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Weather Update: MP में फिर मानसून मेहरबान! अगले 24 घंटे में झूम के बरसेंगे 'बदरा'

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Published : Jul 20, 2021, 4:57 AM IST

Updated : Jul 20, 2021, 8:11 AM IST

प्रदेश के सभी संभागों में आगामी 24 घंटे में बारिश का अनुमान है. दरअसल, मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 20 जुलाई को प्रदेश में एक नया सिस्टम डेवलप हो रहा है, जिसके चलते प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में तेज बारिश का अनुमान है.

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वेदर अपडेट्स

भोपाल। प्रदेश में एक छोटे से ब्रेक के बाद मानसून फिर से सक्रिय हो गया है. ऐसे में मौसम विभाग ने प्रदेश के दमोह, रीवा समेत 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है. अगले 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है. इस दौरान कई इलाके में बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है.

20 जुलाई को अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में हवाओं का रुख दक्षिण-पूर्वी है, जिसके कारण हवा की रफ्तार वृद्धि दर्ज की गई है. यही कारण है कि मौसम में नमी बढ़ रही है. मानसून ट्रफ सागर, गुना, रतलाम के ऊपर से होकर गुजर रही है, जिसका असर ग्वालियर-चंबल पर देखने को मिल रहा है. ऐसे में 20 जुलाई यानी मंगलवार को एक नया सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके कारण प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है.

लोगों को मिली राहत
दरअसल. बीते रविवा एक बार फिर मानसून की वापसी हुई और दोपहर बाद से ही आसमान में बादल उमड़ घुमड़ करने लगे और शाम होते-होते बारिश की शुरुआत भी हो गई, अभी ज्यादा बारिश तो नहीं हुई है, कहीं तेज बारिश हुई तो कहीं रिमझिम फुहार पड़ी. किसानों को अब आस है कि जब मानसून की वापसी हो गई है तो इंद्रदेव जरूर मेहरबान होंगे.

खुशी से खिल गए किसानों के चेहरे
बता दें कि प्रदेश के शहडोल जिले में पिछले कुछ दिनों से काफी तेज धूप हो रही थी और तेज गर्मी पड़ रही थी, जिसकी वजह से किसान मायूस थे, क्योंकि उनकी फसलें सूखने लगी थीं, लंबे समय बाद हुई बारिश ने एक बार फिर लोगों को राहत दी है. झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, लंबे समय से किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उनकी फसलें सूखने लगी थी. धान की नर्सरी सूखने के कगार पर थी. कुछ दिन और बारिश नहीं होती तो पूरी तरह से फसल चौपट हो जाती, ऐसे में बारिश होतो ही किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं.

क्या होता है येलो अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की चेतावनी जारी की जाती है. इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि हम हमारे इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें और सावधानी बरतें. येलो अलर्ट जारी करने का मतलब वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है. इस अलर्ट के मुताबिक तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए अपनी जगह और गतिविधि को लेकर सावधान रहना चाहिए.

ऑरेंज अलर्ट के बारे में भी जान लें
ऑरेंज अलर्ट में मध्यम से भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की जाती है. मौसम विभाग ऑरेंज अलर्ट जारी करता है तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है. अब आप को खराब मौसम के लिए तैयार रहने की जरूरत है और इसके लिए आप तैयार हो जाएं. मौसम ऐसे करवट लेता है जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है. तब इस तरह का अलर्ट जारी किया जाता है. खराब मौसम के लिए यात्रा कामकाज और दूसरी गतिविधियों में तैयारी रखने की जरूरत होती है.

जानें रेड अलर्ट का मतलब
रेड अलर्ट में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की जाती है. मौसम विभाग गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है. इस तरह का अलर्ट कम ही होता है. रेड अलर्ट के मायने हैं कि अब जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है. अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है और मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं. रेड अलर्ट अगर गर्मी के मौसम में जारी होता है तो आपको घर से बाहर नहीं निकलना है और जरूरी इंतजाम करने की सलाह दी जाती है. इसी तरह बारिश में अगर रेड अलर्ट जारी होता है तो इसका मतलब साफ है कि किसी तरह का बाढ़ या तूफान आने वाला है.

