भोपाल। प्रदेश में कमाऊ पूत कहे जाने वाला खनिज विभाग अब अपनी ही सुरक्षा को लेकर चिंतित है. खनिज मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कई बार खनिज विभाग के अधिकारी असुरक्षा के डर से अवैध खनन माफिया पर कार्रवाई नहीं कर पाते हैं, इसलिए खनिज विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है, और सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवानों की मांग की है.
खनिज अधिकारियों की सुरक्षा बड़ा विषय
खनिज मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है खनिज विभाग के अधिकारी कई बार सुरक्षा नहीं मिलने के कारण अवैध उत्खनन पर कार्रवाई नहीं कर पाते हैं. इसलिए खनिज मंत्री ने उनकी सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात कर यह मांग रखी है, कि खनिज विभाग को सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवान दिए जाएं, ताकि खनिज विभाग के अधिकारी बेखौफ होकर अवैध उत्खनन और खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दे सकें.
खनिज विभाग की कार्रवाई में पुलिस की दखलअंदाजी
खनिज मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि ज्यादातर खनन मामलों में पुलिस का सीधा दखल होता है. ऐसे में हमने गृह विभाग और मुख्यमंत्री से मांग की है कि खनन के मामलों में ओवर लोडिंग और परिवहन पर सीधे पुलिस कार्रवाई न करें. क्योंकि ज्यादातर मामलों में पुलिस सीधे अवैध उत्खनन और परिवहन पर कार्रवाई करती है. मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले में सीएम शिवराज सिंह से मांग की है कि अवैध उत्खनन और परिवहन पर सिर्फ खनिज विभाग की कार्रवाई करें, ऐसी व्यवस्था होना चाहिए, जिससे खनिज विभाग निष्पक्षता के साथ काम कर सके और पुलिस का खनन के मामले में कोई दखल न हो. इसके साथ ही रेत में खेत के मामलों को लेकर खनिज मंत्री का कहना है, हम सरकार से बात कर रहे हैं, कि जिन किसानों के खेत में नदी की रेत है उसे उठाने की व्यवस्था की जाए.
खनिज विभाग की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
दरअसल प्रदेश में अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले आए दिन सामने आते हैं और ऐसे मामलों में कई बार पुलिस अधिकारी और खनिज विभाग के अधिकारियों पर हमले के मामले भी कई बार सामने आए हैं. इसको लेकर अब खनिज विभाग अपनी यूनिट की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करना चाहता है. यही वजह है कि खनिज मंत्री ने मुख्यमंत्री से मिलकर खनिज अधिकारियों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवानों की मांग की है, ताकि अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग सख्त कार्रवाई कर सके.