भोपाल। 2023 की तैयारी और 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने की जद्दोजहद में जुटी बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाएगी. इसके लिए प्रदेश में डेढ़ से 2 लाख कार्यकर्ताओं को जोड़कर बीजेपी उन्हें ट्रेनिंग देगी. ट्रेनिंग पाने वाले कार्यकर्ता हर बूथ से बुलाए जाएंगे और हर बूथ से इनकी संख्या कम से कम दो होगी. इसके लिए जल्द ही प्रदेश संगठन यह तय करने वाला है कि इन्हें आने वाले दिनों में अपनी वर्किंग में किस तरह का बदलाव लाना है. ट्रेनिंग देने के लिए संभाग और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी. प्रदेश महामंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि ''हमारी पार्टी में संगठन स्तर के कार्यक्रम चलते रहते हैं और ट्रेनिंग देने का पार्टी का ये नया प्लान नहीं है बल्कि बीजेपी हमेशा कार्यकर्ता को एक्टिव मोड में रखती है''.
आईटी सेक्टर की जानकारी रखने वालो को किया जाए ट्रेंड: विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने संगठन के सबसे छोटे और सबसे मजबूत माने जाने वाले कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों के लिए एक्सपर्ट बनाने का फैसला किया है. इन्हें शुरुआती दौर में सबसे अधिक एक्टिव सोशल मीडिया और आईटी सेक्टर में बनाया जाएगा. इसलिए संगठन ने तय किया है कि बूथ स्तर के कम से कम दो ऐसे कार्यकर्ता जो आईटी सेक्टर की जानकारी रखते हैं, उन्हें ट्रेंड किया जाए. ये कार्यकर्ता सीधे बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय से जुड़े रहेंगे. इन्हें संगठन की गतिविधियों को बूथ स्तर पर आईटी तकनीक से पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और ट्रेनिंग के बाद ये बूथ के दूसरे कार्यकर्ताओं को अपने स्तर पर ट्रेंड करने का काम करेंगे.
करीब 2 लाख कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग: पार्टी बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए को पहले ही ट्रेनिंग दे चुकी है, इसलिए अब बूथ कार्यकर्ता पर फोकस किया जा रहा है. प्रदेश में 65, 500 पोलिंग बूथ हैं और इन बूथों पर नियुक्त कार्यकर्ताओं के लिहाज से करीब डेढ़ से दो लाख कार्यकर्ता ट्रेनिंग लेंगे. इन कार्यकर्ताओं को संभागीय मुख्यालय में सोशल मीडिया और आईटी वर्किंग की ट्रेनिंग दी जाए या प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाए, इसके लिए पार्टी कार्यक्रम तय करने जा रही है.
ट्रेंड कार्यकर्ता बढ़ाएंगे पार्टी का वोट शेयर: साल 2018 में प्रदेश में बीजेपी को 41% वोट मिले थे, पार्टी इसे बढ़ाकर 2023 में 51% करने जा रही है. जिसके लिए उन्हें जातिगत, सामाजिक समीकरणों पर काम करना शुरू कर दिया है. पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस आदिवासी और दलित वोटर्स पर है, संगठन में दलितों और आदिवासियों को केंद्रीय नेतृत्व में जगह दी जा रही है.
पार्टी का फोकस दलित और आदिवासी: पार्टी के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी का कहना है कि ''दलित और आदिवासी समुदाय के नेताओं की संगठन के भीतर हमेशा मौजूदगी रही है, लेकिन अब उन्हें जिम्मेदारी के मामले में और अधिक प्रमुखता दी जाएगी''. अपने इस मास्टर प्लान के पहले चरण में भाजपा दलित इलाकों में दलित नेताओं की प्रतिमाएं स्थापित करने की योजना बना रही है. अम्बेडकर जैसे नाम पर कुछ शिक्षण संस्थानों के नामकरण पर भी काम चल रहा है. साथ ही आदिवासियों के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोगों की प्रतिमाएं और उनके नामों को लोग जाने इसके लिए चाहे सड़क हों फिर अन्य कोई जगह उनके नाम पर रखी जाएगी.
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