भोपाल। इस साल के सत्र में केंद्र सरकार ने पहली से आठवीं तक की एनसीईआरटी की किताबों से बाबर हुमायूं सहित कई मुगलों के इतिहास से जुड़े अध्याय को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के राज्य शिक्षा केंद्र ने नई किताब का विक्रय ही नहीं किया और पुरानी किताबों से ही छात्रों को पढ़ाने के लिए इन्हें दे दिया गया. इसके बाद विवाद बढ़ा तो शिक्षकों ने भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला देते हुए इन पुरानी किताबों से छात्रों को पढ़ाने के लिए मना किया, तो राज्य शिक्षा केंद्र ने लेटर जारी करते हुए पुरानी किताबों से ही छात्रों को पढ़ाने की वकालत की.
क्या लिखा है लेटर में: इस लेटर में लिखा गया है कि "जिन अध्याय को हटाया गया है, उन्हें नहीं पढ़ाया जाए. जबकि पूरा कोर्स यथावत वैसा ही है, अगली साल जब नई किताबें छप कर आएंगी तो उनसे छात्रों को अध्ययन कराया जाएगा, जबकि अभी इन्हीं किताबों से अध्ययन कराया जाए."
इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र के संयुक्त संचालक संजय पटवा ने जानकारी देते हुए बताया कि "फिलहाल शुद्धि पत्र के माध्यम से पढ़ाने के निर्देश दिए हैं, जिसे केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हटाए जाने के निर्देश थे. क्योंकि सभी कक्षाओं और विद्यालयों में किताबें बांटी जा चुकी हैं, ऐसे में नई किताबें जब छप कर आएंगी, तब तक काफी देर हो जाएगी और बच्चे कोर्स में पीछे रह जाएंगे. इसलिए शुद्धि पत्र जारी कर शिक्षकों को निर्देशित किया जा रहा है कि किन अध्ययन को नहीं पढ़ाया जाना है.
नई सत्र की पुस्तकें बाजारों में उपलब्ध नहीं: दअरसल एनसीईआरटी की नई किताबें अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाई है, इससे अभिभावक परेशान हैं. इसी सिलेबस के आधार पर एमपी पुस्तक निगम की किताबें भी बाजार में पिछले साल सत्र 2022-23 की नए सत्र में बिक गई. राज्य शिक्षा केंद्र ने एनसीईआरटी के स्कूलों में पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है.
जारी निर्देश में कहा गया है कि "1 अप्रैल 2023 नये सत्र के प्रारंभ से अभी तक डिपो में जो भी पुरानी पुस्तकें व्यापारियों के विक्रय हेतु दी गई हैं, उन्हें स्कूलों में शिक्षक स्वीकार नहीं कर रहे हैं व नई पुस्तकें मांग रहे हैं. नए सत्र के प्रारंभ से तथ्यात्मक स्थिति यह है कि एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम में कमी की गई है, न कि अध्ययन अध्यापन सामग्री में कोई बदलाव है. अतः पूर्व शैक्षिक सत्र 2022-23 में मप्र पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा मुद्रित पुस्तकों को अध्ययन हेतु उपयोग में लिया जा सकता है."