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एक कदम और आगे बढ़ा इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट, केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच हुआ एमओयू

इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की बीच एमओयू हुआ है.केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह की उपस्थिति में यह एमओयू करार किया गया है.

इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के हुआ एमओयू
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Published : Aug 19, 2019, 11:35 PM IST

भोपाल। इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया गया है. केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की कमलनाथ सरकार के बीच एक एमओयू हुआ है. इंदौर में 31 और भोपाल में 27 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है.

इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के हुआ एमओयू

केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह की उपस्थिति में यह एमओयू करार किया गया है. मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे. एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक, जबकि दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहे तक 12.88 किलोमीटर का होगा. इसकी कुल लागत 6941 करोड़ 40 लाख रुपए होगी.

इसी तरह इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी. यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगा. इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख है. भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा. यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की 50-50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी.

कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल व्हीकल के रूप में काम करेगी कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा, जिसमें 10 डायरेक्टर होंगे. भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित पांच डायरेक्टर नामित करेगी. प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित पांच डायरेक्टर नामांकित करेगी.

भोपाल। इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया गया है. केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की कमलनाथ सरकार के बीच एक एमओयू हुआ है. इंदौर में 31 और भोपाल में 27 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है.

इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के हुआ एमओयू

केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह की उपस्थिति में यह एमओयू करार किया गया है. मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे. एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक, जबकि दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहे तक 12.88 किलोमीटर का होगा. इसकी कुल लागत 6941 करोड़ 40 लाख रुपए होगी.

इसी तरह इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी. यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगा. इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख है. भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा. यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की 50-50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी.

कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल व्हीकल के रूप में काम करेगी कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा, जिसमें 10 डायरेक्टर होंगे. भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित पांच डायरेक्टर नामित करेगी. प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित पांच डायरेक्टर नामांकित करेगी.

Intro:भोपाल। इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया गया है। दिल्ली में भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बीच एमओयू हुआ केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह की उपस्थिति में यह एमओयू हुआ है। प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है।


Body:नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करवा दो सर कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहे तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत 6941 करोड़ 40 लाख रुपए होगी। वही इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भमर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगा इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख है। गौरतलब है कि भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की 50:50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी। कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल परपज व्हीकल के रूप में काम करेगी कंपनी का 1 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा इसमें 10 डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित पांच डायरेक्टर नामित करेगी प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित पांच डायरेक्टर नामांकित करेगी।


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