भोपाल। प्रदेश में एक छोटे से ब्रेक के बाद मानसून फिर से सक्रिय हो गया है. ऐसे में मौसम विभाग ने प्रदेश के दमोह, रीवा समेत 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है. अगले 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है. इस दौरान कई इलाके में बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है.

20 जुलाई को अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में हवाओं का रुख दक्षिण-पूर्वी है, जिसके कारण हवा की रफ्तार वृद्धि दर्ज की गई है. यही कारण है कि मौसम में नमी बढ़ रही है. मानसून ट्रफ सागर, गुना, रतलाम के ऊपर से होकर गुजर रही है, जिसका असर ग्वालियर-चंबल पर देखने को मिल रहा है. ऐसे में 20 जुलाई यानी मंगलवार को एक नया सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके कारण प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है.

लोगों को मिली राहत
दरअसल. बीते रविवा एक बार फिर मानसून की वापसी हुई और दोपहर बाद से ही आसमान में बादल उमड़ घुमड़ करने लगे और शाम होते-होते बारिश की शुरुआत भी हो गई, अभी ज्यादा बारिश तो नहीं हुई है, कहीं तेज बारिश हुई तो कहीं रिमझिम फुहार पड़ी. किसानों को अब आस है कि जब मानसून की वापसी हो गई है तो इंद्रदेव जरूर मेहरबान होंगे.

खुशी से खिल गए किसानों के चेहरे
बता दें कि प्रदेश के शहडोल जिले में पिछले कुछ दिनों से काफी तेज धूप हो रही थी और तेज गर्मी पड़ रही थी, जिसकी वजह से किसान मायूस थे, क्योंकि उनकी फसलें सूखने लगी थीं, लंबे समय बाद हुई बारिश ने एक बार फिर लोगों को राहत दी है. झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, लंबे समय से किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उनकी फसलें सूखने लगी थी. धान की नर्सरी सूखने के कगार पर थी. कुछ दिन और बारिश नहीं होती तो पूरी तरह से फसल चौपट हो जाती, ऐसे में बारिश होतो ही किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं.

क्या होता है येलो अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की चेतावनी जारी की जाती है. इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि हम हमारे इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें और सावधानी बरतें. येलो अलर्ट जारी करने का मतलब वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है. इस अलर्ट के मुताबिक तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए अपनी जगह और गतिविधि को लेकर सावधान रहना चाहिए.

ऑरेंज अलर्ट के बारे में भी जान लें
ऑरेंज अलर्ट में मध्यम से भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की जाती है. मौसम विभाग ऑरेंज अलर्ट जारी करता है तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है. अब आप को खराब मौसम के लिए तैयार रहने की जरूरत है और इसके लिए आप तैयार हो जाएं. मौसम ऐसे करवट लेता है जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है. तब इस तरह का अलर्ट जारी किया जाता है. खराब मौसम के लिए यात्रा कामकाज और दूसरी गतिविधियों में तैयारी रखने की जरूरत होती है.

जानें रेड अलर्ट का मतलब
रेड अलर्ट में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की जाती है. मौसम विभाग गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है. इस तरह का अलर्ट कम ही होता है. रेड अलर्ट के मायने हैं कि अब जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है. अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है और मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं. रेड अलर्ट अगर गर्मी के मौसम में जारी होता है तो आपको घर से बाहर नहीं निकलना है और जरूरी इंतजाम करने की सलाह दी जाती है. इसी तरह बारिश में अगर रेड अलर्ट जारी होता है तो इसका मतलब साफ है कि किसी तरह का बाढ़ या तूफान आने वाला है.

Last Updated : Jul 20, 2021, 8:11 AM IST
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