भोपाल। पीएम स्वानिधि योजना की ब्रांडिंग के लिए केंद्र सरकार अपने मंत्रियों को पूरे देश में भेजकर इसके लाभ तो बता रही है, लेकिन साथ में लोगों के बीच ये भी बताने की कोशिश है कि भले ही आपका सिविल खराब हो लेकिन उसके बावजूद सरकार ऐसे लोगों को लोन दे रही है, जो डिफाल्टर हैं. इसके लिए आपको सिर्फ आपका आधार और बैंक अकाउंट ही लगेगा.
पीएम स्वनिधि योजना का रिव्यू: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने कहा कि ''आज भारत सरकार के जरिए पीएम स्वनिधि का रिव्यू कर रहे हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और और राजस्थान में योजना की समीक्षा कर रहे हैं. योजना में आधार कार्ड, बैक अकाउंट ही जरूरी है. अर्बन लोकल बॉडी के रिकमेंडेशन पर भी लोन मिलता है.''
इकोनॉमी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार प्रयासरत: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने बताया कि ''पूरे देश में पीएम स्वनीधि को लेकर बैठक कर रहे हैं. इकोनॉमी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार काम कर रही है. गरीबों की मदद के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्लान के तहत काम किया जा रहा है. देश में इस योजना के तहत करोड़ों हितग्राहियों को लोन दिया गया है.''
जून 2020 में हुई थी पीएम स्वनिधि योजना: बता दें कि बेरोजगार हुए रेहड़ी-पटरी वालों और ठेला लगाने वालों छोटो-मोटे काम कर गुजारा करने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार ने 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर को पीएम स्वनिधि योजना की शुरूआत की थी. योजना के तहत अब तक करोड़ों लाभार्थियों को रुपये जारी किए जा चुके हैं. इसमें 10 हजार, 20 हजार और 50 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है. यदि लोग सही समय पर पैसा जमा करते हैं तो इस राशि को और भी बढ़ा दिया जाता है.
अच्छे रिकॉर्ड वालों को मुद्रा योजना में भी लोन मिलेगा: मध्य प्रदेश के 43 लाख लोगों को योजना के तहत 7321 करोड़ लोन दिया गया. 13 लाख लोगों ने बैंक का लोन वापस कर लिमिट बढाई. लोन के साथ डिजिटल ट्रेनिंग का भी प्रावधान स्ट्रीट वेंडर, छोटे दुकानदार का जीवन बदल रहा, पीएम स्वनिधि के अच्छे रिकॉर्ड वालों को मुद्रा योजना में भी लोन मिलेगा. सिर्फ 3 प्रतिशत ब्याज पर लोन मिल रहा है. वहीं 7 प्रतिशत ब्याज केंद्र भर सरकार भर रही है. UP में 90 प्रतिशत, MP में 88 परसेंट टारगेट पूरा हुआ है.
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अब तक 7 हजार करोड़ का लोन दिया गया: वित्त मंत्री ने बताया कि ''अभी तक 7 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन योजना के तहत दिया जा चुका है. योजना क्रियानवहन में यूपी पहले और एमपी दूसरे नंबर पर है. एमपी में योजना को लेकर बेहतर काम हुआ है. मध्यप्रदेश में करीब 1 लाख नए आवेदन पर विचार जारी है. योजना लाभ के लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने नसीहत देते हुए कहा कि योजना का लाभ देने की संबंधित नगरीय निकायों की जिम्मेदारी है, बार बार फोन करें, अफसरों से पूछे क्यों नहीं मिला लाभ, कितने दिन में मिलेगा लाभ, अपने अफसरों से जानकारी लें. क्योंकि स्थानीय स्तर पर कई बार देर होती है.''