदारी बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी को सौपी गई है. सिंधी समाज से जुड़ें संतों के साथ इस आयोजन में समाज के स्वतंत्रता सेनानियों की प्रदर्शनी भी होगी. इनमें हेमू कालाणी जैसे वीर खासतौर पर उल्लेखनीय हैं. इनका जीवन दर्शन भी इस आयोजन में होगा, जिन्होंने 19 वर्ष की छोटी उम्र में देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था. देश में सिंधी समाज के योगदान को रेखांकित किया जाएगा. वैसे तो सिंधी समाज लंबे वक्त से बीजेपी का ही मजबूत वोट बैंक कहा जाता है. लेकिन इस तरह के आयोजन उसे और मजबूती देने की कोशिश होंगे.

Last Updated : Mar 25, 2023, 10:13 PM IST
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